यहां कुल 600 रॉक शेल्टर्स हैं, जिनमें से 275 पर कलाकृतियां बनी हुई हैं। भीमबेटका क्षेत्र में प्रवेश करते ही आपको शिलाओं पर लिखी कई ऐसी जानकारियां मिलती हैं, जो बेहद ही रोचक हैं।
कोंकण के जियोग्लिफ्स या पेट्रोग्लिफ्स की प्रारंभिक खोज 2012 में की गई थी और आज ये कोंकण पेट्रोग्लिफ्स यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक हैं।
बड़े-बड़े पहाड़ और चट्टानों को काटकर बनाई गईं ये गुफाएं भारतीय कारीगरी और वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। अजंता की गुफाओं में दीवारों पर की गई नक्काशी बौद्ध धर्म से और एलोरा की 3 अलग-अलग धर्मों से जुड़ी हैं।
भुवनेश्वर शहर में मौजूद इन गुफाओं का इतिहास गुप्त काल से भी प्राचीन का है। उदयगिरि गुफा के अंदर 18 गुफाएं हैं और खंडगिरि गुफा में लगभग 15 गुफाएं हैं। इन प्राचीन गुफाओं की खोज पहली बार 19वीं शताब्दी में एक ब्रिटिश अधिकारी एंड्रयू स्टर्लिंग ने की थी।