गर्मियों में राहत देने वाली पारंपरिक भारतीय ड्रिंक्स, जो आपको रखेंगी तरोताज़ा

Traditional Indian Summer drinks from all over India

भारत के कई हिस्सो में मार्च के महीने में ही गर्मी का मौसम दस्तक देने लगता है। गर्म और उमस भरे मौसम में केवल एक ही चीज़ है, जो लोगों को राहत देती है और वह है दही, नींबू या किसी भी मौसमी फलों से बना ताज़ा शरबत, जानें कुछ पारंपरिक शरबतों की रेसिपी।

भारत के कई हिस्सों में मार्च के महीने में ही गर्मी का मौसम दस्तक देने लगता है। गर्म और उमस भरे मौसम में केवल एक ही चीज़ है, जो लोगों को राहत देती है और वह है दही, नींबू या किसी भी मौसमी फलों से बना ताज़ा शरबत (Summer drinks)

दुनिया का सबसे पहला शीतल पेय माना जाने वाले ‘शरबत’ का कॉन्सेप्ट फारसी शरबत से जुड़ा है, लेकिन भारत में यह मुगल शासन के दौरान लोकप्रिय होना शुरू हुआ। एक किस्से के मुताबिक, मुगल बादशाह बाबर, शरबत बनाने के लिए बर्फ लाने लोगों को हिमालय की चोटियों पर भेजा करते थे। वहीं, कुछ किताबों में शरबत के आविष्कार का श्रेय, प्राचीन यूनानी दार्शनिक और गणितज्ञ पाइथागोरस को भी दिया गया है।

भारत में है Summer drinks की कई वराइटी

भले ही इसकी शुरुआत कहीं से भी हुई हो, लेकिन सदियों से पीया जाने वाला यह शरबत, स्क्वैश या स्थानीय रूप से तैयार किया जाने वाला पेय, हमारी प्यास बुझाने के साथ-साथ, दिलो-दिमाग को तरोताजा करने का काम भी करता आ रहा है।

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत में शीतल पेय या ठंडी ड्रिंक्स की एक लंबी लिस्ट है, जो मौसम के प्रतिबंधों से परे है। ये पेय हमें स्वाद, पुरानी यादों और खुशी से भर देते हैं और इसिलिए आज हम आपको कुछ ऐसे लोकप्रिय ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको जरूर आज़माना चाहिए:

बाबरी बियोल

Babri Beol, traditional summer drink of Jammu Kashmir
Babri Beol

भारत के उत्तरी क्षेत्र का मशहूर और जम्मू व कश्मीर में प्रसिद्ध ‘बाबरी बियोल’, तुलसी के बीज या सब्जा के बीज से बना एक पारंपरिक पेय है, जिसे गर्मियों में पिया जाता है। कहा जाता है कि मुगल सम्राट बाबर ने इस क्षेत्र के लोगों के लिए इन बीजों को पेश किया था।

अपने हल्के और ताज़ा स्वाद के लिए जाना जाने वाला बाबरी बियोल, दूध, पानी, तुलसी के बीज और नारियल जैसी साधारण सामग्री से बनाया जाता है। स्थानीय भाषा में, इसे ‘कान शरबत’ भी कहाते हैं। कान का मतलब कीमती रत्न होता है। इस पेय के लिए कान का संदर्भ बीज हैं, जो पानी में भिगोए जाने पर फूल जाते हैं और मोतियों जैसे दिखते हैं। 

सोल कड़ी

Sol Kadi, Summer drink of banks of the Konkan coast
Sol Kadi

यह एक अलग तरह का पेय (Summer drinks) है, जिसे पिया तो गर्म या सामान्य तापमान पर जाता है, लेकिन यह काफी ज्यादा ठंडक और राहत का एहसास देता है। कोकम या अमसुल की बड़े पैमाने पर उपज के लिए मशहूर कोंकण तट पर इज़ात किया गया यह पेय, नारियल के दूध और कोकम सिरप के साथ मिर्च, जीरा और सरसों जैसे मसाले मिलाकर बनाया जाता है।

आमतौर पर महाराष्ट्र में पिए जाने वाले हल्का मीठे और मसालेदार इस पेय का स्वाद शायद अभी तक पूरे देश ने नहीं चखा है। ऐसा कहा जाता है कि मसालेदार भोजन खाने के बाद सोल कड़ी जरूर पीना चाहिए, खासकर गर्मियों के दौरान। यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।

गोंधोराज घोल

Gondhoraj Ghol, traditional drink of West Bengal
Gondhoraj Ghol

हममें से अधिकांश लोग छाछ जानते हैं और इसका स्वाद चख चुके हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में छाछ की अपनी एक अलग किस्म है, जिसमें गोंधराज नींबू मिलाकर इसका स्वाद और बढ़ा दिया जाता है। गोंधराज घोल के नाम से जाना जाने वाला यह पेय दही, काला नमक, चीनी, ठंडा पानी और आयताकार आकार वाले गोंधराज नींबू से निकाले गए सुगंधित रस को मिलाकर बनाया जाता है। वैसे तो इसे पीने के लिए गर्मी का मौसम सबसे अच्छा समय होता है, लेकिन लाजवाब स्वाद वाले इस साधारण पेय का सेवन पूरे साल किया जाता है, बशर्ते यह नींबू उपलब्ध हो।

