देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म पुरस्कार है। पद्म पुरस्कारों की तीन श्रेणियां हैं।
-पद्म विभूषण (असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए),
-पद्म भूषण (उच्च-क्रम की प्रतिष्ठित सेवा) और
-पद्म श्री (प्रतिष्ठित सेवा) ।
भारतीय खेलों के इतिहास में पहली बार, इस बार जिनके नाम युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा इस पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं, वे सभी एथलीट महिलाएं हैं।
आइए, जानते हैं इन महिला एथलीट्स का सफर और उनकी कामयाबी के बारे में…
1. एम. सी. मैरी कॉम (मुक्केबाजी)
भारत रत्न के बाद दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण के लिए मैरी कॉम की सिफारिश की गई है। उन्हें 2013 में पद्म भूषण और 2006 में पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है। मैरी कॉम के नाम कई बड़े रिकॉर्ड हैं। वह 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज हैं और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदक जीत चुकी हैं।
इस वीडियो में जानिये मैरी कॉम की ज़िन्दगी से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें!
2. पुसरला वेंकट सिंधु (बैडमिंटन)
इस बैडमिंटन सुपरस्टार ने 2015 में पद्म श्री प्राप्त किया और अब इन्हें पद्म भूषण के लिए नामांकित किया गया है। इस साल की शुरुआत में उन्होंने BWF विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा को अड़तीस मिनट में हराकर यह कारनामा किया था।
जितनी प्रभावशाली उनकी जीत है उतना ही प्रेरणादायक उनका सफर भी रहा है। सिंधु ने पुलेला गोपीचंद की अकादमी जाने के लिए हर सुबह लगभग 56 किमी की यात्रा करती थीं, जहां वह हर दिन चार घंटे प्रशिक्षण लेती थीं।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिंधु की सफलता में उनके गुरु गोपीचंद का बहुत बड़ा योगदान रहा है। गोपीचंद के लिए भी यह सफ़र इतना आसान नहीं था। आईये इस वीडियो में जाने उनके इस सफ़र के बारे में!
3. विनेश फोगाट (कुश्ती)
हरियाणा की यह पहलवान प्रतिष्ठित लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय हैं। 2018 में विनेश ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, एशियाई चैंपियनशिप में रजत और जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। अब 2020 टोक्यो ओलंपिक में उनसे देश के लिए पदक जितने की उम्मीदें हैं।
इस लेख में पढ़िए कि कैसे उनके चाचा महावीर फोगाट ने कड़ी मेहनत से उन्हें और उनकी बहनों को इस खेल की बुलंदियों तक पहुँचाया।
4. हरमनप्रीत कौर (क्रिकेट)
2017 आईसीसी महिला विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन बनाने वाली क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर का नाम खेल मंत्रालय ने इस साल पद्म श्री के लिए आगे किया है। क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के सपने देखने वाली हरमनप्रीत ने 20 साल की उम्र में पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। हरमनप्रीत जून 2016 में विदेशी T20 फ्रेंचाइजी द्वारा साइन होने वाली पहली भारतीय क्रिकेटर भी हैं।
5. रानी रामपाल (हॉकी)
छह साल की उम्र में हरियाणा की रानी रामपाल ने हॉकी के मैदान में कदम रखा। 14 साल की उम्र में, उन्होंने वरिष्ठ भारतीय महिला हॉकी टीम में अपनी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी के रूप में पदार्पण किया। 2016 में, जब 36 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, तब वह रानी ही थीं जिन्होंने विजयी गोल किया था।
रानी को खेल की दुनिया में कदम रखने के लिए संघर्ष से गुजरना पड़ा है। द बेटर इंडिया के साथ एक साक्षात्कार में, वह कहती हैं, “परिवार ने नहीं सोचा था कि खेल एक करियर हो सकता है, कम से कम लड़कियों के लिए नहीं। इसके अलावा, मेरे रिश्तेदार अक्सर मेरे पिता से कहते थे, वह हॉकी क्या खेलेगी? वह एक छोटी स्कर्ट पहने हुए मैदान के चारों ओर दौड़ेगी और अपने परिवार का नाम ख़राब करेगी।”
इस साल, खेल मंत्रालय ने पद्म श्री के लिए उनका नाम आगे किया है। आप यहाँ उनकी यात्रा के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।
6. मनिका बत्रा (टेबल टेनिस)
जनवरी 2019 तक की रैंक के अनुसार, मनिका भारत की टॉप और दुनिया की 47वीं सबसे बड़ी खिलाड़ी हैं। मनिका ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला टीम का नेतृत्व कर स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने सिंगापुर टीम पर 3-1 से शानदार जीत दर्ज की थीं। 24 साल की मनिका कई पुरस्कार जीत चुकी हैं। वह अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस फाउंडेशन द्वारा “द ब्रेकथ्रू स्टार अवार्ड” प्राप्त करने वाली एकमात्र भारतीय हैं।
उनका नाम पद्म श्री के लिए नामित किया गया है। आप यहाँ उनके बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।
7. सुमा शिरूर (निशानेबाज)
पद्मश्री के लिए नामांकित, सुमा एक पूर्व भारतीय शूटर हैं जिन्होंने 1990 में खेलना शुरू किया था। 2002 में उन्होंने मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर राइफल (अंजलि भागवत के साथ) में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।
बुसान में 2002 के एशियाई खेलों में भी उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में रजत जीता था।
8 – 9 ताशी और नुंग्शी मलिक (पर्वतारोहण)
पर्वतारोहण के एक वेकेशन कोर्स के रूप में शुरू हुए सफर का ही परिणाम है कि अब इन जुड़वां बहनों को पद्म श्री के लिए नामित किया गया है। ताशी और नुंग्शी के नाम माउंट एवरेस्ट पर पहुँचने वाली पहली जुड़वां बहनों के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
वह सेवेन समिट्स – माउंट किलिमंजारो (दक्षिण अफ्रीका), माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट एल्ब्रस (यूरोप), माउंट एकॉनकागुआ (दक्षिण अमेरिका), माउंट कार्सेंत्ज पिरामिड (ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया), माउंट मैककिनले (अलास्का) को स्केल करने वाले पहली जुड़वां हैं।
साथ ही वे विश्व के पहले भाई-बहन, पहले जुड़वां और सबसे कम उम्र की महिलाएं हैं जिन्होंने ग्रैंड स्लैम और थ्री पोल्स चैलेंज पूरा किया। जुड़वां बहनों के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
अब हमें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या, 2020 (25 जनवरी) तक इंतजार करना होगा कि इनमें से कौन से नामांकन स्वीकार किए गए और किन्हें सम्मानित किया जाएगा।
संपादन – मानबी कटोच
मूल लेख – विद्या राजा