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64 साल में घर से शुरू किया हेयर ऑयल बिज़नेस, आज पूरे भारत में करती हैं डिलीवर

Veena Malhotra

साल 2016 में जब 64 वर्षीय वीणा मल्होत्रा चिकनगुनिया की बीमारी के बाद ठीक हुईं, ​​तो उन्होंने देखा कि उनके बाल झड़ने लगे थे। वह याद करते हुए बताती हैं कि तब उन्होंने कई तरह के तेल और बाक़ी उपाय आज़माए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। बीमारी के बाद उनकी घुटने की सर्जरी हुई, जिसके बाद और भी ज़्यादा बाल झड़ने शुरू हो गए। तब आयुर्वेद पर विश्वास करने वालीं वीणा तेल के साथ अलग-अलग जड़ी-बूटियां मिलाकर उन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगीं। वह यह पता करना चाहती थीं कि उनके बालों के लिए सबसे अच्छा क्या होगा। पांच साल बाद इन एक्सपेरिमेंट्स ने ही वीणा को अपना हेयर ऑयल बनाने के लिए प्रेरित किया। आज उनका अपना एक हेयर ऑयल बिज़नेस है, जिसकी शुरुआत गुरुग्राम में उनके घर के किचन से हुई थी। अक्टूबर 2021 में 10,000 रुपये के इन्वेस्टमेंट से शुरू किए गए इस बिज़नेस में आज हर महीने 30 बोतल से ज़्यादा हेयर ऑयल बिकता है। 

वह द बेटर इंडिया को बताती हैं, “तेल का हर बैच हाथ से बनाया हुआ और 100 प्रतिशत प्राकृतिक है। मैं अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करती।”

बालों की समस्या का हल ढूंढ़ते हुई हेयर ऑयल बनाने की शुरुआत 

बालों में कलर करने की वजह से वीना ने पाया कि उनके बालों के टेक्सचर और क्वालिटी पर बहुत बुरा असर पड़ा है। वह बताती हैं, “इसके बाद मैंने अपने बालों को मुलायम बनाने के लिए अंडे और दही जैसे कई घरेलू कंडीशनर आज़माए। इससे कुछ दिनों के लिए तो बाल ठीक-ठाक रहे, लेकिन उनकी क्वालिटी सही नहीं हुई और मुझे कोई ख़ास फ़ायदा नहीं दिखा।” 

जब उन्होंने अपने बालों को कलर करना बंद किया, तो देखा कि जो नए बाल निकले वो सफेद रंग के थे। इससे उन्हें एहसास हुआ कि उनके बाल झड़ने की समस्या भी कलर करने का ही नतीजा है, इसलिए उन्होंने फिर कभी बाल नहीं रंगने का फैसला किया। 

प्राकृतिक फॉर्मूले से चलता है वीणा का हेयर ऑयल बिज़नेस

उन्होंने जैतून, सरसों, तिल और नारियल के तेल में सूखे करी पत्ते, अश्वगंधा, शंखपुष्पी, मेथी दाना, कलौंजी, काला तिल और आंवला पाउडर जैसी अन्य जड़ी-बूटियां मिलाकर, अपना तेल बनाने की शुरुआत की। इस तरह वह जो भी नया इंग्रीडिएंट मिलाती थीं, सबसे पहले अपने बालों पर इस्तेमाल करके उसका असर देखती थीं। 

हेयर ऑयल में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटी

वह कहती हैं, “बालों को पोषण देने और साथ-साथ उनके बढ़ने में मदद करने वाला फॉर्मूला बनाने में मुझे लगभग पांच साल लगे। मौसम के हिसाब से भी इन तेलों का इस्तेमाल करना पड़ता है। जैसे सर्दियों में आप नारियल के तेल का इस्तेमाल नहीं कर सकते, क्योंकि यह जम जाता है।”

