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न बीज खरीदें, न पौध, मुफ्त में लाये कटिंग और उगा दिए 400 पेड़-पौधे

झारखंड के जमशेदपुर में रहने वाली 45 वर्षीया रानी कुमारी और उनकी 24 वर्षीया बेटी, श्रिया न सिर्फ खुद गार्डनिंग करती हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी गार्डनिंग के लिए प्रेरित कर रही हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए रानी ने बताया, “मुझे और मेरे भाई को बचपन में अपना घर सजाने का बहुत शौक था। लेकिन, इसके लिए हम कोई दिखावटी सामन नहीं लगाते थे, बल्कि तरह-तरह के पेड़-पौधे की कटिंग (plant propagation) लेकर आते थे। गार्डनिंग का मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ फल-सब्जियां ही उगाएं। हमारे आसपास बहुत अलग-अलग प्रजातियों के पेड़-पौधे हैं, जिन्हें हम अपने घरों में लगा सकते हैं। यह बचपन का शौक आज तक मेरे साथ है और यही शौक अब मेरे बच्चों में है।” 

वैसे तो रानी बहुत सालों से बागवानी कर रही हैं। लेकिन, उनके इस शौक को अन्य लोगों तक पहुंचाने का काम, उनकी बेटी श्रिया ने किया। 24 वर्षीया श्रिया टीसीएस कम्पनी में इंजीनियर हैं। लेकिन, पिछले साल लॉकडाउन में वह घर आ गईं और घर से ही काम करने लगीं। इस दौरान, उन्होंने गार्डनिंग में और दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया। अब रानी और श्रिया दोनों मिलकर, गार्डनिंग करती हैं और इंस्टाग्रामयूट्यूब के जरिए, अन्य लोगों के साथ अपने ज्ञान और जानकारियों को साझा कर रहे हैं।

Their Summer Garden

 

कटिंग से लगाते हैं पौधे: 

रानी और श्रिया ज्यादातर पेड़-पौधे, कटिंग (plant propagation) से लगाती हैं। रानी कहती हैं कि उन्होंने अब तक अपने घर में कटिंग (plant propagation) से सैकड़ों पेड़-पौधे लगाए हैं, क्योंकि यह सबसे किफायती तरीका है। इसलिए हमेशा अपने आसपास उपलब्ध कटिंग से पौधे लगाने की कोशिश करें। अगर वे कभी नर्सरी से कुछ खरीदती भी हैं तो इन पौधों की कटिंग (plant propagation) से भी और नए पौधे तैयार करती हैं।

उन्होंने कहा कि उनके घर में कम से कम 150-200 पेड़-पौधे होते ही हैं और कई बार यह संख्या 400 तक भी पहुँच जाती है। वह बताती हैं, “घर के बरामदे की 300 वर्ग फ़ीट जगह में, हमने कुछ पेड़-पौधे लगाए हैं। वहीं, हमारा टेरेस गार्डन 400 वर्ग फ़ीट का है। हमारे गार्डन में कुछ ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो सालों से लगे हुए हैं। वहीं, कुछ खूबसूरत पेड़-पौधे हम मौसम के हिसाब से लगाते हैं। पौधों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है लेकिन घर में पौधे हमेशा रहते हैं।” 

गर्मियों में वे कोचिया (Kochia), सदाबहार, नौबजिया (9’o clock), बोगेनविलिया, रुग्मिनी (Ixora) जैसे पौधे लगाती हैं। वहीं, सर्दियों में वे ज्यादातर फूलों के पेड़-पौधे लगाती हैं, जैसे- पेटूनिया, गेंदा, डहलिया, गुलदाउदी आदि। सर्दियों में वह अपने घर की रसोई में उपलब्ध चीजों से माइक्रोग्रीन्स जैसे- मेथी, धनिया, पुदीना आदि भी उगाती हैं। गर्मी और सर्दी के मौसम के अलावा, कुछ पेड़-पौधे उनके यहां सालभर रहते हैं, जैसे- एरेका पाम, पोथोस, स्नेक प्लांट, फर्न, टर्टल वाइन आदि।

