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गमले में उगाएं करेले, सिर्फ 6 आसान स्टेप्स में, सीखा रहे हैं उदयपुर के वकील बागवान

करेला एक ऐसी सब्जी है जिसे गिने-चुने लोग ही खाना पसंद करते हैं लेकिन करेले में जितने गुण हैं वह शायद ही किसी सब्जी में हो। यदि आप किसी डॉक्टर से डाइट प्लान के बारे में पूछते हैं तो वह करेले के बारे में आपको जरूर बताएंगे। लेकिन बाजार से लाये करेले अक्सर केमिकल से उगाएं जाते हैं और कभी कभी ज़्यादा समय तक आप इन्हें स्टोर करके भी नहीं रख पाते। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह घर में गमले में करेला उगाया जा सकता है।  

उदयपुर के रहने वाले गौरव सिंह पंवार पेशे से एडवोकेट है, लेकिन शौक है बागवानी का। उन्हें बोनसाई उगाना पसंद है। उनके टैरेस गार्डन की शोभा बरगद समेत कई बोनसाई बढ़ा रहे हैं। यहां फूलों की कई किस्में, मसलन गुलाब, हिबिस्कस, सदाबहार आदि भी महक लुटा रही हैं। और बात सब्जियों की करें तो उसमें भी वह पीछे नहीं हैं। उन्होंने अपने टैरेस पर ही तमाम तरह के फल-सब्जियां उगा दिए हैं। मसलन, करेले, मिर्च, टमाटर, सजावटी मिर्च, करी पत्ता, अंगूर, टमाटर आदि। गौरव ‘द वन पेज’ नाम से यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। इस वक्त उनके साढ़े चार लाख से भी अधिक सब्सक्राइबर हैं। गौरव के अनुसार घर पर ही करेले की बेहतरीन आर्गेनिक पैदावार लेना बहुत आसान है, इसके लिए एक आसान सी प्रक्रिया का पालन करना होगा। गौरव ने द बेटर इंडिया से गमले में शानदार आर्गेनिक करेला उगाने का तरीका साझा किया।

Step 1. गौरव के अनुसार घर पर करेला उगाने के लिए एक करीब 15 इंच का गमला ले सकते हैं। इसमें सबसे पहले मिट्टी डालें।

Step 2. इसके पश्चात उसे बहुत अच्छी तरह से फर्टिलाइज करें। इसके लिए गाय का गोबर, पत्तियों का बुरादा या फिर वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Step 3. अब इसमें पानी डालें और कुछ समय बाद बीज डालें।

Step 4. याद रहे कि बीज फ्रेश हों। यह न हो तो आप घर पर ही रखे किसी पके हुए करेले से निकले बीज भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

Step 5. करीब पांच दिन बाद इसमें खरपतवार भी उगने  लगेगी। इसका होना ठीक नहीं। आप, उसे अच्छी तरफ साफ कर दें। दरअसल, यह खरपतवार मिट्टी से नमी सोख लेते हैं। इसकी वजह से पौधे सूख जाते है और खराब हो जाते हैं। इसके बाद भी आप ध्यान रखें, जब भी इसमें खरपतवार लगे तो आप उसे सावधानी पूर्वक उखाड़ फेंकें। ध्यान रहे, कि इससे आपके बीजों को कोई नुकसान न हो।

Step 6. करीब 10 से 15 दिन के भीतर बाद करेले के बीज बेल का रूप ले लेते हैं। यह बेल बहुत तेजी से फैलती है। अब जरूरत इस बात की है कि आप इस बेल को कोई सपोर्ट दे दें, ताकि यह जल्दी ग्रो करे।

एक बात जो खास ध्यान रखने की है, उसे फिर दोहरा दें और वो ये कि हमें पहले ही मिट्टी को बहुत अच्छी तरह फर्टिलाइज करना है। इसमें देरी नहीं करनी है, ताकि पौधा जल्दी ग्रो करे। आप पाएंगे कि 25 दिन में पौधा करीब 90 प्रतिशत ग्रो कर गया है। पौधे की बढ़त बहुत तेजी से होती है। याद रखें कि करीब एक महीने बाद मिट्टी को फिर से खाद की जरूरत होगी। आपको ध्यान रखना है- इसमें फिर से गोबर की खाद डाल दें।

