ये हैं आज़ादी के पहले से चल रहे भारतीय रेस्टोरेंट्स

1. टुंडे कबाबी, लखनऊ

लखनऊ में टुंडे कबाबी की शुरुआत 1905 में हाजी मुराद अली ने की थी। यहाँ के मुग़लिया ज़ायके के गलावटी/गलौटी कबाब, कोरमा और बिरयानी के स्वाद के आगे देश भर के बड़े-बड़े होटल्स के शेफ भी फीके पड़ जाते हैं।

2. फ्लूरीज़, कोलकाता

फ्लूरीज़ की शुरुआत स्विट्जरलैंड के एक दंपत्ति, Mr. & Mrs. जे फ्लूरी ने 1927 में की थी। यह कोलकाता का लोकप्रिय कॉफी शॉप है। अगर आप यहां आते हैं, तो इंग्लिश ब्रेकफास्ट, कॉफी, स्पेगेटी, टी, लैंब, चॉकलेट मूस, सैंडविच ज़रूर ट्राई करें।

3. लियोपोल्ड कैफे, मुंबई

हॉट चॉकलेट, पिज़्ज़ा, चाय, सैंडविच, सोया वाइन चिकन के लिए मशहूर है 1871 में खुला यह कैफ़े। आपको यहां के मेन्यू में चाइनीज़ फूड, इटैलियन डिशेज़ और भारतीय खाना भी मिलेगा।

4. शेख ब्रदर्स, गुवाहाटी

इस रेस्टोरेंट को 1800 के दशक में शेख गुलाम इब्राहिम ने बनवाया था, आज इसे उनकी तीसरी पीढ़ी चला रही है। इसकी शुरुआत ब्रेड और बिस्कुट से हुई थी और अब यहां आपको केक, कुकीज़, बिस्कुट की बहुत सी वरायटीज़ मिल जाएंगी।

5. मावल्ली टिफिन रूम्स, बेंगलुरु

1924 में शुरू हुए इस रेस्टोरेंट में आपको इडली, रवा डोसा, मसाला डोसा जैसा साउथ इंडियन खाना मिलेगा। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान चावल की कमी होने पर MTR ने सैनिकों को इडली परोसी थी।

6. करीम्स, दिल्ली

बेहद ज़ायकेदार मुग़लई खाना खाना चाहते हैं, तो 1913 में जामा मस्जिद से शुरू हुए, पुरानी दिल्ली के करीम होटल ज़रुर जाएं।

7. इंडियन कॉफ़ी हाउस, कोलकाता

1876 में बने इस कैफ़े को पहले अल्बर्ट हॉल के नाम से जाना जाता था, कॉफी हाउस नाम 1942 में पड़ा। कोलकाता की Presidency University के सामने बना यह कैफ़े आज कॉलेज स्टूडेंट्स का हैंगिंग पॉइंट बन चुका है।

लेकिन इंडियन कॉफ़ी हाउस का नाता भारत के स्वतंत्रता संग्राम से भी है। उस दौर में यहां सुभाष चंद्र बोस, सत्यजीत रे,अमर्त्य सेन, मृणाल सेन जैसी शख़्सियतें भी वक़्त बिता चुकी हैं।

8. ब्रिटानिया एंड कंपनी, मुंबई

साल 1923 में पहली बार ब्रिटानिया ने ब्रिटिश अधिकारियों के लिए अपने दरवाज़े खोले थे और तब से लेकर अब तक यह मुंबई का प्रसिद्ध रेस्टोरेंट बना हुआ है।

9. मित्र समाज, उडुपी

यह जगह भी अपने ख़ास खाने के लिए मशहूर है। यहां पर मंदिरों में खाना पकाने की उडुपी परंपरा का पालन किया जाता है। यह भी लगभग 100 साल पुराना है।

10. दोराबजी एंड संस, पुणे

दोराबजी, सोराबजी ने 1878 में पुणे का यह मशहूर रेस्टोरेंट शुरू किया था। शुरुआत में यह एक साधारण चाय की दुकान थी, लेकिन बाद में उन्होंने पारंपरिक लंच भी देना शुरू किया और देखते ही देखते यह फेमस हो गया और आज तक चल रहा है।