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1 दिसम्बर को लखनऊ भारत का पहला ऐसा शहर बन गया जहाँ दो महिला चालको द्वारा मेट्रो रेल की शुरुआत की गयी। इस मेट्रो को चला रही थी अलाहबाद की प्रतिभा शर्मा और प्राची शर्मा।
यह फैसला लखनऊ मेट्रो रेल कोरपोरेशन (एलएम्आरसी )द्वारा महिलाओं को इस क्षेत्र में प्रेरित करने के लिए लिया गया। जब एलएम्आरसी द्वारा 97 रेल चालको की जगह की घोषणा की गयी तो आवेदकों में 19% महिलायें थी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 20% आरक्षण के नियम के तहत एलएम्आरसी ने 21 महिलाओं को इस नौकरी के लिए चुना।
चेन्नई के अलावा मेट्रो की सुविधा वाले बाकी सभी भारतीय शहरो में 3% से भी कम महिलाओं को रेल चालाक के रूप में नौकरी दी जाती है।
"हमने पहली बार मुख्यमंत्री और आम लोगों के सामने मेट्रो चलाने के लिए दो महिला चालको को चुना। हमारी महिला चालके आत्मविश्वास से भरी हुई है। वे मेट्रो चलाने के लिए इतनी उत्साहित थी कि परिक्षण के दिन भी इसे चलाने की इच्छा रखती थी। इन महिलाओं को बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने पहले एलएमआरसी के सेंटर ऑफ़ एक्सलेंस से प्रशिक्षण लिया और फिर दिल्ली मेट्रो रेल कोरपोरेशन में रहकर भी सीखा," एलएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कुमार केशव ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया।
प्रतिभा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की है और प्राची को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल है। इन दोनों ने जून महीने में स्टेशन कंट्रोलर के तौर पर एलएमआरसी में काम करना शुरू किया था।
"मुझे अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे। हमे गर्व है कि हम लखनऊ का पहला मेट्रो चला रहीं है," प्राची ने जी न्यूज़ के एक रिपोर्टर के साथ बात करते हुए कहा।
प्रतिभा और प्राची ने चार कोच वाली इस रेल को पहले दिन 6 किमी की दूरी तय करके 6 स्टेशनो से गुज़रते हुए चलाया। इनकी यात्रा ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो डेपो से शुरू होते हुए लखनऊ के चारबाघ रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी।