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खपत से ज़्यादा आया है बिजली का बिल, तो इस तरह करें जाँच!

बिजली का बिल आज कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। एक विशेष महीने में कई लोगों को बिजली का बिल कई गुना बढ़ा हुआ मिला है। बढ़े हुए बिल से कई लोगों को ज़ोरदार झटका लगा है। लेकिन आपको इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। 

अगर आपको भी अपने घर के बिजली का बिल बढ़ा हुआ मिला है, तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। अधिकारियों से संपर्क करने से पहले आप खुद बिजली बिल की जांच कर सकते हैं। यहां कुछ बुनियादी स्टेप बताए गए हैं जिनके ज़रिए आप पता लगा सकते हैं कि आपका बिल सही है या नहीं। 

If you have an unusually high bill, carry out some basic checks to see if your system has any anomalies, before contacting authorities.Image Credit: Synergy Interface Ltd.

1. बिजली प्रदाता को देने वाली राशि का उल्लेख ‘रूपये’ में किया जाता है। आप बिल में आपके द्वारा खपत की गई यूनिट की गणना करें और उनकी तुलना उन यूनिट से करें जो आपके द्वारा महीने भर पहले और पिछले साल इसी महीने खपत की गई है। अगर हम खपत की गई यूनिट की तुलना करें तो पता चलेगा कि शायद कीमतें बढ़ाई गई है। शायद बिजली बिल पर निर्धारित मूल्यों में भी बदलाव हुआ हो।

2. खपत किए गए यूनिट पर गौर करें। क्या वह आपके घर के लिए असामान्य रूप से ज़्यादा हैं?इसकी तुलना अपने पड़ोसी के बिल से करें, बशर्ते आपके और पड़ोसी के घर, दोनों का इलेक्ट्रिकल सेटअप समान हो। ऐसा करने से आपको एक अनुमान मिलेगा कि आपके घर में कितनी ऊर्जा इस्तेमाल होती है और आप पता लगा सकते हैं कि बिल की राशि ज़रूरत से ज़्यादा है या नहीं। 

3. यदि आप पाते हैं कि खपत की गई यूनिट पिछले महीने या पिछले साल के इसी महीने से बहुत अलग है, तो अपने मीटर रीडिंग की जांच करें। बिजली बिल मीटर रीडिंग आमतौर पर मैन्युअल रूप से किया जाता है, जिससे मानव त्रुटि की संभावना हो सकती है। 

4. मीटर की जांच कर लेने के बाद अगर आप संख्या सही पाते हैं, तो इस बात की जांच करें कि क्या घर में कहीं बिजली लीकेज हो रहा है। बिजली का मेन स्विच बंद करें और देखें कि क्या बंद होने के बाद भी मीटर डायल चलता या बदलता है। अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब है कि मीटर ठीक नहीं है। इसे बिजली प्रदाता को दिखाएं। वैकल्पिक रूप से, जांचें कि क्या कोई और तार है, (जो आपके घर की नहीं है) जो आपके मीटर से जुड़ा हुआ है।

5. मुख्य स्विच बंद करें, जब मीटर निष्क्रिय हो तो सभी उपकरणों को बंद कर दें और मेन स्विच ऑन करें। यदि मीटर चलता है, तो इससे पता चलता है कि वायरिंग सेटअप में गड़बड़ी है, जिसके कारण बिजली लीकेज हो रहा है। इसके अलावा, यह जांच करें कि कोई उपकरण बिना स्विच के सीधे लाइनों से जुड़ा हुआ तो नहीं है।

6. जांच करें कि घर के उपकरण कैसे बिजली की खपत कर रहे हैं। इसके लिए आप जिस उपकरण की जांच करना चाहते हैं उसे छोड़ कर बाकि सारे उपकरण ऑन रखें। अब मीटर की गति पर ध्यान दें। इसमें समय लग सकता है, जैसा कि लगभग 1kWh बिजली का उपयोग करने के बाद मीटर पर 1 यूनिट बढ़ता है, जो 100W बल्ब के 10 घंटे चलने या घंटे भर 1 टन एसी चलाने से बदलेगा।