Picture from their winter garden

श्रिया कहती हैं कि अलग-अलग मौसम के हिसाब से ही गार्डन की देखभाल की जाती है। जैसे- गर्मियों में नियमित रूप से पानी देना बहुत जरूरी है, जबकि सर्दियों में आप दो-तीन दिन में एक बार पानी दे सकते हैं। अगर आप खाद दे रहे हैं, तो गर्मियों में हमेशा तरल खाद दें, ताकि पौधों को नुकसान न पहुंचे। खाद देने का रूटीन भी अलग होता है। जैसे- सर्दियों में आप हर दस दिन में खाद दे सकते हैं, वहीं गर्मियों में महीने में एक बार। सर्दियों में पौधों को आप सीधा धूप में रख सकते हैं। लेकिन, गर्मियों में आपको पेड़-पौधों के लिए छांव का इंतजाम करना पड़ सकता है। 

उन्होंने कहा, “अगर आपका गार्डन ऐसी जगह है, जहां पौधों पर सीधी धूप पड़ती है, तो गर्मियों में आप पौधों को छांव देने के लिए शेडनेट लगा सकते हैं। इससे पौधों के लिए गर्मी सहन करना आसान हो जाता है।” 

कम जगह में ज्यादा हरियाली: 

मौसम के हिसाब से गार्डन लगाने के साथ-साथ, रानी और श्रिया कम जगह में ज्यादा हरियाली भरने का भी हुनर रखती हैं। उन्होंने कहा, “गार्डनिंग के लिए बहुत से लोगों को जगह की परेशानी रहती है। बड़े शहरों में लोग फ्लैट में रहते हैं, जहां पौधे लगाने के लिए उन्हें मुश्किल से एक बालकनी ही मिलती है। ऐसे में, लोगों को बहुत समझदारी से गार्डनिंग करनी चाहिए। आप अपने घर में ऐसे पौधे लगाएं, जो न सिर्फ घर की प्राकृतिक खूबसूरती बढ़ाएं, बल्कि आपके घर की हवा को भी शुद्ध रखे।” 

Hanging Planters

छोटी जगह या फ्लैट में रहने वाले लोगों के लिए वे सलाह देती हैं कि उन्हें ऐसे पौधे लगाने चाहिए जो ज्यादा फैले नहीं और स्नेक प्लांट जैसे पौधों की तरह ‘वर्टीकल’ तौर पर बढ़ें। इनमें भी कोशिश करें कि लंबे समय तक चलने वाले और हवा को शुद्ध करने वाले पेड़-पौधे लगाए जाएं। इन पौधों के लिए आप टेराकोटा के प्लांटर या फिर कोई #DIY प्लांटर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें आप पुरानी बाल्टी या प्लास्टिक की कांच की बोतलों से बना सकते हैं। जिन खिड़कियों से घर में हल्की-फुल्की धूप आती हो, उस जगह का भी अच्छा उपयोग करें। जैसे- दीवार पर कील लगाकर, आप हैंगिंग प्लांटर्स में पेड़-पौधे लगा सकते हैं। कोशिश करें कि आप बालकनी में भी हैंगिंग प्लांटर लगाएं, ताकि आप कम जगह में ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगा सकें। 

पहली बार गार्डनिंग करने वालों के लिए टिप्स: 

आखिर में, दोनों माँ-बेटी पहली बार गार्डनिंग करने वालों के लिए, कुछ टिप्स साझा कर रही हैं। वे कहती हैं कि गार्डनिंग की शुरुआत करने के लिए, सबसे अच्छा मौसम बारिश का होता है। इसलिए बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही, आप अपने गार्डन की प्लानिंग शुरू कर दें। 

Keeping Nature closes

अंत में वे कहती हैं, “गार्डनिंग करना बहुत ही आसान है। आपको बस शुरुआत में ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और बाद में आप नियमित तौर पर कुछ-एक घंटे गार्डनिंग में लगा सकते हैं। जो भी हो, लेकिन अपने घर में पेड़-पौधे जरूर लगाइए। खासकर ऐसे पौधे जो ऑक्सीजन ज्यादा देते हैं और हवा को शुद्ध करते हैं। इसके अलावा, घर को सजाने के लिए पेड़-पौधे प्रकृति का सबसे खूबसूरत तोहफा हैं और हम सबको इनकी कदर करनी चाहिए।” 

रानी और श्रिया लगातार इंस्टाग्राम पर अपने गार्डन से संबंधित अपडेट करती रहती हैं और उन्हें लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। बहुत से लोग उनसे गार्डनिंग की जानकारी लेते रहते हैं, इसलिए उन्होंने एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है। उनका कहना है कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को गार्डनिंग के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। 

अगर आप रानी और श्रिया से संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें ranishriya0621@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।

संपादन – प्रीति महावर

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