10 फरवरी 2019, रविवार की सुबह, स्वयंसेवकों के एक समूह ने उत्तर-प्रदेश के लखनऊ में गोमती नदी के घाट की साफ़-सफाई की और वहाँ जमा हुए प्लास्टिक के ढेर को हटाया। ये 17 स्वयंसेवक, जिन्होंने यहाँ घाटों से प्लास्टिक के कचरे को साफ किया, वे कभी भिखारी हुआ करते थे। इसकी शुरुआत शरद पटेल ने की है।
बिहार के आश्रय घर के बाद अब उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित आश्रय घर, माँ विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान से 24 लड़कियों को यौन शोषण से बचाया गया। इसमें कुल 42 लोग रहते थे। 18 लड़कियां अभी भी लापता हैं।