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नौकरी की व्यस्तता में भी, छत को बनाया 300+ पेड़-पौधे का मधुबन, हर समय चहचहाते हैं पक्षी

आज के जमाने में, आजीविका कमाने के लिए लोग इतने व्यस्त हैं कि वे अपने शौक भी ढंग से पूरे नहीं कर पाते हैं। साथ ही, वे अपने आसपास के वातावरण पर भी ठीक से ध्यान नहीं दे पाते हैं। लोगों के लिए, अपने घरों में चंद पौधे रखना भी बड़ी बात हो जाती है। क्योंकि, उन्हें लगता है कि काम के साथ-साथ, इन पौधों की देखभाल करना उनके लिए आसान नहीं होगा। लेकिन, आज हम आपको जिस महिला बागवान से मिलवा रहे हैं, वह अपनी नौकरी और घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ-साथ, अपनी छत पर खूबसूरत से बगीचे की देखभाल भी करती हैं। उनका मानना है कि प्रकृति से ही इंसानों का जीवन है। इसलिए, आपके जीवन में जितनी हरियाली रहेगी, उतना ही आप सकारात्मक और खुश रहेंगे। हम बात कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में रहने वाली शालिनी गर्ग की। जो पिछले दस सालों से अपने घर में पेड़-पौधे लगा रही हैं। उन्होंने शुरूआत सिर्फ तुलसी और मनी प्लांट के पौधों से की थी। लेकिन, आज उनके यहां 300 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं। उन्होंने ज्यादातर पौधे कटिंग और बीजों से लगाए हैं। हमारे पाठकों के लिए gardening tips देते हुए शालिनी कहती हैं कि आपके घर में जितनी भी जगह है, आप उसी हिसाब से पौधे लगाएं, लेकिन लगाएं जरूर।

शालिनी का घर तीसरे फ्लोर पर है और उन्होंने अपनी छत के साथ-साथ, सीढ़ियों और घर के अंदर भी पेड़-पौधे लगाए हुए हैं। द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, “मैं मूल रूप से मुज्जफरनगर के पास, एक गाँव की रहने वाली हूँ और मेरे पिता एक किसान हैं। मेरे माता-पिता शिक्षित हैं और शिक्षा का महत्व समझते हैं। इसलिए उन्होंने मेरी शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया। मैंने इंजीनियरिंग के बाद, बीबीए और एमबीए भी किया और फिलहाल, मैं एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत हूँ।” 

उनके गार्डन का एक नजारा

प्रकृति को सहेजने की कोशिश: 

शालिनी के यहां इंडोर प्लांट्स से लेकर तरह-तरह के फूलों के पेड़-पौधे हैं। इसके अलावा, वह मौसमी सब्जियां जैसे- टमाटर, मिर्च, तोरई, बैंगन, शिमला मिर्च आदि भी उगाती हैं। वह कहती हैं कि उन्हें फूलों के पेड़-पौधे बहुत ज्यादा पसंद हैं। क्योंकि, फूलों के होने से आपके बगीचे में विभिन्न तरह के जीव-जंतु आते हैं। उनकी छत पर चिड़ियों का चहचहाना आम बात हैं। तितलियाँ, मधुमक्खियां और भँवरे जैसे जीव भी उनके यहां आते-जाते रहते हैं। वह कहती हैं, “मैं अक्सर लोगों को कहते हुए सुनती हूँ कि आजकल तो चिड़िया दिखती ही नहीं है और आसपास कहीं मधुमक्खियों के छत्ते भी नहीं दिखते। आखिर इसका कारण क्या है? हमें सोचना चाहिए कि हम प्रकृति को कैसे अपने करीब रख सकते हैं। यह करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। आप चाहे शहर में रहें या गाँव में, अगर आपके यहां छह-सात पौधे भी हैं तो भी कोई न कोई कीट-पतंगा आपको दिख ही जाएगा।”  

उन्होंने अपने बगीचे में पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था भी की हुई है। उन्होंने न सिर्फ अपने घर में बल्कि अपने दफ्तर में भी बगीचे का अच्छा रखरखाव किया है। वह अपनी जान-पहचान के सभी लोगों को बीच-बीच में, अपने गार्डन में कटिंग से तैयार किए गए पौधे भी देती रहती हैं। शालिनी के यहां सभी पेड़-पौधे जैविक तरीके से उगाये जाते हैं। वह अपने घर से निकलने वाले जैविक कचरे से खाद बनाती हैं। इसके अलावा, वह कोकोपीट और सरसों की खली का इस्तेमाल भी करती हैं। 

‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’

उन्होंने आगे बताया, “छत पर ज्यादा वजन न हो जाये इसलिए, मैं गमलों की जगह ज्यादातर ग्रो बैग का इस्तेमाल करती हूँ। मैंने प्लास्टिक के बड़े डिब्बों को काटकर तैयार किए प्लांटर में बहुत से पौधे लगाए हुए हैं। इसके लिए, मैंने घर में खाली-बेकार पड़ी सभी बोतलों या डिब्बों को उपयोग में ले लेती हूँ। कई बार दही के पांच किलो वाले डिब्बे भी दुकानों से मिल जाते हैं। ये वहां पर खाली रखे हुए होते हैं तो मैं इन्हें दस रुपए प्रति डिब्बा के हिसाब से खरीद लेती हूँ। मैंने बहुत से ग्रो बैग तो राशन के खाली पैकेट से ही बनाए हुए हैं।” 