7 . अपने घर में बिजली वायरिंग की जांच करें। यदि वायरिंग पुरानी है, तो उसे बदलना चाहिए, क्योंकि समय के साथ यह खराब हो जाती है और लीकेज का कारण बन सकती है। इसके अलावा, अगर गलत तरीके से “अर्थिंग” की गयी है, तो वह भी लीकेज का कारण हो सकता है। इसकी जांच करने के लिए इन्वर्टर सहित घर पर सभी उपकरणों को बंद करें और रीडिंग की जांच करें। यदि यह अब भी किसी तरह की बिजली की खपत दिखाता है, तो इसका मतलब है कि वायरिंग में कुछ खराबी है।

ऊपर बताए गए सभी स्टेप का पालन करें और अगर अब भी आप अपने बिल में गड़बड़ी की वजह नहीं ढूंढ पा रहे हैं तो संबंधित अधिकारी से संपर्क करें। अधिकारी से संपर्क करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करें –

सबसे पहले, समस्या के बारे में स्थानीय बिजली बोर्ड कार्यालय के साथ एक औपचारिक शिकायत दर्ज करें। संभावना है कि इस स्तर पर ही समस्या का समाधान हो जाएगा। हालाँकि, यदि कोई हल नहीं निकलता है तो आपको उपभोक्ता अदालत में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करनी पड़ सकती है। विवादित बिल का भुगतान न करने से संबंधित मामले “उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम” के तहत आते हैं। विवादित बिजली बिल के लिए, उपभोक्ता फोरम / न्यायालय जाना जटिल प्रक्रिया नहीं है।

  1. बिजली सीपीए के अंतर्गत आती है, इसलिए आप बिजली बोर्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  2. उस स्थान की जांच करें जहां सेवा प्राप्त की गई थी, और उस क्षेत्र के आधार पर निर्णय लें जहां सेवाओं का लाभ उठाया गया था। इसके बाद, सेवा की लागत की जांच करें, और यदि यह 20 लाख रुपये तक है, तो जिला उपभोक्ता फोरम से संपर्क करें, या यदि राशि 20 लाख रुपये से अधिक है, लेकिन 1 करोड़ रुपये से कम है, तो राज्य उपभोक्ता फोरम से संपर्क करें, और यदि लागत 1 करोड़ रुपये से अधिक है, राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम से संपर्क करें।
  3. वकील की सलाह से उपभोक्ता शिकायत ड्राफ्ट करें। 2-3 लाइनों में अपना परिचय देते हुए शुरूआत करें और इसमें सेवा का विवरण, बिल का विवरण और शिकायत शामिल करें (यहां ज़्यादा बिजली बिल का मामला )।
  4. कोर्ट में जाने से पहले मामले के निवारण के लिए आपके द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करें। उदाहरण के लिए, बताएं कि आपने बिजली बोर्ड से संपर्क किया है और फोन या ईमेल के ज़रिए उन्हें इस मुद्दे पर सूचित किया है।
  5. अधिकार क्षेत्र का चयन बुद्धिमानी से करें, क्योंकि गलत शिकायत फौरन अमान्य घोषित कर दी जाएगी।
  6. राहत दावे का उल्लेख करें, उदाहरण के लिए, विवादित बिजली बिल का हल निकालना। इसके अलावा, अपने मुकदमेबाजी के खर्चों को सूचीबद्ध करें और उन्हें अदालत में मामला लड़ने के लिए राहत के रूप में मांगें।
  7. इसके बाद, आप एक वकील के साथ मामले पर बहस करेंगे। फॉर्मल कपड़े पहनें और अगर मामला जिला या राज्य फोरम में है तो कॉपियों की 3 सेट साथ रखें और अगर मामला राष्ट्रीय फोरम में है तो प्रतियों की चार सेट साथ रखें। अदालत में, मामले को उपभोक्ता शिकायत के रूप में संदर्भित किया जाएगा, और मामले के बाद मुक़दमेबाज़ को परिणाम की एक मुफ्त प्रमाणित प्रति दी जाएगी।
  8. सुनिश्चित करें कि शिकायत सेवाएं प्राप्त करने वाली तारीख से दो साल के भीतर की जाए। 

उपरोक्त स्टेप्स के अलावा यदि आप अपनी बिजली व्यय का अधिक स्थायी समाधान चाहते हैं, तो विभिन्न ऊर्जा स्रोतों की तलाश करें। सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोत, प्रारंभिक स्थापना लागत के कारण महंगा लग सकता है; लेकिन लंबे समय में यह किफायती होता है। ऊर्जा का इस्तेमाल बुद्धिमानी और जिम्मेदारी से करें, यकीनन आप पर ज़्यादा बिल का बोझ नहीं आएगा।

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संपादन – मानबी कटोच

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