वीणा का दावा है कि उनके हेयर ऑयल में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटियां बालों को बढ़ने में मदद करती हैं, समय से पहले सफेद होना और बालों का झड़ना बंद करती हैं, डैंड्रफ को ख़त्म करती हैं, और प्रदूषण की वजह से डैमेज्ड बालों को ठीक करने में मदद करती हैं। पुरुष, महिलाएं और बच्चे, सभी इस हेयर ऑइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कोई प्रोडक्ट कैसा है यह आपको उसके असर से पता चलता है। वीणा के हेयर ऑयल बिज़नेस की एक संतुष्ट ग्राहक, कनिका कुश कहती हैं, “पिछले कुछ सालों में कई अलग-अलग हेयर ऑयल इस्तमाल करने के बाद, मैं निश्चित रूप से कह सकती हूं कि यह वाला वाक़ई अच्छा है। इस तेल ने मेरे बालों पर बहुत अच्छा असर दिखाया है। मैं कुछ समय से इसका लगातार इस्तेमाल कर रही हूँ और इसके परिणाम से काफ़ी खुश हूँ।” 

वह आगे कहती हैं, “यह आरामदायक मसाज करने के लिए भी बहुत अच्छा है। सिर्फ़ मैं ही नहीं, मेरे पति भी इसका इस्तेमाल करके खुश हैं।”

वीणा के साथ कनिका कुश

एक 100 मिलीलीटर तेल की बोतल 220 रुपये की है, साथ ही 60 रुपये डिलीवरी चार्ज है, जो आपके डिलीवरी एड्रेस पर निर्भर करता है। यह प्रोडक्ट आप ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं, जो पूरे भारत में डिलीवर किया जाता है। 

वीणा बताती हैं, “वैसे तो लोग ज़्यादा से ज़्यादा ऑयल ख़रीदेंगे तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी, लेकिन उससे भी ज़्यादा ज़रूरी यह है कि ग्राहक पहले प्रोडक्ट को टॉय करें, और अगर अच्छा लगे तो ही ज़्यादा मात्रा में ख़रीदें। इसलिए प्रोडक्ट कैसा है यह देखने के लिए हमारी 100 मिलीलीटर की बोतल एकदम सही है।”

कुछ करने की कोई उम्र नहीं होती‘, 64 की उम्र में शुरू किया अपना हेयर ऑयल बिज़नेस

वह कहती हैं, “मैंने रिटायरमेंट के बाद यह नया सफ़र शुरू किया है। मैंने ज़िंदगी भर काम किया है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद भी घर में ख़ाली नहीं बैठना चाहती थी। अपने खुद के बालों की समस्या के लिए इस हेयर ऑयल को बनाना शुरू किया था। लेकिन जब मैंने अपने आस-पास की महिलाओं को यह हेयर ऑयल देना शुरू किया, तो उनसे बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिला।”

इसके बाद उनकी महिला मित्रों और रिश्तेदारों ने वीणा को यह हेयर ऑयल बेचने की सलाह दी, ताकि वे भी इसे ज़्यादा मात्रा में ख़रीद सकें। वह बताती हैं, “उनमें से कोई भी इसे मुझसे फ्री में लेना नहीं चाहता था। वे चाहते थे कि मैं इसकी क़ीमत लगाऊं और अपना हेयर ऑयल बिज़नेस शुरू करूं।” 

इस तरह हेयर आयल बिज़नेस शुरु करने का आया ख़्याल

हेयर ऑयल बिज़नेस शुरू करने में वीणा की बेटी शेफाली मल्होत्रा ​​ने उनकी मदद की। आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स को लोगों के बीच प्रमोट करने के अलावा, शेफाली मार्केटिंग और सेल्स संभालती हैं।

बेटी शेफाली के साथ वीणा

शेफाली कहती हैं, “बचपन में मुझे अपने बाल पसंद नहीं थे, और न ही मैं किसी घरेलू उपाय में यक़ीन करती थी। लेकिन अब 40 साल की उम्र में, मैं न केवल होम रेमेडीज़ यूज़ करती हूँ, बल्कि इनपर भरोसा भी करने लगी हूँ। क्योंकि इनसे मेरे बाल टेक्सचर, वॉल्यूम और शाइन, हर तरह से बेहतर हुए हैं।”   

