अक्सर देखा जाता है कि जिन्हें पेड़-पौधों से खास लगाव होता है, वे नर्सरी से ढेरों पौधे लाकर घर में उगाने की सोचते हैं। कुछ लोग ले भी आते हैं। लेकिन घर और ऑफिस के काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि कभी पौधों में पानी देना भूल जाते हैं, तो कभी खाद। धीरे-धीरे पौधे खराब होने लगते हैं और सूख जाते हैं। और फिर आपको लगता है कि घर पर पौधे उगाना आसान नहीं है। यह अनुभव हममें से कई लोगों का हो सकता है। लेकिन आपको निराश होने की जरुरत नहीं। आज हम आपको एक ऐसी किस्म के पौधे के बारे में बताएंगे जिन्हें ज़्यादा देखभाल की जरुरत नहीं होती है, लेकिन वे जहाँ भी होते हैं, उस जगह की खूबसूरती निश्चित तौर पर बढ़ा देते हैं। इन पौधों को सक्युलेंट (Succulents) कहा जाता है।
हम अक्सर किसी बड़े दफ्तर या होटल या घर की बालकनियों में रखे छोटे-छोटे गमलों में रखे इन पौधों को देख सकते हैं। ये देखने में काफी सुंदर लगते हैं। कुछ पौधों की पत्तियां दिखने में थोड़ी अलग और मोटी होती हैं और बेहद खूबसूरत लगती हैं। इनका आकार और बनावट इतनी खूबसूरती से फैलता है कि हम कई बार इसे आर्टिफिशिअल पौधे समझने की भूल कर बैठते हैं।
आखिर क्या है Succulents?
Succulents का मतलब होता है जूस। ऐसे पौधे जिनके किसी हिस्से, चाहे पत्तियां हो या तने हो या फिर जड़ में पानी और खाना स्टोर हो, उन्हें हम सक्युलेंट कहते हैं। ये पौधे अपने भीतर स्टोर पानी और खाने का इस्तेमाल तब करते हैं, जब उन्हें खाना या पानी नहीं मिलता है।
जयपुर की रहने वाली होम गार्डनर, प्रिया अग्रवाल ऐसे पौधे उगाने में माहिर हैं। प्रिया पिछले 6 सालों से होम गार्डनिंग कर रही हैं। प्रिया कहती हैं, “गार्डनिंग में दिलचस्पी का पूरा श्रेय मेरी माँ, अरुणा अग्रवाल को जाता है। माँ पिछले 30 सालों से बागवानी कर रही हैं। उनकी दिलचस्पी किचन गार्डनिंग में है और मेरी इनडोर गार्डनिंग और सक्युलेंट प्लांट में है।”
प्रिया बताती हैं कि उनके गार्डन में अलग-अलग प्रकार के 70 से 80 पेड़-पौधे मौजूद हैं, जिनमें कई किस्म के सक्युलेंट भी हैं। इनकी देखभाल के लिए उन्होंने कभी माली या कोई बाहरी व्यक्ति नहीं रखा, बल्कि पौधों की देखरेख खुद करती हैं। बागवानी से जुड़ी महत्वपूर्ण और दिलचस्प जानकारियां साझा करने के लिए प्रिया अपनी माँ के साथ मिलकर, हंगरी वैकेशन नाम से एक यूट्यूब चैनल भी चला रही हैं।
प्रिया बताती हैं कि अन्य पौधों की तुलना में घर में सक्युलेंट प्लांट रखना थोड़ा आसान होता है। वह कहती हैं, “इन पौधों को कम पानी और थोड़ी कम देखभाल की जरुरत होती है। आपको बस एक टेकनिक पकड़ कर चलना होता और ये पौधे लंबे समय तक हमारे घर की शोभा बढ़ाते हैं।”
प्रिया कहती हैं, अगर आप इसे पहली बार उगा रहे हैं, तो कुछ बुनियादी चीज़ें हैं जिन्हें जानना जरुरी है। आईए, प्रिया से ही जानते हैं कि इन पौधों को घर पर रखने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना जरुरी है।
पौधे और पॉट
हमेशा स्वस्थ पौधा की खरीदें। यानी पौधे घर लाते वक्त ध्यान रखें कि इसकी पत्तियां टूटी या गली हुई ना हो। अगर आप टूटे और खराब पौधे घर लाते हैं, तो इनके सूख जाने की संभावना ज़्यादा होती है। दूसरी बात, पौधे हमेशा अपनी जगह के क्लाइमेट को ध्यान में रख कर खरीदें। अगर आपके यहाँ का तापमान गर्म है और आप किसी ऐसे पौधे को चुनते हैं, जो नैनीताल जैसी ठंडी जगह में उगता है, तो फिर आपके लिए थोड़ी मुश्किल हो जाएगी। ऐसे पौधों की देखभाल थोड़ी ज़्यादा करनी होगी। शुरुआत में ऐसे ही पौधे खरीदें, जो आपके यहाँ के क्लाइमेट में अच्छी तरह बढ़ सकें।
