एक समय था, जब माना जाता था कि महिलाओं का काम, सिर्फ सजना-संवरना और घर के काम संभालना ही होता है। लेकिन तेज़ी से समय बदला और आज भारतीय महिलाएं, ब्यूटी प्रोडक्ट्स से लेकर टेक्नॉलजी जैसी कई बड़ी इंडस्ट्रीज़ का नेतृत्व (World’s Most Powerful CEOs) कर रही हैं और ना सिर्फ भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान भी बना रही हैं।
आज हम आपको ऐसी ही कुछ भारतीय महिला सीईओ की कहानियां बता रहे हैं, जो विश्वभर के बड़े ब्रांड्स का नेतृत्व कर रही हैं और जिनका नाम और काम आज करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है।
1. रेवती अद्वैती – फ्लेक्स
रेवती अद्वैती (54) फ्लेक्स की सीईओ (Among World’s Most Powerful CEOs) हैं। फ्लेक्स, दुनिया की सबसे बड़ी निर्माण कंपनियों में से एक है। रेवती ने फरवरी-2019 में सीईओ के रूप में कार्यभार संभाला और कंपनी की रणनीतिक दिशा व तकनीकी इनोवेशन को मैनेज करती हैं। वह, Uber और Catalyst.org, दोनों के निदेशक मंडल के लिए एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और एमआईटी प्रेसिडेंशियल सीईओ एडवाइजरी बोर्ड की सदस्या भी हैं।
भारत में जन्मी और पली-बढ़ीं अद्वैती ने ‘बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (पिलीनी)’ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है और ‘थंडरबर्ड स्कूल ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट (एरिज़ोना)’ से एमबीए किया है।
2. शर्मिष्ठा दुबे – मैच ग्रुप
51 वर्षीया शर्मिष्ठा दुबे, मैच ग्रुप की सीईओ हैं। मैच ग्रुप $40 बिलियन का टेक्नोलॉजी ग्रुप है। टिंडर (Tinder), ओकेक्यूपिड (OkCupid), हिंज (Hinge) और प्लेंटीऑफफिश (PlentyOfFish) जैसे कई ऑनलाइन डेटिंग एप्लिकेशन इसी समुह का हिस्सा हैं।
जमशेदपुर में जन्मी और पली-बढ़ीं, शर्मिष्ठा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से एमएस किया।
3. रेशमा केवलरामानी – वर्टेक्स फार्मास्यूटिकल
रेशमा केवलरामानी, साल 2017 में एक अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी, ‘वर्टेक्स फार्मास्युटिकल्स’ की प्रेसिंडेंट और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (Among World’s Most Powerful CEOs) के रूप में कंपनी में शामिल हुईं। वर्टेक्स ज्वाइन करने से पहले, वह ‘ग्लोबल मेडिसिन डेवलपमेंट एंड मेडिकल अफेयर्स’ की मुख्य चिकित्सा अधिकारी और कार्यकारी प्रेसिडेंट थीं। उन्होंने एक अन्य बायोफार्मास्युटिकल कंपनी, ‘एम्जेन’ में भी 12 साल से अधिक समय बिताया। वहां, उन्होंने रिसर्च और डेवलपमेंट में कई तरह की भूमिकाएं निभाईं।
केवलरामानी का जन्म बॉम्बे में हुआ था। वह 11 साल की उम्र तक भारत में पली-बढ़ीं और फिर अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गईं। बोस्टन विश्वविद्यालय से अपनी मेडिकल डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।
4. सोनिया स्यंगल – गैप इंक
अमेरिकी-कनाडाई बिजनेसवुमन सोनिया स्यंगल, अमेरिकी वर्ल्डवाइड क्लॉथिंग-एक्सेसरीज़ रिटेलर, ‘गैप इंक’ की प्रेसिडंट और सीईओ हैं। सोनिया को फॉर्च्यून 500 कंपनी की कुछ सर्वोच्च रैंक वाली भारतीय अमेरिकी महिला सीईओ के रूप में भी शामिल किया गया था।
भारत में जन्मी, स्यंगल का पालन-पोषण कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ, जहां उन्होंने कैटरिंग विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
5. जयश्री उल्लाल – एरिस्टा नेटवर्क्स
जयश्री उल्लाल, साल 2008 से एक कंप्यूटर नेटवर्किंग फर्म, ‘अरिस्टा नेटवर्क्स’ की प्रेसिडंट और सीईओ (Among World’s Most Powerful CEOs) रही हैं। वह दुनिया की 72 सेल्फ-मेड महिला अरबपतियों में से एक हैं। लंदन में जन्मी और नई दिल्ली में पली-बढ़ीं उल्लाल ने सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की और बाद में सैंटा क्लैरा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। उल्लाल ने फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर, सिस्को और एएमडी के साथ भी काम किया है।
6. अंजलि सूद – Vimeo
