भारत में एक नहीं, कई बार मनाया जाता है
New Year
बीहू
भारत के नॉर्थ इस्टर्न राज्यों में बीहू, बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। असम में बिहू के पर्व के साथ ही नए साल की शुरुआत होती है।
बोहाग बिहू का जश्न पूरे सप्ताह ड्रम और बाजों की गूंज के साथ चलता है। इस त्योहार को रोंगाली बिहू या फसलों का पर्व भी कहते हैं।
Green Leaf
गुड़ी पड़वा
यह त्योहार महाराष्ट्र में नए साल के रूप में मनाया जाता है। इसे मराठी-पड़वा भी कहते हैं। इसी दिन चैत्र नवरात्रि शुरू होती है।
आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व 'गुड़ी पड़वा' के रूप में मनाया जाता है।
बैसाखी
यह सिख नव वर्ष कहलाता है। पंजाब में बैसाखी के दिन भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। शाम को आग के आसपास इकट्ठे होकर लोग नई फसल की खुशियां मनाते हैं।
नवरोज
पारसी समुदाय के नववर्ष को नवरोज कहा जाता है। इसे पतेती और जमशेदी नवरोज के नाम से भी जाना जाता है।
Persia के राजा जमशेद ने पारसी कैलेंडर की शुरुआत की थी। नववर्ष नवरोज आस्था और उत्साह का संगम होता है।
उगादी
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में यह पर्व नई फसल की खुशी में नववर्ष के तौर पर मनाया जाता है।
पोइला बैसाख
पश्चिम बंगाल में नए साल की तरह मनाया जाता है। वहां इसे पोइला बोइशाख के नाम से जाना जाता है।
जुड़ शीतल
बिहार और झारखंड में यह मैथिली नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इसे सतुआनी के नाम से भी जाना जाता है।
रबी फसल की कटाई की खुशी में किसान यह त्योहार मनाते हैं।
Palm Leaf
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