भारत में सीताफल को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कस्टर्ड एप्पल और शरीफा। यह बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट फल होता है। अपने रंग-रूप, और स्वाद के कारण सीताफल (शरीफा) सभी फलों से थोड़ा विशेष बन जाता है।
सीताफल से कई तरह के उत्पाद भी बनाये जाते हैं। जिनमें सबसे अधिक लोकप्रिय आइसक्रीम है। पोषण के मामले में भी सीताफल को अच्छा माना जाता है। वैसे तो आप आसानी से सीताफल बाजार से खरीद सकते हैं। लेकिन इसे आप अपने बगीचे में भी लगा सकते हैं। भोपाल में पिछले कई सालों से बागवानी कर रहे शिरीष शर्मा बता रहे हैं कि कैसे बाजार से लाए सीताफल के बीजों से ही, घर पर सीताफल लगाया जा सकता है।
शिरीष बताते हैं, “सीताफल का पौधा, आप बीज से लगा सकते हैं या फिर ग्राफ्टेड पौधा नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। घर में लगाने के लिए यह बहुत ही अच्छा फल का पेड़ है। इससे आपको ताजा और स्वादिष्ट फल मिलेंगे। आप इस फल के बीज को अक्टूबर से दिसंबर के बीच लगा सकते हैं।”
कैसे लगाएं सीताफल का पौधा
शिरीष कहते हैं कि सबसे पहले आप सीताफल के कुछ अच्छे बीजों का चयन करें। इन्हें तीन-चार दिन के लिए पानी में भिगोकर रखें। ध्यान रहे कि आपको हर दिन पानी बदलना है। अब पानी में भिगोए हुए बीजों को एक टिश्यू पेपर में फोल्ड करें और ऊपर से पानी स्प्रे करें। अब इस टिश्यू को किसी एयरटाइट जार या जिप-लॉक पॉलिथीन में रखें। 10-12 दिन बाद इसे पॉलिथीन से निकालें और आप देखेंगे कि कुछ बीज अंकुरित होने लगे हैं। अंकुरित होने वाले बीजों को आप छोटे गमले में लगाकर पौधा तैयार कर सकते हैं।
बीज को लगाने के लिए आप 50% वर्मीकम्पोस्ट और 50 % कोकोपीट मिला लें। अब इस पॉटिंग मिक्स को किसी छोटे गमले में भरें और फिर इन अंकुरित हुए बीजों को लगा दें। ऊपर से पानी का छिड़काव करें। लगभग 10 दिनों में पौधे इतने बड़े हो जाते हैं कि आप इन्हें बड़े गमलों में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
शिरीष कहते हैं कि सीताफल के पेड़ के लिए आप 12 से 18 इंच का गमला या कोई बाल्टी-ड्रम भी ले सकते हैं। इस गमले या ग्रो बैग में ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होना चाहिए ताकि पानी ठहरे नहीं। पॉटिंग मिक्स के लिए आप सामान्य मिट्टी में 20% रेत/कोकोपीट और 30% वर्मिकम्पोस्ट मिला लें। ऊपर से दो मुट्ठी नीमखली भी मिला दें। इस पॉटिंग मिक्स को गमले में भरें।
- गमले में पौधा लगाने के बाद इसे तीन-चार दिन सेमी-शेड एरिया में रखें और पानी दें।
- चार दिन बाद इसे आप धूप में रख सकते हैं और नियमित रूप से पानी देते रहें।
शिरीष का कहना है कि पहले छह महीनों में सीताफल के पौधे का विकास धीरे-धीरे होगा। इसलिए आप धैर्य रखें और पौधे की पूरी देखभाल करें। लगभग डेढ़ साल में आपके सीताफल के पेड़ पर फूल आने लगते हैं। लेकिन शुरुआत में कोशिश करें कि आप सभी फूलों को हटा दें ताकि पौधा अच्छे से विकसित हो सके। लगभग दो साल का होने पर सीताफल के पेड़ पर थोड़े बहुत फल आने लगते हैं। लेकिन ढेर सारे फल आने के लिए आपको इसे तीन-चार साल का समय देना होता है।
इस तरह से करें देखभाल
- सीताफल के पेड़ को दिन में छह से आठ घंटे की अच्छी धूप मिलनी चाहिए।
- पेड़ को जरूरत के हिसाब से पानी दें। इसे हर रोज पानी की जरूरत नहीं होती है।
- इसे ठंडे इलाकों को छोड़कर ज्यादातर सभी इलाकों में लगाया जा सकता है।
- सीताफल के पौधे में अक्सर लोगों को इसके फूल झड़ने या छोटे फलों के काले पड़कर सूखने की समस्या आती है। फूलों को झड़ने से रोकने के लिए सीताफल को बेहतर पॉटिंग मिक्स और बड़े गमले में रिपोट कर सकते हैं।
- छोटे फलों के काले पड़ने का कारण एक कीट होता है। जिससे बचाने के लिए आप जब फल बनना शुरू हो तभी इनपर पॉलीबैग बांध सकते हैं। पॉलीबाग बांधने से पहले इसमें छोटे-छोटे छेद कर दें।
- हर महीने आप गमले में दो-तीन मुट्ठी गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें ताकि इसे अच्छा पोषण मिलता रहे।
पोषण के लिए आप गोबर की खाद, नीमखली पाउडर और केले के छिलकों का पाउडर मिलाकर मिश्रण बनाएं। इस मिश्रण को आप हर महीने अपने सीताफल के पौधे को दे सकते हैं। इससे पौधे को सभी माइक्रोन्यूट्रिएंट मिलेंगे। इसके अलावा, महीने में एक बार बायोजाइम ग्रैन्यूल भी गमले की मिट्टी में मिला सकते हैं। मिट्टी को ढीला करने के लिए बीच-बीच में निराई-गुड़ाई करते रहें। शिरीष का कहना है कि आप सीताफल का पौधा अपने घर के आंगन, छत या बालकनी में भी लगा सकते हैं। लगभग दो साल बाद आपको इसकी कटाई-छंटाई करते रहना होगा ताकि बहुत ज्यादा लम्बाई न बढ़े।
सीताफल की पत्तियां भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। इसकी पत्ती फाइबर से भरपूर होती हैं। डायबिटीज के मरीज खासतौर पर अपनी समस्या नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका सेवन आपके पेट संबंधी विकारों से भी राहत दिलाने में मददगार माना जाता है।
तो देर किस बात, आप भी अपने बगीचे में इस फल के पौधे को लगाएं ताकि आपका बाजार से न खरीदना पड़े सीताफल।
गमले में सीताफल उगाने की विधि जानने के लिए आप इस वीडियो को देख सकते हैं।
संपादन- जी एन झा
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