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10 पारंपरिक अनाज, जिन्हें भूल चुके थे भारतीय, पर आज दुनिया कहती है ‘सूपरफूड’

healthy grains

अगर हम कुछ दशक पुरानी, यानी दादी-नानी के समय की बात करें, तो हमारी खाने की थाली में रिफाइंड के लिए कोई जगह नहीं थी। ना तो रिफाइंड तेल, न रिफाइंड शुगर और न ही रिफाइंड अनाज। हम मोटा अनाज खाने वाले लोग थे। ज्वार, बाजरा, मकई, जौ और भी कई तरह के अनाज (healthy grains) जो हमारे खान-पान का हिस्सा हुआ करते थे, धीरे-धीरे थालियों से गायब होते चले गए और हम गेहूं व चावल तक सीमित होकर रह गए।

लेकिन जिस अनाज को छोड़ हम आगे बढ़े थे, आज पूरी दुनिया फिर से उसी अनाज की तरफ वापस लौट रही है। अब तो बाजार में भी इन्हें सुपरफूड्स का दर्जा मिला हुआ है और इनकी दुनियाभर में डिमांड है। 

इसीलिए हमने इन सुपरफूड्स के फायदे और इसकी न्युट्रिशनल वैल्यू जानने के लिए, गुरुग्राम में अपनी क्लिनिक चला रहीं न्युट्रिशनिस्ट व इंडियन डायटिक एसोसिशन की नेशनल एक्ज़िक्युटिव मेंबर, निलांजना सिंह से बात की। तो आइए जानते हैं इन पोषक आहारों के बारे में उनका क्या कहना है-

एक-दो नहीं, अनेकों हैं फायदे

निलांजना ने बताया, “सभी मोटे अनाजों में कैल्शियम, फाइबर, विटामिन्स, आयरन और प्रोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो हमारे भोजन को पौष्टिक बनाते हैं। यह जरूरी नहीं है कि आप अपने खाने में सिर्फ एक ही अनाज को जगह दें, थोड़ी वरायटी अपनाएं। हो सकता है शुरू में आपको स्वाद अच्छा न लगे, लेकिन धीरे-धीरे आपको आदत पड़ जाएगी।” 

उनका कहना है कि सेहत को मिलने वाले अन्य फायदों के अलावा, मोटा अनाज (healthy grains), वजन घटाने में काफी मददगार होता है। इन्हें खाने से भूख जल्दी नहीं लगती है। इनमें मौजूद मिनरल्स, आयरन और कैल्शियम, शरीर में होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं।

हमें एक दिन में कितना अनाज खाना चाहिए? इस बारे में निलांजना का कहना है, “एक वयस्क को रोजाना छह से आठ औंस अनाज का सेवन करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि इसमें कम से कम, आधा अनाज साबुत होना चाहिए। पोटैशियम से भरपूर अनाज से ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। वहीं फाइबर, डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद होता है।”

आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर क्या हैं इन अनाजों के फायदे और इन्हें अपनी डाइट में कैसे कर सकते हैं शामिल:

1. बाजरा

Bajara (Source)

बाजरा को सूजन कम करने, दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने और शुगर को नियंत्रित करने के लिए बेहतरीन अनाज (healthy grains) माना जाता है। टाइप टू डायबिटीज़ से पीड़ित 105 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में, उनके शुगर के स्तर में 27 प्रतिशत की कमी देखी गई। उन्हें चावल की जगह, बाजरे का सेवन कराया गया था, यह ग्लूटन फ्री होता है। बाजरा पीले, सफेद, लाल या भूरे रंग का हो सकता है। इसका एक खास स्वाद होता है, जिसे आप दलिया, पकौड़े या फिर रोटी के तौर पर खाने में शामिल कर सकते हैं। 

अफ्रीकी मूल के इस अनाज में अमीनो एसिड, कैल्शियम, जिंक आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और विटामिन (बी6, सी, ई) जैसे कई विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है। प्रति 100 ग्राम बाजरे में लगभग 11.6 ग्राम प्रोटीन, 67.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 132 मिलीग्राम कैरोटीन पाया जाता है। कैरोटीन हमारी आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। 