अंजलि सूद को साल 2017 में एक वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Vimeo के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था। अंजलि ने 2005 में पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से बी.एससी और साल 2011 में हार्वर्ड से एमबीए किया। साल 2014 में उन्होंने Vimeo में मार्केटिंग डायरेक्टर का पद संभाला। इसके बाद उनके काम से कंपनी इतनी प्रभावित हुई कि 2017 में उन्हें Vimeo की सीईओ बना दिया गया।
7. पद्मश्री वारियर – फेबल
टेक में सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक मानी जाने वाली पद्मश्री वारियर, फैबल की संस्थापक और सीईओ (Among World’s Most Powerful CEOs) हैं। इस कंपनी को साल 2019 में स्थापित किया गया था। पद्मश्री ने सिस्को और मोटोरोला के चीफ टेक्नॉलजी अधिकारी के रूप में भी काम किया।
वह, टेस्ला के साथ प्रतिस्पर्धा वाली इलेक्ट्रिक कार कंपनी NIO USA की सीईओ भी रहीं। विजयवाड़ा में एक तेलुगु परिवार में जन्मी और पली-बढ़ीं, वारियर ने IIT दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की है।
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8. प्रिया लखानी – सेंचुरी टेक
सेंचुरी टेक की संस्थापक और सीईओ, प्रिया लखानी ने स्कूलों और कॉलेजों के लिए नवीनतम एआई-आधारित शिक्षण तकनीकों और उपकरणों का विकास किया है। एक बैरिस्टर के रूप में प्रशिक्षित, लखानी ने बिजनेस के अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए कानूनी पेशे को छोड़ दिया।
साल 2009 में ‘बिजनेस ऑन्त्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर’ और 2014 में ओबीई से सम्मानित लखानी को शिक्षा और एआई का लीडर माना जाता है। भारतीय परिवार में जन्मीं प्रिया का पालन-पोषण यूके के चेशायर में हुआ और उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से लॉ में मास्टर्स डिग्री हासिल की।
9. लीना नायर – शनेल
फ्रेंच लक्जरी फैशन हाउस ‘शनेल (Chanel)’ की लेटेस्ट ग्लोबल चीफ एग्जीक्यूटिव ( (Among World’s Most Powerful CEOs) ), लीना नायर, यूनिलीवर की पहली महिला और सबसे कम उम्र की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) भी थीं।
महाराष्ट्र की मूल निवासी लीना ने मैनेजमेंट में अपना करियर तब शुरू किया, जब उनकी कंपनी में केवल दो प्रतिशत महिला कर्मचारी थीं। उन्हें साल 2021 की फॉर्च्यून इंडिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में भी शामिल किया गया था।
10. अंकिती बोस – ज़िलिंगो
अंकिती बोस, एक बहुराष्ट्रीय स्टार्टअप और दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी बी2बी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक ज़िलिंगो की सह-संस्थापक और सीईओ हैं। 29 वर्षीया अंकिती को साल 2018 में फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30 सूची और फॉर्च्यून के 40 अंडर 40 लिस्ट में शामिल किया गया था।
उन्हें, साल 2019 में ब्लूमबर्ग 50 में भी फीचर किया गया था। देहरादून में जन्मी अंकिती, मुंबई में पली-बढ़ीं और सेंट जेवियर्स (मुंबई) में गणित और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
11. फाल्गुनी नायर – नायका
निवेश बैंकिंग में 20 साल के लंबे करियर को छोड़कर, 50 साल की उम्र में एक ब्यूटी स्टार्टअप शुरू करके, फाल्गुनी नायर साल की सबसे सफल महिलाओं में से एक बन गईं। Nykaa की संस्थापक, फाल्गुनी अब भारत की सबसे बड़ी स्व-निर्मित महिला अरबपति हैं, क्योंकि साल 2021 की अंतिम तिमाही में फर्म के शेयरों में 89 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
वह 6.5 बिलियन डॉलर की कंपनी के आधे हिस्से की मालिक हैं। उन्होंने साल 2012 में नायका शुरू करने के लिए, कोटक महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक का पद छोड़ दिया। नायका, भारतीयों के लिए सस्ती, दुर्लभ और लक्जरी ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स का तैयार करता है।
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