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Kalanchoe Plant: अप्रैल में आसानी से लगाएं यह पौधा और घर की खूबसूरती में लगाएं चार चाँद

Grow Kalanchoe Plants Easily

हरे-हरे पौधे और रंग-बिरंगे फूल हर किसी को अच्छे लगते हैं। ये न केवल हमारे घरों को खूबसूरत बनाते हैं, बल्कि स्ट्रेस से निजात दिलाने और आस-पास का वातावरण खुशनुमा बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसा ही एक पौधा है कलौंचो (Kalanchoe Plant)। कलौंचो एक तरह का रसीला बारहमासी पौधा होता है। रसीले पौधे वे होते हैं, जो अपने तनों, पत्तियों या जड़ों में पानी जमा करते हैं। इसलिए ऐसे पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। कलौंचो की पत्तियां मोटी होती हैं और इसमें लाल, गुलाबी, पीले और सफेद रंग के सुंदर फूल खिलते हैं। 

गर्डनिंग एक्सपर्ट, रितु सोनी कहती हैं कि कलौंचो एक सक्युलेंट पौधा होता है और इन्हें बहुत कम देखभाल की ज़रूरत होती है। इसे बड़ी आसानी से घर पर उगाया जा सकता है। ये पौधे लगाना उन लोगों के लिए काफी सुविधाजनक है, जिनके पास समय की कमी होती है और जो बागवानी में ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में रहनेवाली रितु ने कुछ आसान स्टेप्स और कुछ ज़रूरी बातें बताई हैं, जिनकी मदद से हम कलौंचो के पौधे घर पर लगा सकते हैं और सुंदर, रंग-बिरंगे फूलों से अपना घर और खूबसूरत बना सकते हैं।

मौसम का रखें ध्यान

Kalanchoe

कलौंचो पौधों के कई प्रकार उपलब्ध हैं। देसी और हाइब्रिड, दोनों प्रकार के पौधे लगाए जा सकते हैं। हाइब्रिड वरायटी में कई रंग के फूल खिलते हैं जबकि देसी कलौंचो में केवल लाल रंग के फूल खिलते हैं। हाइब्रिड कलौंचो को मुख्य रुप से सर्दियों में लगाया जाता है और नवंबर से लेकर अप्रैल तक इसमें खिलने वाले सुंदर फूलों का मजा लिया जा सकता है।

जबकि कलौंचो की देसी वरायटी के पौधे गर्मियों में भी जीवित रह सकते हैं। बसंत के मौसम में ये पौधे अच्छी तरह से बढ़ते हैं। इन पौधों को लगाने का सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर सितंबर तक का महीना होता है। बारिश के मौसम के अलावा, हम कलौंचो को किसी भी मौसम में लगा सकते हैं।

ज्यादा बड़े गमले में न लगाएं Kalanchoe Plant

कलौंचो एक तरह का सक्युलेंट पौधा होता है, इसलिए इसे बहुत ज्यादा बड़े गमले की जरूरत नहीं होती है। ऐसे पौधों के लिए मिट्टी के गमले सबसे अच्छे होते हैं। इसकी जड़ें धागे जैसी होती हैं जिसे बहुत गहरे गमलों की जरुरत नहीं होती। 8 इंच के गमले इसे उगाने के लिए बेहतर होते हैं। इसमें इसकी जड़ें अच्छी तरह से फैल जाती हैं। गमले में से पानी निकलने का रास्ता जरूर होना चाहिए।

पॉटिंग मिक्स 

यहां हमें हल्की और अच्छी तरह से ड्रेंड मिट्टी यानी सूखी मिट्टी की जरुरत होती है। ठीक वैसी ही जैसी हम दूसरे सक्युलेंट पौधे उगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए हम घर पर ही पॉटिंग मिक्स तैयार कर सकते हैं।

पॉटिंग मिक्स के लिए हमें 25 फीसदी गार्डन सॉयल, 25 फीसदी परलाइट या रेत को छान कर निकाला जाने वाला बजरी, 25 फीसदी वर्मीकंपोस्ट, 25 फीसदी कोकोपीट या राइस हस्क की जरुरत होती है। इन सबको मिलाकर एक अच्छी मिट्टी तैयार की जा सकती है। 

Kalanchoe Plant के न दें ज्यादा पानी

Orange Kalanchoe

इन पौधों को ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है। इसके पत्ते मोटे होते हैं, जहां पानी स्टोर होता है। जरुरत पड़ने पर ये पानी वहां से ले लेते हैं। पानी तभी दें जब जरुरत हो, ज्यादा पानी देने से इसकी जड़ें सड़ने लगती हैं।

