हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है और इस दिन को खास बनाती है, AIR की यादों को एक ही धागे में पिरोती है वह धुन, जो सुबह की पहली किरण के साथ रेडियो पर बजती थी। इस धुन को किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि एक चेक यहूदी शरणार्थी, वाल्टर कॉफ़मैन ने इज़ाद किया था।