आइए आपको बताते हैं पालागुट्टापल्ले बैग्स और एक ऐसे महिला समूह की कहानी, जिन्होंने आंध्र प्रदेश के चित्तूर में दूर बसे छोटे से गांव को अलग पहचान दिलाई।
कोई एनजीओ नहीं, कोई फंड नहीं। उन्होंने अपना पैसा लगाया, चेन्नई जाकर एक दोस्त से स्क्रीन प्रिंटिंग सीखी, एक दोस्त की माँ से कढ़ाई सीखी और अकाउंटिंग सीखा।