वह आगे अपनी माँ के बारे में बात करते हुए कहती हैं, “मेरी माँ के लिए ज़िंदगी आसान नहीं रही है। उनकी शादीशुदा ज़िंदगी बहुत मुश्किल थी फिर भी वह उस अपमानजनक रिश्ते को तब तक निभाती रहीं, जब तक मैं और मेरा भाई आत्मनिर्भर नहीं बन गए। हमने उन्हें ये सब झेलते हुए देखा है, और आज उनको अपने पैरों पर खड़ा होते और अपना खुद का हेयर ऑयल बिज़नेस चलाते हुए देखकर हमें वाक़ई उनसे बहुत प्रेरणा मिलती है।”  

वह आगे कहती हैं, “उनकी ही बदौलत आज मैं और मेरा भाई दोनों किसी क़ाबिल बन पाए हैं। हम अपने परिवार के पहले इंजीनियर और मैनेजमेंट डिग्री होल्डर हैं। इससे यह पता चलता है कि उन्होंने हमें कितनी अच्छी तरह पाला। उनके जज़्बे और लगन ने हम दोनों को बहुत कुछ सिखाया है।”

अपना हेयर ऑयल बिज़नेस चलाने वालीं वीणा का मानना है कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने अपने आस-पास की लगभग दस महिलाओं को बालों में केमिकल वाला कलर इस्तेमाल करने से रोक दिया है। वह कहती हैं, “इसका मतलब यह है कि अब कम पैकेट्स ख़रीदे और इस्तेमाल किये जा रहे हैं। इसी तरह अगर और लोग भी केमिकल का यूज़ कम करेंगे, तो बहुत अच्छा होगा। इस तरह मैं पर्यावरण के लिए भी कुछ अच्छा कर पा रही हूँ।”

सीखने की चाह और उत्साह से आगे बढ़ रही हैं

64 साल की उम्र में भी एक नए सफ़र की शुरुआत करना और स्वाभिमान के साथ उसे आगे बढ़ाना, सच में काफ़ी प्रेरणादायक है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बारे में ज़्यादा जानने की वीणा की चाह यह भी दिखाती है कि वह अपने हेयर ऑयल बिज़नेस के लिए कितनी उत्साहित हैं। फिलहाल वह इंगेजमेंट बढ़ाने और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचने के लिए काम कर रही हैं। शेफाली कहती हैं, “उनका उत्साह देखकर हमें भी मोटिवेशन मिलता है। वह कभी हार नहीं मानती और हमेशा मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार रहती हैं।” 

बेटी और पोते के साथ वीणा

माँ-बेटी बताती हैं कि उन्हें अपने हेयर ऑयल बिज़नेस से जितना भी फ़ायदा होता है, उसमें से 50 प्रतिशत वह ‘अच्छे कामों’ के लिए बचाते हैं। इसलिए उनका बिज़नेस बाक़ियों से अलग है। वीणा कहती हैं, “जैसे-जैसे हमारा बिज़नेस तरक्क़ी करेगा, हम यह हिस्सा बढ़ाते रहेंगे, मुझे यक़ीन है ऐसा जल्दी ही होगा।” ऐसी ही एक संस्था है सार शब्द मिशन, जो लोगों को मुफ़्त में दवाएं देने के अलावा कई फ़ूड कैम्प्स भी चलाते हैं। 

शेफाली बताती हैं कि उन्होंने अपनी माँ से जो सबसे बड़ी सीख ली है, वह यह है कि कुछ भी सीखने या करने की कोई उम्र नहीं होती। और जैसा वीणा कहती हैं, “अगर आपने कुछ करने का मन बनाया है, तो आगे बढ़िए और उस काम को करिए।”

मूल लेख – विद्या राजा

संपादन – अर्चना दुबे

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