पौधों को पानी की जरूरत है या नहीं, यह जानने के लिए आप मिट्टी को हाथों से छूकर देंखें। अगर मिट्टी में नमी है, तो इसमें पानी डालने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर यह पूरी तरह से सूखी है, तो पानी डालें।

मौसम के हिसाब से दें धूप

जनवरी से मार्च के महीने में अक्सर रातें ठंडी होती हैं। ऐसे समय में ये पौधे दिन में धूप बर्दाश्त कर सकते हैं। लेकिन मार्च के बाद इसे केवल दो से तीन घंटे धूप की जरूरत होती है। मार्च के बाद आप पौधों के गमलों को किसी छांव वाली जगह पर रखें। इन पौधों को ब्राइट लाइट में भी रखा जा सकता है। 

Kalanchoe Plant को प्रोपगेट/ उगाने का तरीका

कलौंचो के पौधों से ही नया पौधा उगाया जा सकता है। यानी इसे पहले उगाए गए पौधों की कटिंग या सिर्फ एक पत्ते से भी उगाया जा सकता है। लेकिन पत्ते से पौधा बनने में कुछ महीने का समय लगता है, इसलिए सबसे बेहतर है कि इसे टहनी की कटिंग से लगाया जाए।

इसके लिए सबसे पहले तेज़ प्रूनिंग कैंची का इस्तेमाल करें। कैंची से ऐसी शाखा काटें, जिसमें फूल न हों। इसे कुछ समय के लिए छोड़ दें, ताकि इसका बेस अच्छी तरह सूख सके। इस सुखाने की प्रक्रिया को “कॉलसिंग” कहा जाता है। फिर इसे गमले में मिट्टी डालकर 1-2 सेंटीमीटर गहरा लगा दें।

ध्यान रहे कि गमले की मिट्टी गीली न हो। इसे लगाने के लिए मिट्टी का केवल नम होना ही काफी है। गमले में कटिंग लगाने के बाद इसे छांव में रखें और पानी का केवल स्प्रे करें। ज्यादा पानी देने से पौधे गल सकते हैं। इसलिए केवल उतना ही पानी दें जिससे मिट्टी में नमी बनी रहे। करीब दो महीने में इसकी जड़ें पूरी तरह से बन जाएंगी और तब इसे दूसरे गमले में रीपॉट किया जा सकता है।

ज्यादा खाद न दें

Pink Kalanchoe

इसे जब हम कटिंग से लगाते हैं, तब अलग से खाद देने की जरुरत नहीं होती है। पत्तों का न्यूट्रीशन काफी होता है। रीपॉटिंग के समय नीम खली, बोन मील और सरसों की खली मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है। ये तीनों चीजें बराबर मात्रा में लेनी हैं।

बोन मील की जगह सीवीड ग्रैनुएल भी लिया जा सकता है। रीपॉटिंग के बाद इस मिश्रण को मिट्टी में डालें और ऊपर से एक लेयर वर्मीकंपोस्ट की डालें। इसके बाद महीने में एक बार, एक मुट्ठी वर्मीकंपोस्ट डालना काफी होता है। तीन महीने में एक बार तैयार किया गया मिश्रण ( नीम खली, बोन मील और सरसों की खली) डालें। 

घर पर बनाएं कीटनाशक

पौधों पर कभी-कभी मिलीबग जैसे कीड़े आ सकते हैं और हमारे पौधों को खराब कर सकते हैं। इसके लिए माइल्ड सोप सल्युशन स्प्रे का इस्तेमाल करें या चार-पांच लहसुन की कलियां लेकर कूट लें और आधा लीटर पानी में उबालें। जब ये उबल जाएं, तो इसमें एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाएं और इस घोल को रात भर रखें और सुबह पौधों पर छिड़काव करें। इससे कीड़े खत्म हो जाते हैं।

जब फूल सूख जाएं तो उसे हटा दें। पौधा जब जरूरत से ज्यादा बड़ा होने लगे तो कटिंग जरुर करें ताकि पौधे पर लोड ना हो। कलौंचो के पौधों (Kalanchoe Plant) को बारिश से बचाकर रखें।

गार्डनिंग के बारे और अधिक जानकारी के लिए रितु के यूट्यूब चैनल, एबीसी ऑफ ऑर्गेनिक गार्डनिंग पर जाएं।

संपादनः अर्चना दुबे

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