“उस वक्त मुझे सबसे अधिक खुशी मिलती है जब कोई अपने गार्डन की तस्वीरें भेजता है और बताता है कि देखिए हमने भी पहली बार टमाटर या कोई हरी सब्जी उगाई है। मुझे लगता है कि अगर आपके घर में बालकनी या फिर छत पर अच्छी जगह है और आपने पौधे नहीं लगाए हुए हैं तो आप उस जगह को बर्बाद कर रहे हैं। पौधे आपको जो शांति और सुकून देते हैं उसकी बात ही अलग है,” यह कहना है कानपुर की दीपाली शहलोत का।
पिछले 21 साल से अपनी छत, बालकनी और घर के हर एक कोने में गार्डनिंग कर रही दीपाली आज गार्डनिंग की शुरुआत करने वाले बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा हैं। अपने घर के लिए स्वस्थ खाना उगाने के साथ-साथ वह पर्यावरण का भी ध्यान रख रही हैं।
जैसे-जैसे वह गार्डनिंग में आगे बढ़ी हैं, वैसे-वैसे ही उनका लाइफस्टाइल भी सस्टेनेबिलिटी की तरफ बढ़ा है। अब उनके घर से कोई गीला या फिर जैविक कचरा बाहर नहीं जाता। जितना हो सके वह प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करती हैं।
अगर कभी प्लास्टिक का कोई सामान आए तो भी वह उसे रियूज करने की सोचती हैं। जैसे उनके घर में प्लास्टिक के जो भी डिब्बे, बाल्टी आदि थे, उनमें से ज़्यादातर के उन्होंने प्लांटर्स बना लिए। अपनी छत के साथ-साथ उन्होंने अपने घर के अंदर भी काफी सारे पेड़-पौधे लगाए हुए हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि दीपाली का गार्डन सातवें फ्लोर पर है और वहाँ उन्होंने 500 से भी ज्यादा पेड़-पौधे लगाये हुए हैं। वह बताती हैं, “कई साल पहले हम सब इंदौर से कानपुर आ गए थे। कानपुर में एक फ्लैट में हम सब रहते थे। वहाँ पर गार्डनिंग का कोई स्कोप नहीं था क्योंकि जगह नहीं थी। इसके बाद जब बात अपने घर की आई तो सोच लिया था कि ऐसी जगह चाहिए जहाँ मैं गार्डन लगा सकूं और किस्मत से मुझे ऐसा ही एक घर मिल गया। जैसे ही पता चला कि यह सातवें फ्लोर पर है, जिसके साथ छत भी है, बस मैंने तुरंत इसके लिए हाँ कर दी।”
बचपन से ही उन्होंने अपनी माँ को घर में सब्जी उगाते देखा था। वह उनकी मदद करती थीं। इतने सालों में उन्होंने अपने गार्डन को एक इको-सिस्टम का रूप दे दिया है। यह सिर्फ उनके घर और जीवनशैली का हिस्सा नहीं है बल्कि उनका गार्डन बहुत से पक्षियों और गिलहरी जैसे जीवों का घर भी है। दीपाली खुद भी बिना एक दिन भी भूले उनके लिए पानी और दाना रखती हैं।
कई बार चिड़ियाँ अगर किसी कोने में घोंसला बना लें तो वह कभी भी उनके बच्चों को नहीं हटाती हैं क्योंकि उन्हें पता है कि जैसे ही बच्चे बड़े होंगे, वो खुद उड़ जाएंगे। उनके परिवार के लिए उनका गार्डन किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं, जहाँ परिवार के सभी लोग सुबह-शाम वक़्त बिताते हैं।
दीपाली अपनी गार्डनिंग के बारे में बताती हैं कि सातवें फ्लोर पर गार्डन होने की वजह से उन्हें काफी मुश्किलें भी आती हैं। हर एक मौसम का असर उनके पेड़-पौधों पर पड़ता है। लेकिन हार मानने की बजाय वह अपने गार्डन को मौसम के हिसाब से तैयार करती हैं। उनके गार्डन में आपको अमरुद, अंजीर, गुड़हल, निम्बू, गुलाब आदि के पेड़ों के साथ मौसमी सब्जी मिलेंगी। वह सालभर में 30 से भी ज्यादा सब्जियां अपने गार्डन में उगाती हैं, जिनमें प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, गोभी, मिर्च, ब्रोकली, लेटिष, कद्दू, लौकी, मूली, पेठा, तोरई, टमाटर, भिन्डी, धनिया, पुदीना, पालक, मेथी, अदरक आदि शामिल हैं।
दीपाली कहतीं हैं कि वह थोड़ी-थोड़ी सभी तरह की सब्जियां उगातीं हैं ताकि बहुत ज्यादा होने पर खराब भी न हो और वह मौसम में हर एक वैरायटी खा सकें। घर की ज़रूरत की 60 से 70% तक की सब्जियां वह घर पर ही उगा लेती हैं। खासतौर पर सर्दियों में उन्हें आलू के अलावा बहुत ही कम सब्ज़ी बाहर से खरीदनी पड़ती है। बहुत से अलग-अलग एक्सपेरिमेंट भी वो करती हैं जैसे टमाटर की प्यूरी बनाकर स्टोर कर लेना।
दीपाली कहती हैं, “अगर आपकी पेड़ों से दोस्ती हो जाए तो आप उनके बिना रह ही नहीं सकते। फिर इनकी देखभाल करना भी बहुत आसान हो जाता है। आज तक मैंने कभी भी अपने गार्डन में किसी रसायन का प्रयोग नहीं किया है। बाहर से सिर्फ गोबर की खाद लेती हूँ। इसके अलावा गीले कचरे से खुद खाद और ऑर्गेनिक स्प्रे बनाती हूँ।”
इसके अलावा, वह कपड़े आदि धोने के बाद उस पानी को अपने गार्डन में देती हैं। इस तरह से पानी की भी बचत होती है।
वह कहती हैं कि गार्डनिंग बहुत ही किफायती है अगर कोई करना चाहे तो। इसके साथ ही, वह सुझाव देती हैं कि सर्दी आने वाली है और यह सबसे अच्छा समय है कि आप गार्डनिंग की शुरुआत करें। सर्दियों में पेड़-पौधे लगाना अच्छा रहता है क्योंकि इस मौसम में आप हरी पत्तेदार सब्जी उगाने से शुरुआत कर सकते हैं, जो बहुत ही आसान है।
गार्डनिंग ने दीपाली को एक अलग पहचान दी है और उन्हें खुश-मिजाज़ बनाया है। वह सबको यही सलाह देती हैं कि अगर आप घर में दो पौधे भी लगा सकते हैं तो भी लगाइए और जब ये पौधे बड़े होंगे तो आपको दिल से ख़ुशी मिलेगी। वह ख़ुशी जो हम अक्सर बाहर तलाशते हैं। अगर आप दीपाली के गार्डन के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो उन्हें इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं!
इस वीडियो को आप देख सकते हैं, जिसमें दीपाली गार्डनिंग के कुछ सस्टेनेबल तरीके बता रही हैं:
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