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महिला रामलीला! राम, रावण, हनुमान, सभी हैं महिलाएं! कोई MBA है, कोई इंजीनियर

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रामलीला तो आपने ज़रूर देखी होगी, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी अनोखी रामलीला देखी है जिसमें कोई भी पुरुष किरदार ही न हो? राम, रावण, हनुमान, लक्ष्मण जैसे सभी पात्र सिर्फ़ महिलाएं ही अदा कर रही हों? मंच का संचालन भी पूरी तरह महिलाओं के हाथों में हो? नहीं न? तो आज हम आपको चंडीगढ़ के पास जीरकपुर के चिनार होम्स में चल रही ऐसी ही रामलीला में ले चलेंगे। इसे आप महिला रामलीला भी कह सकते हैं। इस रामलीला में केवल महिलाएं ही भाग लेती हैं और इसे देखने के लिए कोई पचास-सौ नहीं, बल्कि हज़ारों की संख्या में दर्शक जुट रहे हैं।

इस रामलीला को ऑर्गेनाइज़ करने वाली संस्था ‌’जड़ों से जुड़ो’ की फाउंडर एकता नागपाल ने द बेटर इंडिया से बातचीत में बताया कि यह महिला सशक्तिकरण की तरफ़ एक कदम है। उन्होंने कहा, “लोग अपनी संस्कृति को भूलकर आज वेस्टर्न कल्चर की आँख बंद करके नक़ल किए जा रहे हैं। ऐसे में इस रामलीला के आयोजन के पीछे हमारा उद्देश्य महिलाओं को उनकी जड़ों से जोड़ने का है।”

13 साल की सबसे छोटी कलाकार, 77 वर्ष की सबसे बुज़ुर्ग

इस रामलीला की ख़ास बात यह है कि इसमें 13 साल की सबसे छोटी कलाकार से लेकर 77 साल की बुज़ुर्ग तक अपना किरदार बहुत ही बढ़िया ढंग से अदा कर रही हैं। 13 वर्ष की जाह्नवी को रामलीला में अंगद का रोल मिला है, तो वहीं 77 वर्षीय पुष्पा जुनेजा को भगवान राम की माँ कौशल्या का। इन सभी कलाकारों की अदाकारी देखकर ऐसा बिलकुल नहीं लगता कि सिर्फ़ कुछ ही दिनों के रिहर्सल के बाद ये परफॉर्म कर रहे हैं।

रात आठ बजे के बाद रामलीला देखने जुटते हैं हज़ारों दर्शक

जीरकपुर स्थित पीर मुछल्ला ढकोली में जिस जगह यह महिला रामलीला आयोजित की जा रही है, उस जगह का नाम है ‘चिनार होम्स’। यहाँ रात 8 बजे से लेकर रात्रि 11 बजे तक रामलीला के दर्शकों का जमावड़ा रहता है। आयोजक एकता नागपाल का दावा है कि यहाँ हर रोज़ क़रीब तीन से चार हज़ार रामलीला प्रेमी पधारते हैं। उन्होंने बताया कि ऑडिटोरियम में लगभग डेढ़ हज़ार कुर्सियां लगाई गईं हैं, जिसमें से एक भी खाली नहीं रहती। इस रामलीला का क्रेज़ ऐसा है कि हज़ारों लोग पीछे की तरफ़ खड़े भी रहते हैं।

ऑडिशन के ज़रिए चुने गए रामलीला के कलाकार

एकता नागपाल बताती हैं कि उन्होंने सभी रेज़िडेंट वेलफेयर सोसायटीज़ में रामलीला आयोजन की सूचना दी और पर्चे बांटे गए। इसके बाद जो महिलाएं रामलीला में काम करना चाहती थीं, उन्होंने एकता से संपर्क किया। कलाकारों के लिए बाक़ायदा ऑडिशन रखे गए। इस तरह अलग-अलग भूमिकाओं के लिए कलाकारों का चयन किया गया। कौन सी अभिनेत्री किस रोल में फिट होंगी, इसका भी पूरा ध्यान रखा गया।