प्रोटीन से भरपूर बाजरा हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद हाई फाइबर, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और वजन कम करने में भी मददगार है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की भी अच्छी खासी मात्रा होती है। 

2. जौ

Jau/Barley (Source)

जौ को आजकल अमेरिका में खासा पसंद किया जा रहा है। यह, वहां खाए जाने वाले प्रमुख आहारों (healthy grains) में से एक है। जौ में बीटा ग्लूकेन्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यह एक तरह का घुलनशील फाइबर है, जो हृदय रोगों के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, बीटा ग्लूकेन्स शरीर में एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को कम करके, अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

वैसे देखा जाए तो यह आसानी से मिलने वाला एक सस्ता आहार है। लेकिन ध्यान रहे, यह ग्लूटन फ्री नहीं होता है। आप इसे साइड डिश के तौर पर खा सकते हैं। चाहे तो सूप बनाएं या फिर स्टफिंग और सलाद में भी शामिल कर सकते हैं। 

3. ज्वार

Jwar (indiamart)

ज्वार दुनियाभर में पांचवां सबसे अधिक खपत किया जाने वाला अनाज (healthy grains) और पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है। यह भी एक तरह का मिलेट ही है। इसमें मौजूद एंथोसायनिन और फेनोलिक एसिड, आपके शरीर के अंदर एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते हैं।

यह आकार में मकई और बाजरा से काफी छोटा होता है। भारतीय ज्वार को मकई की तरह पॉप करके खाया जा सकता है। यह ग्लूटन फ्री होता है और अक्सर दलिया का एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इसका हल्का स्वाद, इसे बेकिंग के लिए परफेक्ट बनाता है। फाइबर के साथ-साथ यह मैंगनीज, मैग्नीशियम और कॉपर डीवी का अच्छा स्रोत है।

4. क्विनोवा

Quinoa (Source)

गेहूं और चावल की तरह यह भी एक अनाज (10 healthy grains) ही है, जो दक्षिण अफ्रीका से हमारे देश आया है। हांलाकि यह आसानी से उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके बावजूद इसने इंडियन मार्केट में अपनी एक खास जगह बना ली है। दक्षिण अफ्रीका में इसका इस्तेमाल खासतौर पर केक बनाने के लिए किया जाता है।

यह ग्लूटन फ्री होता है और इसमें नौ तरह के अमीनो एसिड होते हैं। इसे खाने से प्रोटीन भी ज्यादा मिलता है और इसके अलावा, क्विनोवा में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम की भी अच्छी-खासी मात्रा होती है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण भी होते हैं। इसका स्वाद हल्का होता है। इसे लोग नाश्ते, दोपहर के भोजन या फिर रात के खाने में दलिया के रूप में लेना पसंद करते हैं। क्विनोवा में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है, जो भूख नियंत्रित कर वजन घटाने में मदद करता है। एक कप क्विनोवा खाने से आठ ग्राम प्रोटीन मिलता है।

5. फरो

Faro

क्विनोवा से आगे बढ़कर कुछ खाना चाहते हैं, तो फिर आप के लिए फरो बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। हालांकि यह ग्लूटेन फ्री नहीं होता है, लेकिन इसमें क्विनोवा के बराबर कैलोरी और प्रोटीन, कम फैट और कैल्शियम होते हैं। साथ ही यह विटामिन (ए, सी, के) और खनिजों से भरपूर होता है।

फरो, गेहूं की ही एक किस्म है, जिसे चावल या पास्ता के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस हाई प्रोटीन अनाज (10 healthy grains) को पकाने से पहले रात भर भिगोकर रखे जाने की जरूरत होती है। यह पकने में काफी समय लेता है। फरो में मौजूद मैग्नीशियम, हड्डियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। शाकाहारी लोगों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।

फरो में पॉलीफेनॉल कैरोटीनॉइड्स और फाइटोस्टेरॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट काफी ज्यादा पाए जाते हैं। जो कई तरह की पुरानी बीमारियों जैसे हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को कम कर सकते है। 

