Grow Microgreens: स्कूल में पढ़ रहीं निशा से सीखें, दूध के पैकेट में माइक्रोग्रीन्स उगाना

12वीं की इस छात्रा ने बताया कि कैसे आप दूध के पैकेट में उगा सकते हैं माइक्रोग्रीन।

Nisha conducts workshop for underprivileged women to grow microgreens

कोरोना के कारण देशभर के स्कूल बंद हैं और लगभग सभी स्कूल ऑनलाइन टीचिंग मोड पर हैं, जिस वजह से बच्चों का अधिकांश वक्त मोबाइल या फिर लैपटॉप पर ही गुजरता है। आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी स्टूडेंट से मिलवाने जा रहे हैं, जो क्लास के बाद मोबाइल- लैपटॉप पर समय नहीं गुजारती हैं, बल्कि पुराने दूध के पैकेट में साग-सब्जियां उगाती (Grow Microgreens At Home) हैं।

17 वर्षीया निशा पाठक जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा हैं। उन्होंने, कंप्यूटर पर बहुत अधिक समय बिताने से बचने और खुद को एक्टिव रखने के लिए बहुत ही छोटे स्तर पर खेती की शुरुआत की है।

वह कहती हैं, “मैं खुद को उन गतिविधियों में व्यस्त रखना चाहती थी, जिनमें स्क्रीन पर देखने की ज़रूरत न हो। इसके अलावा, मैं सब्जियां उगाना चाहती थी और उन्हें अपने घर के पास रहनेवाले ज़रूरतमंद परिवारों में बांटना चाहती थी।” 

सब्जियां उगाकर बांट दिया ज़रूरतमंदों में

निशा ने एक माली से बीज तैयार करना और उन्हें लगाना सीखा। शुरुआत में, उन्होंने आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियां उगाईं। उन सब्जियों को निशा ने, आस-पास के क्षेत्रों में रहनेवाले ज़रूरतमंद लोगों में बांट दिया था। क्योंकि, वे नियमित रूप से ताजी सब्जियां खरीदने में असमर्थ थे।

उन्हें महसूस हुआ कि सब्जियां उगाने में कुछ महीने लगेंगे। वह, उन परिवारों को सब्जियों का पौष्टिक विकल्प देना चाहती थीं, जो नियमित रूप से सब्जियां नहीं खरीद सकते थे। तब निशा ने माइक्रोग्रीन उगाने (grow microgreens) का फैसला किया और जरूरतमंद महिलाओं के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया, ताकि वे भी उन्हें घर पर उगा सकें।

Nisha conducted workshops for underprivileged women Of Jaipur, Rajasthan on how to grow microgreens at home
Nisha conducted workshops for underprivileged women

उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया, “मैं उन महिलाओं पर माइक्रोग्रीन उगाने के लिए कंटेनर या बर्तन खरीदने का बोझ नहीं डालना चाहती थी। इसलिए एक स्थायी समाधान के रूप में, मैंने इसके लिए खाली दूध के पैकेट्स को रीसायकल करने का फैसला किया।” अब तक, उन्होंने 10 जरूरतमंद महिलाओं के लिए वर्कशॉप आयोजित की हैं। साथ ही 35 पड़ोसियों के लिए वर्चुअल वर्कशॉप का भी आयोजन किया है।

कैसे उगाती हैं माइक्रोग्रीन्स?

तो आइए जानें कि आप दूध के पैकेट में माइक्रोग्रीन कैसे उगा सकते हैं-

आपको इन चीजों की आवश्यकता होगी:

  • एक खाली दूध का पैकेट
  • पॉटिंग मिक्स
  • मेथी या सरसों के दाने।

1. एक कटोरी पानी में, एक मुट्ठी मेथी या राई को रात भर के लिए भिगो दें।

2. पुराने दूध के पैकेट को अच्छी तरह धोकर सुखा लें।

milk packet
Nisha uses Milk Packets to grow Microgreens

3. अतिरिक्त पानी निकालने के लिए कैंची से, पैकेट के नीचे एक छेद करें।

4. दूध के पैकेट के 3/4 भाग को ऑर्गेनिक पॉटिंग मिक्स से भरें।

5. भीगे हुए बीजों को पैकेट में समान रूप से फैलाएं और उन्हें मिट्टी की एक पतली परत से ढक दें।

अंत में, थोड़ा पानी छिड़कें और इसे ऐसी जगह पर रखें जहां सीधी धूप न पड़े। हर दिन पानी का छिड़काव करते रहें और सात दिनों के भीतर ही माइक्रोग्रीन्स खाने के  लिए तैयार हो जाते हैं।

एक ही पैकेट को दुबारा कर सकते हैं यूज़

एक बार पत्तियों की कटाई हो जाने के बाद, आप उसी दूध के पैकेट में इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। हालांकि, आपको मिट्टी की ऊपरी परत को हटाने और ताजा पॉटिंग मिक्स डालने की जरूरत पड़ेगी।

ये छोटे पत्ते पूरी तरह से उगाई गई सब्जियों की तुलना में अधिक पोषक तत्वों से भरे होते हैं और इन्हें पकाने की भी जरूरत नहीं होती है।

निशा कहती हैं, ''इन्हें खाने पर गार्निश के रूप में छिड़का जा सकता है और ताजा भी खाया जा सकता है।

मूल लेखः रौशनी मुथुकुमार

संपादन- जी एन झा

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