चौक

Chuak, traditional drink of Tripura
Chuak

चौक, पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा क्षेत्र से स्थानीय रूप से तैयार किए जाने वाला पेय है, जिसमें स्वाद का एक दिलचस्प मिश्रण है। चावल और बीयर को फरमेंट करके बनाई जाने वाली इस राइस-बीयर को त्योहारों और शादियों जैसे विशेष सामाजिक अवसरों के दौरान पिया जाता है। यह आमतौर पर समुदाय के सबसे अनुभवी बुजुर्गों द्वारा बनाया जाता है और एक परिवार के साथ प्यार और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में साझा किया जाता है।

तिखुर शरबत (Summer drinks)

Tikhur Sherbat, drink of Chhattisgarh
Tikhur Sherbat

पूर्वी राज्य छत्तीसगढ़ का एक और अनूठा पेय है तिखुर, जिसे पालो के नाम से भी जाना जाता है। यह करक्यूमा अंगुस्टिफोलिया (Curcuma Angustifolia) नाम की एक स्वदेशी जड़ी बूटी का रुट स्टेम होता है। ईस्ट इंडियन एरोरूट के नाम से जाना जाने वाला यह पेय कई दिनों की मेहनत के बाद, तैयार होता है।

यह मेहनत, इस स्वदेशी जड़ी बूटी को उगाने से शुरू होती है। इसके बाद इसे साफ किया जाता है और इसका पेस्ट बनाया जाता है, जिसे रात भर भिगोकर रखा जाता है, ताकि अवशेषों को अलग किया जा सके। फिर इसे धूप में सुखाया जाता है और घुलनशील ग्लोब्यूल्स तैयार किए जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर, इन ग्लोब्यूल्स से बना मीठा पानी वाला पेय हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है और शरीर को ठंडा रखने में भी मदद करता है।

नोंगू शरबत

Nongu Sherbat
Nongu Sherbat

ताड़फल से बनने वाला यह ड्रिंक, तात्कालिक प्यास बुझाने वाला पेय है, जो देश के कई हिस्सों में लोकप्रिय है। लेकिन इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे- महाराष्ट्र में ताड़गोला, पश्चिम बंगाल में ताल और तमिलनाडु में नोंगू। ठंडे और हल्के स्वादों से भरपूर, यह बॉडी कूलर अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए भी जाना जाता है। हालांकि, इसे पारंपरिक रूप से चीनी, पानी और नींबू जैसी साधारण सामग्री से बनाया जाता है, लेकिन कई लोग इसे आम, गुलाब और दूध के साथ मिलाकर भी पीते हैं।

ठंडी पेय रेसपी (Summer drinks Recipe )

  1. बाबरी बियोल

सामग्री –

  • 500 ml उबला दूध
  • एक चुटकी केसर 
  • 1/2 छोटा चम्मच हरी इलायची पाउडर
  • 25 ग्राम बाबरी बियोल/तुलसी के बीज
  • 25 ग्राम कटे हुए कटे बादाम और पिस्ता।
  • 1 कप पानी
  • 2 बड़े चम्मच कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल या 200 मिली नारियल का दूध
  • स्वाद अनुसार चीनी

बनाने का तरीका:

  • तुलसी के बीजों को 1 कप पानी में कम से कम 3 से 4 घंटे के लिए भिगो दें।
  • जब ये फूलने लगें, तो एक कन्टेनर में दूध उबालें और इलायची पाउडर डालें।
  • इसे ठंडा होने दें और फिर भीगे हुए तुलसी के बीज डालें।
  • स्वादानुसार चीनी डालें और चम्मच से हल्का सा मिला लें।
  • इस मिश्रण में कसा हुआ सूखा नारियल या नारियल का दूध डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
  • केसर और सूखे मेवे छिड़कें और 5 से 6 घंटे के लिए ठंडा करें। यह पेय ठंडा होने पर ही अच्छा लगता है।

2. तिखुर शरबत

सामग्री

  • 2 बड़े चम्मच सूखे पालो या तिखुर ग्लोब्यूल्स
  • मिश्री या रॉक शुगर के 2 बड़े ब्लॉक (वैकल्पिक रूप से, सामान्य चीनी का भी उपयोग किया जा सकता है।)
  • 2 कप पानी

बनाने का तरीका

  • एक बड़े जग या बड़े गिलास में थोड़ा पानी और तिखुर ग्लोब्यूल्स डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
  • मिश्री या रॉक शुगर को पानी से साफ करें और तिखुर के मिश्रण में मिला दें।
  • अब इसे ढक दें और ठीक से घुलने का इंतज़ार करें।
  • अच्छी तरह से मिलाएं और एक महीन-जाली वाली छलनी के माध्यम से मिश्रण को छान लें।
  • परोसने से पहले बर्फ के टुकड़े मिलाएं।

मूल लेखः अनन्या बरुआ

संपादनः अर्चना दुबे

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