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6. राई

राई दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण अनाजों में से एक है। यह एक तरह का गेहूं ही है, लेकिन गेहूं की तुलना में इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और विटामिन और खनिज के मामले में यह गेहूं से काफी आगे है। 2000 सालों से उगाए जाने वाली राई में मौजूद हाई ग्लूटेन इसे रोटी के लिए परफेक्ट बनाता है। इससे आपको कार्बोहाइड्रेट और फाइबर के अलावा प्रोटीन, पोटैशियम और विटामिन भी मिलते हैं।

राई के आटे से ब्रेड, चॉकलेट या राई की कुकीज भी बनाई जा सकती है। इसमें मौजूद फाइबर, कब्ज में फायदा पहुंचाता है और कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करता है। हालांकि राई सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद है, लेकिन इस्तेमाल करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि ये ग्लूटेन फ्री नहीं होता है।

7. ब्राउन राइस

Brown Rice (Source)

अगर सेहत की बात करें तो विशेषज्ञ भी मानते हैं कि व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस (10 healthy grains) खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। यह फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। इसे खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिल जाती है, जिससे हम एक्टिव बने रहते हैं। साथ ही ये फाइबर, विटमिन्स और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत माना जाता है।

इसमें मौजूद फाइबर, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है साथ ही वजन घटाने में भी सहायक होता है। प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन बी, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, सेलेनियम और मैंगनीज हड्डियों को मजबूत बनाने और एनर्जी के लिए जरूरी माने जाते हैं।

ब्राउन राइस को और ज्यादा हेल्दी बनाने के लिए आप इसे वेजिटेबल स्टिर-फ्राई के साथ या फिर किमची फ्राइड राइस और ग्रेन बाउल के रूप में ट्राई करें।

8. ओट्स

अगर दिन की शुरुआत हेल्दी नाश्ते से हो, तो दिनभर शरीर में एनर्जी बनी रहती है। इस मामले में ओट्स से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। यह सिर्फ खाने में ही स्वादिष्ट नहीं होता है, बल्कि इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। यह ग्लूटन फ्री होता है और प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी 1 और नियासिन का एक अच्छा स्रोत होता है।

यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के लिए सबसे अच्छा अनाज माना जाता है। यह पानी में आसानी से घुल जाता है। इससे जल्दी भूख नहीं लगती। कैंसर, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के जोखिम को भी कम करता है। 

9. टेफ

हांलांकि टेफ दुनिया का सबसे छोटा अनाज है। लेकिन यह आयरन और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह उन कुछ अनाजों में से एक है, जो विटामिन सी, इम्यून सिस्टम और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का दावा करता है।

टेफ, इथियोपिया और इरिट्रिया का एक मुख्य अनाज है और शायद यही वजह है कि वहां के लोगों में एनीमिया की शिकायत काफी कम होती है। अभी हाल ही में 592 गर्भवती इथियोपियाई महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि रोजाना टेफ खाने से उनमें एनीमिया की शिकायत ना के बराबर थी। भले ही वे कम खा रही थीं, लेकिन टेफ ने उनमें एनीमिया के खतरे को कम कर दिया था। 

गुड़ जैसे स्वाद वाला यह अनाज (10 healthy grains), आयरन और कैल्शियम से भरपूर होता है। इस ग्लूटम फ्री अनाज को दलिया, सूप, स्टॉज, और बेकिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत में यह कुछ दुकानों में उपलब्ध है या फिर इसे ऑनलाइन भी मंगवाया जा सकता है। 

10. मकई

कॉर्न एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइबर के रूप में जाना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है। यह सेहत का खज़ाना है, पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनॉयड विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत है। इसे पकाने के बाद, इसमें 50 प्रतिशत एंटी ऑक्सीडेंट बढ़ जाते हैं। इसमें मौजूद फेरुलिक एसिड, कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में बहुत मददगार होता है। इसके अलावा, मक्के में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। 

संपादनः अर्चना दुबे

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