शालिनी को नौकरी के साथ, घर-परिवार की जिम्मेदारियां भी संभालनी होती हैं। साथ ही, वह अपने गार्डनिंग के शौक को भी भरपूर जीती हैं। इस बारे में वह कहती हैं कि अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो आप कितने भी व्यस्त क्यों न हो, वक्त निकाल ही लेते हैं। इसके लिए, आपको बस अपने रूटीन में और काम करने के तरीके में थोड़ा बदलाव करना पड़ेगा। 

नौकरी-पेशा लोगों के लिए गार्डनिंग टिप्स: 

करती हैं पक्षियों के लिए दाने-पानी का इंतजाम

नौकरी में व्यस्त रहने वाले लोगों के लिए शालिनी सिर्फ एक ही सलाह देती हैं कि सबसे पहले वे अपने घर में उपलब्ध जगह के हिसाब से पेड़-पौधे लगाएं। अगर आपके यहां ज्यादा जगह नहीं है तो आप ‘हैंगिंग प्लांटर’ में पौधे लगाएं जो आप पुराने डिब्बों या बोतलों से भी बना सकते हैं। अगर बाहर जगह नहीं है तो इंडोर प्लांट्स रखें और अगर बालकनी में थोड़ी जगह है तो फूलों की लताएं लगाएं। उन्होंने आगे कहा, “सुबह साढ़े आठ से शाम पांच बजे तक मेरा ऑफिस रहता है। लगभग साढ़े पांच बजे मैं घर पहुँचती हूँ और आकर सबसे पहले अपने बगीचे को देखती हूँ। पौधों को पानी देती हूँ और फिर अपने घर के काम देखती हूँ। सुबह भी लगभग एक घंटा अपने बगीचे में बिताती हूँ। जिससे मुझे काफी ख़ुशी मिलती है।” 

*वह कहती हैं, आप सबसे पहले दो-चार ऐसे पौधों से शुरूआत करें, जिन्हें कम देखभाल की जरूरत हो। 

*अगर आप हर रोज पौधों की देखभाल नहीं कर सकते हैं, तो ऐसे पौधे लगाएं, जिनमें आप चार-पांच दिन में भी पानी दें तब भी वे खराब न हों। 

*सब्जियां लगाना चाहते हैं, तो आप टमाटर, हरी मिर्च और शिमला मिर्च से शुरू करें। इन्हें आप बाजार से लाई सब्जियों से बीजों से लगा सकते हैं और छोटे गमलों में इन्हें लगाया जा सकता है। 

उगाती हैं फल-फूल और सब्जियां

*कोशिश करें कि आप अपने घर से निकलने वाले जैविक कचरे की खाद बना लें। अगर आपके पास इतना भी वक्त नहीं है तो आप अपने किचन में या किसी अन्य जगह एक पुरानी बाल्टी में पानी भरकर रख लें और हर दिन का जैविक कचरा इस पानी में डालते रहें। सप्ताह में जब भी आपको छुट्टी मिले, उस दिन हाथों में ग्लव्स पहनकर पानी में ही सभी छिलकों को अच्छे से मसल लें और फिर इस पानी को छान लें। जो घोल आपको मिला है, इसे आप पानी में मिलाकर पौधों में डालें। 

*छत पर अगर ज्यादा पेड़-पौधे हैं और पानी देने में ज्यादा समय लग रहा है तो कोशिश करें कि आप किसी स्प्रिंक्लर से पानी दें।

*गर्मियों में आप गमलों में मल्चिंग कर सकते हैं, इससे बार-बार पानी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मल्चिंग करने के लिए, आप रसोई में इस्तेमाल के बाद बची चाय पत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाय पत्ती को अच्छे से धोकर सूखा लें। सुखाने के बाद आप इसे अपने सभी गमलों में डाल दें। ऐसा करने से आपको बार-बार पानी देने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि, चाय पत्ती के कारण ज्यादा समय तक नमी बनी रहेगी। 

*पॉटिंग मिक्स के लिए आप मिट्टी में कोकोपीट और खाद मिला सकते हैं। गमलों में मिट्टी भरने से पहले, नीचे थोड़े सूखे हुए नीम के पत्ते रख दीजिए। ऐसा करने से पौधों में फंगस नहीं लगेगी। 

उनकी छत पर आने वाले पक्षी

*पौधों को फंगस से बचाने के लिए, दालचीनी का पाउडर भी पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं।  

शालिनी कहती हैं कि जरूरत सिर्फ एक शुरुआत करने की है। प्रकृति के पास हर तरह की प्रजाति के पेड़-पौधे हैं, बस आपको अपनी जरूरत के हिसाब से पौधों को अपने घर में जगह देनी है। उन्होंने अपने दफ्तर और आस-पड़ोस में भी बहुत से लोगों को गार्डनिंग के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही, वह ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी लोगों से जुड़ी हुई हैं और उन्हें गार्डनिंग टिप्स देती रहती हैं। उन्होंने अंत में कहा, “मैं अपने गार्डन के फूलों को ही सुखाकर बीज बना लेती हूँ। एक पौधे की कटिंग से ही कई पौधे तैयार कर लेती हूँ और लोगों को बांटती हूँ। बागवानी करने के लिए आपको बहुत पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, बस आपको अपना शौक जीना आना चाहिए।” 

संपादन – प्रीति महावर

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