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ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी की पासिंग आउट परेड में शामिल कुछ साहस और आत्मविश्वास से भरपूर महिलाओं ने करोड़ों भारतीयों के दिल जीत लिए, अदिति यादव भी इन्हीं महिलाओं में से एक हैं। सीडीएस के इंटरव्यू से दो दिन पहले रोड एक्सीडेंट में पिता को खो देने के बाद भी अलवर की रहने वाली अदिति ने अपने कदमों को रुकने नहीं दिया, पिता का सपना जो पूरा करना था।
इस बड़े सदमे के बीच भी वह इंटरव्यू के लिए गईं और साथ लेकर लौटीं सफलता, जिसके बाद शुरू हुई 11 महीनों की कठिन ट्रेनिंग। अदिति ने ट्रेनिंग भी बखूबी पूरी की और समय आ गया पासिंग आउट परेड का। "तुम बेफिक्र होकर तैयारी करो, किसी से डरना मत, कभी पीछे मत हटना।" बस, पिता की कहीं ये ही बातें लेफ्टिनेंट अदिति यादव के कानों में परेड के दौरान गूंज रही थीं।
बहरोड़ के गांव मांचल की रहने वाली 22 साल की अदिति यादव के पिता चंद्रशेखर, रेवाड़ी (हरियाणा) में संस्कृत के लेक्चरर थे और सीडीएस के इंटरव्यू से दो दिन पहले रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई थी। लेकिन पिता की इच्छा को पूरा करने के लिए अदिति इंटरव्यू देने गईं और अब आर्मी ऑफिसर बन गई हैं।
अदिति यादव के बचपन के सपने को पिता ने दी उड़ान
अदिति का बचपन से ही सपना था, भारतीय सेना में अफसर बनना। बेटी के इस सपने को पूरा करने में पिता चंद्रशेखर ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
सवेरे चार बजे उठकर वह अदिति को दौड़ लगवाने ले जाया करते थे और हमेशा इस बात का ध्यान रखते थे कि बेटी को कोई परेशानी ना हो। वह अपने लक्ष्य से भटके नहीं। पिता चंद्रशेखर ने बेटी के सपने को अपना बना लिया था और अदिति ने भी ठान लिया था कि पिता के और अपने इस सपने को पूरा करके ही दम लेंगी।
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साल 2020 में सीडीएस की लिखित परीक्षा पास करने के बाद, अदिति यादव के पास इंटरव्यू की तैयारी के लिए करीब एक महीने का समय था। उनका इंटरव्यू 28 जून, 2021 को था। इसके लिए वह 15-15 घंटे लगातार तैयारी कर रही थीं और उनकी इस तैयारी में साए की तरह साथ थे पिता चंद्रशेखर।
लेकिन एक दिन, रात के करीब 8 बजे अदिति के पिता स्कूटी से बाज़ार के लिए निकले। कुछ देर बाद ही एक बाइक वाले ने उन्हें टक्कर मार दी और सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हो गई।
दो दिन बाद ही आदिति को इंटरव्यू के लिए जाना था। घर में इसकी तैयारी हाे चुकी थी। बड़ी मुश्किल से आदिती को इस हादसे के बारे में बताया गया। पिता के मौत की खबर सुनते ही वह चीख पड़ीं।
सबको संभाला और खुद निकल पड़ीं पिता का सपना पूरा करने
घर में सब बदहवास से थे। अदिति यादव कभी माँ को संभालतीं, तो कभी भाई को। जो सपना उन्होंने और पिता ने साथ मिलकर देखा था, वह उनकी आंखों के सामने घूम रहा था। तब उन्होंने तय किया कि वह किसी भी हालत में पिता के इस सपने को टूटने नहीं देंगी।
दो दिन से जागीं आदिति ने इंटरव्यूर्स के एक-एक सवाल का जवाब दिया और नवंबर 2021 में उनका सलेक्शन हो गया। अदिती की 29 अक्टूबर को ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई में पासिंग आउट परेड हुई।
22 साल की अदिति, ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग पूरी कर अब आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। लेकिन परेड के समय भी उनकी आंखें स्टैंड में केवल अपने पिता को ढूंढ रही थीं। हालांकि, उन्हें पता था कि अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। परेड खत्म हुई, तो अदिति के चेहरे पर पिता का सपना पूरा कर लेने की खुशी और आंखों में उन्हें खो देने का ग़म था।
परेड से निकलकर उन्होंने पहला सैल्यूट अपनी लेक्चरर माँ विकास यादव और बड़े भाई मेजर भारत यादव को किया। इसके बाद, दूसरा सैल्यूट उन्होंने छोटे भाई कैप्टन विशाल यादव को किया। ये दोनों अदिति के ताऊ के बेटे हैं। अदिति का छोटा भाई हर्षवर्धन, 19 साल का है और कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर रहा है।
बेटी को देखकर माँ की आंखों में आंसू थे और आदिति का मन भी भारी था, क्योंकि जिस मुकाम पर वह खड़ी थीं, वहां तक उन्हें पहुंचाने वाला शख्स, उनके पिता साथ जो नहीं थे।
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