थार मरूस्थल, जहां दिन का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब होता है। दिन में चलने वाली तेज़ हवाएं रेत उड़ाती है। क्या आप सोच भी सकते हैं कि ऐसी जगह पर बच्चों का स्कूल हो सकता है? दूर-दूर तक रेत ही रेत और भयंकर गर्मी के बावजूद, यहां बच्चे हंसते-खेलते पढ़ाई कर सकते हैं? थार रेगिस्तान के बीचों-बीच, दिखने में बेहद खूबसूरत और प्रभावशाली वास्तुशिल्प का यह शानदार नमूना, पीले बलुआ से बना है। इस अंडाकार संरचना को देखकर लगता है, मानों यह संरचना भी प्राकृतिक रेगिस्तान का ही एक हिस्सा है। यह है Rajkumari Ratnavati Girls School, जिसे न्यूयॉर्क की डायना केलॉग ने डिज़ाइन किया है। राजस्थान में महिला साक्षरता दर महज 32% है। ऐसे में जैसलमेर के कनोई गाँव का यह स्कूल लड़कियों को एक नई उमंग दे रहा है।
शिक्षा ही नहीं, रोज़गार भी दे रही यह इमारत
इस इमारत को अमेरिका के माइकल ड्यूब के NGO (CIITA) ने बनाया है। Rajkumari Ratnavati Girls School के ‘ज्ञान केंद्र’ नाम के इस हिस्से में, गरीबी रेखा से नीचे आनेवाले परिवारों की बच्चियों को पढ़ाया जाता है। इस स्कूल में किंडरगार्टन से 10वीं कक्षा तक की 400 छात्राएं पढ़ती हैं। परिसर में एक कपड़ा संग्रहालय और परफॉर्मेंस हॉल भी है।इसके अलावा, यहां कारीगरों को अपने क्रॉफ्ट्स बेचने के लिए प्रदर्शनी लगाने की जगह भी दी गयी है। इसी इमारत के एक हिस्से में महिलाओं को पारंपरिक कलाओं, जैसे-बुनाई और वस्त्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि खो रहे हस्तशिल्प को संरक्षित किया जा सके। यह स्कूल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक होने के साथ-साथ सस्टेनेबिलिटी मॉडल भी है। सोलर पावर वाली छत, चूने की दिवारें और जालीदार खिड़कियां, बेहद गर्मी में भी अंदर से इसे ठंडा रखती हैं। इसके अलावा इस स्कूल में और भी बहुत कुछ है खास। देखें इस स्कूल का यह वीडियो –
संपादन- जी एन झा
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