पौधे के लिए पॉट का चुनाव भी सही होना चाहिए। छोटे पौधे हैं, तो पॉट भी उसके अनुसार ही होना चाहिए, ताकि उसकी खूबसूरती पूरी तरह निखर कर आए। साथ ही ध्यान रहे कि पॉट ऐसा हो जिसमें पानी ना रुके। पानी रुकने से पौधे खराब होने का डर रहता है।
धूप
सक्युलेंट पौधों को घर के अंदर रखें या बाहर, इन्हें धूप चाहिए। अगर आप इन्हें घर के अंदर ऱखने जा रहे हैं, तो किसी खिड़की के पास या बालकनी के पास रखें जहाँ इसे पर्याप्त रोशनी और धूप मिल सके। पौधों को सही धूप मिल रही है या नहीं, इसका अंदाज़ा आप इनकी पत्तियों को देख कर लगा सकते हैं। बहुत ज़्यादा धूप में रहने से कुछ पौधों की पत्तियां झुलस जाती हैं या पत्तियों का रंग बदल कर भूरा हो जाता है। दूसरी तरफ अगर कम धूप मिल रही है, तो इन पौधों का रंग फीका हो जाता है और पत्तियों के बीच में ज़्यादा गैप दिखने लगती है। ये पौधे अपने रंग-रुप के लिए जाने जाते हैं, इसलिए इन्हें ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ इन्हें पर्याप्त धूप मिले।
पानी
सक्युलेंट पौधों (Succulents) को अन्य पौधों की तुलना में कम पानी की जरुरत होती है, इसलिए ये पौधे उन लोगों के लिए सबसे सही होते हैं जिन्हें काम के सिलसिले में लंबे समय तक घर से दूर रहना पड़ता है। जैसा कि इन पौधों में ही इनका खाना और पानी स्टोर होता है, ये पौधे 15 दिन तक भी बिना पानी दिए सही-सलामत रह सकते हैं। मौसम के अनुसार इन्हें पानी की ज़रुरत होती है। इन पौधों को सर्दियों की तुलना में गर्मियों में थोड़ी ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। सक्युलेंट पौधों में पानी देने से पहले सुनिश्चित करें कि मिट्टी गीली ना हो। अगर आप गीली मिट्टी में बार-बार पानी देते हैं, तो इसकी जड़े खराब होकर सड़ने लगती है।
पॉटिंग मिक्स
इन पौधों की जड़ें काफी मुलायम होती हैं, इसलिए इन्हें ऐसी पॉटिंग मिक्स चाहिए जिसमें से पानी आसानी से बाहर निकल सके। इसके लिए ऐसी पॉटिंग मिक्स की जरुरत होती है जो थोड़ा सा पोरस यानी छेददार हो, सॉफ्ट हो, और पानी ना रोके। इनके लिए बाजार में अलग से पॉटिंग मिक्स मिलते हैं, जो आप खरीद सकते हैं। या फिर आप अच्छी मात्रा में कोकोपीट, पर्लाइट, बजरी और वर्मीकंपोस्ट मिलाकर घर पर भी इसे तैयार कर सकते हैं। इससे पौधों को जरुरी पोषण भी मिलता है और ये लंबे समय तक हमारे साथ रहते हैं।
टिप्स
- सक्युलेंट पौधों में फोर्स के साथ कभी पानी ना दें इससे पौधों की जड़ें खराब हो सकती हैं। स्ट्रॉ से धीमे-धीमे पानी दें। पानी अगर पत्तों पर रह जाएं तो वह गल सकती हैं, इसलिए पानी देने के बाद एक साफ कपड़े से इसे पोंछ दे।
- अगर आप कभी भी देखें कि किसी कोने से पौधे की पत्तियां गल रही हैं, तो उस पत्ती को फौरन काट कर हटा दें। इससे आपका पौधा पूरी तरह खराब होने से बच जाएगा।
तो इन बातों को ध्यान में रखें और सुंदर सक्युलेंट पौधों (Succulents) से सजाएं अपना घर।
सक्युलेंट पौधों से संबंधित वीडियो यहाँ देख सकते हैं।
हैप्पी गार्डनिंग!
संपादन- जी एन झा
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