कलाकारों में कोई बैंकर, कोई आर्किटेक्ट, कोई बीटेक स्टूडेंट

इस रामलीला में कुल 32 कलाकार काम कर रहीं हैं। रामलीला के पात्रों को मंच पर निभाने वाली इन महिला कलाकारों में कोई पेशे से आर्किटेक्ट हैं तो कोई बैंकर; कोई सोशल एक्टिविस्ट हैं तो कोई बीटेक स्टूडेंट। भगवान श्रीराम का किरदार 30 वर्षीय प्रतिभा सिंह निभा रही हैं, जो एक बैंक में काम करती हैं। प्रतिभा बताती हैं कि उन्होंने इस रामलीला के रिहर्सल के लिए अपने बिज़ी शेड्यूल में से टाइम निकाला।

वहीं, रावण की भूमिका निभाने वालीं रेणु एक सोशल एक्टिविस्ट हैं। रेणु ने अपनी अदाकारी में और जान लाने के लिए पुरानी रामायण भी देखी। इस रामलीला में लक्ष्मण बनने वालीं वैष्णवी एक स्टूडेंट हैं। यह रोल मिलने के बाद, वह इसे लेकर काफ़ी सीरियस हैं और अपने खान-पान पर ज़्यादा ध्यान देने लगी हैं। रामलीला में सीता का किरदार निभाने वाली माधवी जायसवाल केवल 18 साल की हैं और वह भी अभी पढ़ाई कर रही हैं। रामलीला की वजह से उनके जीवन में एक अनुशासन आ गया है। त्रिजटा का रोल निभा रहीं आमोदिनी भट्ट एक बीटेक स्टूडेंट हैं।

रामलीला ने भुला दीं ज़िंदगी की तक़लीफ़ें

जीरकपुर की इस रामलीला में कौशल्या का किरदार अदा कर रहीं पुष्पा जुनेजा की दो हार्ट बाईपास सर्जरी हो चुकीं हैं। उनके घुटनों का भी ट्रांसप्लांट हुआ है। आंखों में भी दिक्क़त है। इसके बावजूद वह रोल में परफेक्ट हैं। एकता बताती हैं, “हम सभी ने उनकी स्वास्थ्य से जुड़ी तक़लीफ़ों को देखते हुए उन्हें रामलीला में भाग न लेने की सलाह दी, लेकिन वह नहीं मानीं।”

26 सितंबर से शुरू हुई यह महिला रामलीला दशहरा पर होगी संपन्न

इस महिला रामलीला का आयोजन 26 सितंबर, 2022 से हुआ था और यह 5 अक्टूबर यानी दशहरे के दिन तक चलेगी। एकता के अनुसार इसके लिए कलाकारों ने कई दिनों तक प्रैक्टिस की है। और ख़ास बात यह कि रामलीला में अभिनय कर रहीं सभी कलाकार रात को ज़मीन पर चटाई बिछाकर सोती हैं। उनका कहना है कि इससे मन की शुद्धता और शांति बनी रहती है। रामलीला में पात्र करके वे अपने जीवन में भी कई तरह के अच्छे बदलाव महसूस कर रही हैं।

इस अनोखी महिला रामलीला का बजट क्या है? कैसे हुए सभी इंतज़ाम?

एकता बताती हैं कि कलाकारों के कॉस्ट्यूम दिल्ली से मंगवाए गए हैं। इसके अलावा, कहीं-कहीं पुरुष कलाकारों की आवाज़ की ज़रूरत पड़ती है, उसके लिए मोहाली के एक स्थानीय स्टूडियो ने उनकी मदद की। यह स्टूडियो आवाज़ों की रिकॉर्डिंग करके संस्था को देते हैं और इस भावपूर्ण आयोजन को देखते हुए वह रिकॉर्डिंग के बदले कोई शुल्क भी नहीं ले रहे हैं। अभी तक कुल 45 रिकॉर्डिंग कराई जा चुकी हैं और इस रामलीला के आयोजन का कुल बजट 25 लाख रुपए रखा गया है।

इस महिला रामलीला का क्या उद्देश्य है?

एकता नागपाल कहती हैं, “इन दिनों महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर हिस्सा ले रहीं हैं। तो हमने सोचा कि रामलीला में भी सभी किरदार महिलाएं ही क्यों न अदा करें? हमारा इरादा इस आयोजन के ज़रिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसके अलावा महिलाओं को अपनी जड़ों की ओर लौटाना, उन्हें जड़ों से जोड़ना भी हमारा उद्देश्य है।”

संपादन – भावना श्रीवास्तव

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