करीब दो मुट्ठी खाद बहुत होगी। इसके पश्चात आप मिट्टी की हल्के हाथों से खुदाई करें और इसमें पानी दे दें। इस वक्त पौधे को अच्छे पोषण की बहुत जरूरत पड़ती है। हम पहले ही मिट्टी को बहुत अच्छी तरह फर्टिलाइज कर चुके हैं, जो पौधे के लिए फायदेमंद होगा। हमें अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं।

लगभग 35 दिन बाद पौधे में पाॅलिनेशन शुरू हो जाएगा। इसमें आपको कुछ भी नहीं करना है। मक्ख्यिों, कीट पतंगों, हवा की मदद से यह स्वतः हो जाता है। एक और खास बात जो ध्यान रखनी है, वो यह कि जब भी

प्लांट फलने लगे तो इसे धूप में रख दें। इस वक्त पौधे को सूर्य की संपूर्ण रोशनी की आवश्यकता होगी। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो इसे बढ़त नहीं मिलेगी और यह सूख जाएगा। छाया में पौधा नहीं पनपता।

आप पौधे को सनलाइट में तो रखेंगे ही, इस वक्त पौधे को अतिरिक्त सपोर्ट की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए आप प्लास्टिक के ट्री गार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजार में लोहे के भी ट्री गार्ड उपलब्ध हैं, लेकिन आप प्लास्टिक का ही ट्री गार्ड इस्तेमाल में लाइए, क्योंकि इससे किसी तरह की चोट का कोई खतरा नहीं रहता। यह लचीला भी होता है। पौधे को इससे कवर कर दें ताकि करेले की बेल इधर उधर न फैले। ट्री गार्ड के भीतर करेले की बेल को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाी है। बेल ट्री गार्ड से उपर निकलने लगे तो आप इसे इसमें फंसा दें।

लगभग 40 दिन बाद आप देखेंगे कि आपके पौधे में फूल के साथ ही दो तीन छोटे छोटे करेले निकल आए हैं। 52 से 60 दिन के अंदर करेले पूरी तरह तैयार हो जाते हैं। आप इन्हें तोड़कर इनकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं। ट्री गार्ड के भीतर होने की वजह से आपके लिए करेले तोड़ पाना भी बेहद आसान होगा। आप इन्हें कैंची से काटकर भी निकाल सकते है। करेले अधिक हों तो अपने पड़ोसियों के साथ बांट सकते हैं। करेले के जरिए आपसी संबंधों में मिठास घोल सकते हैं।  इसी करेले को अगली फसल के लिए आप बीज के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

गौरव सिंह पंवार बताते हैं कि वह पिछले छह साल से बागवानी कर रहे हैं। उनके एक रिश्तेदार के यहां बोनसाई देखकर उनके भीतर इसका शौक जागा। बाद में उन्होंने इसके बारे में पढ़ा और सीखा। अपने इस शौक की वजह से ही वह इंस्टाग्राम पर इसकी तस्वीरों को साझा करते हैं। वह टैरेस में ही सब्जियां आदि इसलिए उगाते हैं, क्योंकि इससे उन्हें प्रकृति के बीच होने का अहसास होता है और यह उन्हें खुशी देता है। वह अन्य स्थानों पर जाकर भी फूलों, फलों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। खुद समृद्ध होते हैं और हासिल की गई जानकारी को अपने इंस्टाग्राम के साथ ही अपने यूट्यूब चैनल पर भी शेयर करते हैं। गौरव से theonepagebonsai@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। उनके यूट्यूब चैनल पर घर पर ही करेला उगाने की पूरी विधि यहाँ देख सकते हैं

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संपादन – जी.एन झा और मानबी कटोच 

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