सिक्यूरिटी गार्ड पिता की सीमित आय में बिना कोचिंग के ही संदीप बने चार्टर्ड अकाउंटेंट!

सिक्यूरिटी गार्ड पिता की सीमित आय में बिना कोचिंग के ही संदीप बने चार्टर्ड अकाउंटेंट!

किसी भी माता पिता के लिए वो गर्व का क्षण होता है जब उनकी संतान पढ़ लिखकर कोई उंचा मकाम हासिल कर लेती है। और यदि उसने ये मकाम कठिन रास्तों और विषम परिस्थितियों में से गुज़र कर पाया हो तो वह सिर्फ अपने माता पिता की नज़र में ही नहीं बल्कि पुरे समाज की नज़र में सम्मान का पात्र बन जाता है।

रीबी की खाईयों से निकलकर अपनी मेहनत और लगन से उच्च शिक्षा की उंचाईयों तक पहुँचने वाले लोग हमेशा सबको प्रेरित करते है। ऐसे ही एक शख्स है संदीप अकड़े जिन्होंने पहली ही बार में सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट)  की परीक्षा पास कर ली है।

संदीप के पिता, देविदास अकड़े  पुणे शहर में एक सिक्यूरिटी गार्ड के तौर पर कार्यरत है। देविदास पहले दुकानों पर सामान ढोने का काम करते थे। बढ़ती उम्र की वजह से जब उनके लिए ये काम मुश्किल होने लगा तो उन्होंने एक पेट्रोल पंप पर वाचमैन की नौकरी कर ली। इस नौकरी से उन्हें महीने में केवल रु. 7000 रूपये की ही आय होती थी।

परिवार की आर्थिक हालत अच्छी न होते हुए भी संदीप ने अपने एक दोस्त से प्रभावित होकर सीए करने की ठानी, जो की एक बहुत कठिन फैसला था। अपने पुरे परिवार में बारवी पास करने वाले भी संदीप पहले शख्स है। उनके दोनों भाईयों को भी आर्थिक परिस्थितियों की वजह से पढाई छोड़कर काम पर लगना पडा था।

ऐसे में संदीप को ये अच्छी तरह पता था कि उनका परिवार उनके सीए की महँगी कोचिंग का खर्चा नहीं दे पायेगा। पर कोचिंग न करना संदीप के बुलंद इरादों के आगे न आ सका और उन्होंने सीए का पहला स्तर बिना कोचिंग के ही एक ही बार में पास कर लिया। यहाँ तक कि उन्होंने खुद काम करके कमाए हुए पैसों से रजिस्ट्रेशन फीस भरी।

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Photo Source: Facebook

"मेरी कामयाबी का बहुत बड़ा श्रेय आंबेडकर भवन को जाता है। आंबेडकर भवन बहुत ही कम शुल्क में छात्रों को अपनी लाइब्रेरी तथा वाचनालय इस्तेमाल करने देता है। अपनी पढाई ख़त्म करके मैं अपनी आर्टिकलशिप की ट्रेनिंग के लिए जाता था, फिर दुबारा पढने के लिए यहाँ आता था और  फिर रात को आखरी बस पकड़कर घर जाया करता था," संदीप ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ बातचीत के दौरान बताया।

सीए का प्रथम स्तर पास करने के बाद से ही संदीप ने लोन लेने की कोशिश शुरू कर दी थी। चूँकि आर्टिकलशिप की ट्रेनिंग के लिए उन्हें घूमना पड़ता था इसलिए उन्होंने अपनी एम् कॉम की पढाई द्वितीय वर्ष में ही छोड़ दी थी।

पर अब परीक्षा पास करने के बाद संदीप एक बेहतरीन भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे है। उनका सपना है कि वे बिग फोर नामक कंपनी के साथ काम कर सके।

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अब वे नौकरी करके अपने परिवार की सारी मुसीबतों को दूर करना चाहते है और उन्हें एक आरामदायक जीवन देना चाहते है।

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