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Bonsai Gardening: घर में खुद बनाए पीपल, बरगद, इमली जैसे पेड़ों के बोनसाई

Bonsai Gardening

बागवानी तो बहुत से लोग करते हैं, लेकिन आज हम आपको जिस शख्स से मिलवा रहे हैं, वह न सिर्फ बागवानी करते हैं बल्कि अपने बगीचे के लिए तरह-तरह के DIY गमले भी खुद ही तैयार करते हैं। हम बात कर रहे हैं यूट्यूब और सोशल मीडिया पर ‘द इंडियन गार्डनर’ के नाम से मशहूर नीलकांत हालदार की। 

पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर के रहनेवाले 57 वर्षीय हालदार का बचपन गांव की हरियाली के बीच बीता और इसलिए उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव है। द बेटर इंडिया से बात करते हुए नीलकांत ने अपने गार्डनिंग के सफर के बारे में विस्तार से बताया। 

वह कहते हैं, “मैं पहले इलेक्ट्रॉनिक्स बिज़नेस से जुड़ा था, लेकिन अब पूरी तरह से बागवानी कर रहा हूं। बागवानी के साथ-साथ मुझे मूर्तियां बनाने का भी शौक है। इसलिए मैं अपने बगीचे के लिए भी मिट्टी, रेत या सीमेंट का उपयोग करके गमले भी तैयार करता हूं।” 

पिछले कई सालों से अपने घर में बागवानी कर रहे नीलकांत के बगीचे में आपको बरगद, पीपल, अंजीर, इमली, आम, बोगेनविलिया, नीम आदि के बोनसाई मिलेंगे। वह कहते हैं कि बोनसाई के अलावा उनके यहां आर्किड, क्रोटोन, कई मौसमी फल-फूल के पौधे हैं, साथ ही वह सब्जियां भी उगाते हैं। उनका उद्देश्य सभी तरह के पेड़-पौधे लगाना और दूसरों को इनके बारे में जानकारी देना है। उनके बगीचे में लगभग अलग-अलग किस्मों के 1000 से अधिक पौधे हैं। 

बागवानी के साथ बनाते हैं गमले, खाद और पोषण भी

नीलकांत मूर्तियां बनाते हैं और इसलिए उन्हें इस बारे में जानकारी है कि कैसे वह अलग-अलग तरह के गमले भी बना सकते हैं। वह सीमेंट और रेत से तो गमले बनाते ही हैं। इसके अलावा, कुछ और चीजें जैसे कार्डबोर्ड बॉक्स, थर्माकोल, नारियल के खोल, पीवीसी पाइप, बोरी आदि का भी गमले या प्लांटर बनाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। उन्होंने बताया, “आप जिसे बेकार समझते हैं, मैं अपने गार्डन में उसका भी उपयोग कर लेता हूं। गीले कचरे से लेकर कांच और प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल गमले बनाने में करता हूं। मैंने अब तक 150 से ज्यादा गमले तैयार किए हैं।” 

अपने बगीचे में वह करेला, हल्दी, करी पत्ता, प्याज, भिंडी, पत्तागोभी, अरबी, कद्दू, टमाटर, नींबू, धनिया, आलू, मालाबार पालक जैसी सब्जियों के साथ-साथ हाड़जोड़, जट्रोफा, अर्जुन, परिजात, अपराजिता, जैस्मिन, गुड़हल, गेंदा, टिकोमा, अडेनियम जैसे पौधे भी उगा रहे हैं। कई बार वह अलग-अलग एक्सपेरिमेंट करते हैं जैसे उन्होंने हाइड्रोपोनिक विधि से भी सब्जियां उगाई हैं। एक बार तो उन्होंने बागवानी में मूंगफली भी उगाई थी। 

नीलकांत हर सुबह लगभग तीन घंटे अपने पेड़-पौधों की देखभाल में लगाते हैं। बगीचे में पौधों को पानी देना, मिट्टी ऊपर-नीचे करना, पौधों को कोई कीट तो नहीं लगा है, कोई पौधा सूख तो नहीं रहा है- यह सब वह नियमित रूप से देखते हैं। ताकि उनका बगीचा हमेशा हरा-भरा रहे। इसके बाद, वह दूसरे कामों पर ध्यान देते हैं जैसे कोई मूर्ति या गमले बनाना। इसके साथ-साथ वह अपने यूट्यूब चैनल ‘Nilkanta Halder, The Indian Gardener’ के लिए वीडियो पोस्ट पर भी काम करते रहते हैं। उनके चैनल के 9.5 लाख सब्सक्राइबर हैं।

उन्होंने बताया, “मैं बहुत पहले से अलग-अलग तरह से बागवानी कर रहा हूं। अपने इसी अनुभव के आधार पर मुझे काफी जानकारी भी है। इसलिए 2015 में मेरे बच्चों ने कहा कि मुझे यूट्यूब चैनल बनाना चाहिए। इससे दूसरे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। तब मैंने अपने बागवानी से संबंधित वीडियो पोस्ट करना शुरू किया।” 

नीलकांत अपने चैनल पर DIY पॉट्स से लेकर वर्टीकल गार्डन, हाइड्रोपोनिक तकनीक, और बोनसाई तैयार करना तक सिखाते हैं। अपने बगीचे के लिए वह ज्यादातर गाय के गोबर से तरल खाद बनाते हैं। इसके अलावा, अपने घर के गीले कचरे का प्रयोग खाद बनाने के लिए करते हैं। अलग-अलग पौधों के लिए वह अलग-अलग तरह का मीडियम जैसे कोयले की राख(सिंडर), कोकोपीट, खाद और मिट्टी आदि का इस्तेमाल करते हैं। 

बागवानी के शौकीन लोगों के लिए कुछ टिप्स 

*सबसे पहले आप ताजा गाय के गोबर में पानी मिलाकर घोल बना लें। 

*इसके बाद किसी सूती कपड़े की मदद से इस घोल को छान लें। 

*घोल को छानने के बाद आप अगर चाहें तो इसमें बहुत ही थोड़ी मात्रा में NPK पाउडर मिला सकते हैं। 

*अब इस घोल में और पानी मिलाएं। 

*आपकी तरल खाद तैयार है, जिसे आप हर सात दिन में पानी में मिलाकर अपने पौधों को दे सकते हैं। 

नीलकांत कहते हैं कि जब तक आप बागवानी करना शुरू नहीं करते हैं, तब तक ही यह मुश्किल लगता है। लेकिन अगर आप दिल लगाकर एक बार बागवानी शुरू कर दें तो आपको मजा आने लगता है। छोटे से पौधों को बड़ा होते हुए देखना, अपने बगीचे में उगी सब्जियां खाना- इससे बेहतर और क्या ही होगा? इसलिए वह सबको बागवानी की सलाह देते हैं।

अगर आप नीलकांत से अपने गार्डन के लिए किसी तरह की सलाह चाहते हैं तो उनसे फेसबुक पेज पर संपर्क कर सकते हैं। 

अगर आपको भी है बागवानी का शौक और आपने भी अपने घर की बालकनी, किचन या फिर छत को बना रखा है पेड़-पौधों का ठिकाना, तो हमारे साथ साझा करें अपनी #गार्डनगिरी की कहानी। तस्वीरों और सम्पर्क सूत्र के साथ हमें लिख भेजिए अपनी कहानी hindi@thebetterindia.com पर!

संपादन- जी एन झा

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