पधारो  'म्हारो खेत'..

पधारो  'म्हारो खेत'..

अगर आप जोधपुर के पास से गुज़र रहे हैं, तो यहाँ से क़रीब 25km दूर मनाई गाँव ज़रूर जाएं। ऐसा क्या ख़ास है वहाँ? बताते हैं...

'म्हारो खेत'

एक एक्सपेरेंशिअल फार्म है, जहाँ जाकर आप देख सकते हैं कि असल में प्राकृतिक खेती कैसे की जाती है।

यहाँ आने वाले मेहमानों के लिए यह केवल एक अनोखा अनुभव ही नहीं है, बल्कि पूरे जोधपुर के लिए ताज़ा स्वादिष्ट सब्जियों का बेहतरीन ज़रिया भी है।

यह एक कपल, रजनुष और वेदिका अग्रवाल की पहल है। 2019 में ये दोनों जापान के क्योटो गए थे, जहाँ उन्हें 'म्हारो खेत' का आईडिया आया।

दरअसल, वहां उन्होंने देखा कि क्योटो में उगाई जाने वाली सब्जियां पूरे जापान में खाई जा रही थीं।

पेशे से इंजीनियर और सालों से अपना फैमिली बिज़नेस संभाल रहे रजनुष ने सोचा कि अगर क्योटो का यह 'फार्म-टू-टेबल' मॉडल इतना सफल है, तो क्यों न वे भी इसे अपनाएं!

फिर क्या था, उन्होंने भारत वापस आकर अपनी पुश्तैनी ज़मीन पर exotic सब्जियां उगाने का फ़ैसला किया।

उन्होंने 'म्हारो खेत' नाम से अपना बिज़नेस शुरू किया। आज उनके खेत से पूरे जोधपुर में ताज़ी सब्जियां जाती हैं।

सबसे ख़ास बात यह है कि कटाई के चार घंटे के अंदर वे ताज़ी स्वादिष्ट सब्जियां घर तक पहुंचाते हैं।

रजनुष बताते हैं कि उन्होंने अपने खेत में ड्रिप इरीगेशन सिस्टम भी लगाया है, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में 60 प्रतिशत पानी बचाता है।

खेत से ताज़ी सब्जियां सीधे आपके दरवाज़े पर पहुँचाने वाला यह वेंचर, रजनुष और वेदिका ने नवंबर 2020 में शुरू किया था। आज उनका बिज़नेस पूरे जोधपुर में मशहूर है और लोग उनके खेत में उगी सब्जियां बहुत पसंद कर रहे हैं।

हालांकि Exotic vegetables उगाने में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने एक्सपर्ट्स की मदद ली और अपने किसानों को ट्रेनिंग दी।

आज 'म्हारो खेत' में आने वाले मेहमान, खेत की सैर के साथ-साथ डाइनिंग एक्सपीरियंस भी ले सकते हैं।

वेदिका बताती हैं कि अब तक वे अपने फार्म पर 600 से ज़्यादा मेहमानों का स्वागत कर चुके हैं।

तो अगली बार अगर आप भी जोधपुर के आस-पास हों, तो 'म्हारो खेत' जाकर वहां के अद्भुत और प्राकृतिक माहौल का मज़ा लेना न भूलें!