नासिक के रहनेवाले अद्वैत और उनकी पत्नी उत्तरा खेर ने Utopia Farm Stay शुरु किया है। यह फार्मस्टे हर तरह से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह कपल लंबे समय से पर्यावरण के लिए काम कर रहा है।
अद्वैत और उत्तरा, दोनों ही हॉस्पटैलटी इंडस्ट्री में काम करते थे। दोनों की मुलाकात, ताज में काम करने के दौरान हुई थी। साथ ही दोनों मॉडल के रूप में भी काम कर रहे थे। उत्तरा ने 1982 में मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब अपने नाम किया था। इतनी चकाचौंध भरी दुनिया से ताल्लुक रखने के बावजूद, जो बात इस कपल को सबसे अगल बनाती है, वह है इनकी गर्मजोशी।
अद्वैत और उत्तरा अपने फार्मस्टे पर आने वाले हर एक गेस्ट से इतने गर्मजोशी से मिलते हैं कि यहां से जाने के बाद भी ज्यादातर लोग उनके संपर्क में रहते हैं। यह फार्मस्टे, नासिक के सुला वाइनयार्ड से करीब पाँच मिनट की दूरी पर है। इसके एक तरफ गंगापुर झील है और दूसरी तरफ सह्याद्री पहाड़ हैं।
मुंबई के कठोर मौसम और कंक्रीट को छोड़कर, इन दोनों ने अपनी बेटियों, सैयामी और संस्कृति, को पालने के लिए प्रकृति के बीच एक छोटे से शहर में नासिक आने का फैसला किया।
सबसे पहले खोले तीन रेस्तरां
अद्वैत कहते हैं कि, “मानसून के दौरान पहाड़, ट्रेक और विशेष रूप से झरने ऐसी चीज़ें हैं, जिन्होंने मुझे मुंबई से दूर कर दिया।” नासिक आते ही अद्वैत ने तीन रेस्तरां खोले – आंगन, तंदूर और द बॉम्बे टॉकीज़।
इसके काफी समय बाद, उन्होंने फार्म स्टे के बारे में सोचा और फरवरी 2018 में यूटोपिया फार्म स्टे शुरु किया। अद्वैत ने कई महीने तक अपनी मोटरसाइकल से आस-पास के गांवों का दौरा किया और वहां के आर्किटेक्चर के बारे में जानकारी हासिल की। फार्मस्टे का काम शुरु करने से पहले अपने प्रोजेक्ट की योजना बनाने में उन्हें दो महीने का समय लगा।
लेकिन जल्द ही उनके सामने एक बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई। वह काली कपास की मिट्टी का उपयोग कर रहे थे, जो मानसून के दौरान फैलती है और गर्मियों के दौरान सिकुड़ती है। इस कारण हर बार निर्माण में खिंचाव और जोर (पुल एंड पुश) लगता है। साथ ही इसे खड़े होने के लिए एक ठोस नींव की ज़रूरत होती है।
इसी वजह से कोई भी आर्किटेक्ट इस प्रोजेक्ट को हाथ में लेने को तैयार नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और यह काम उन्होंने खुद करने का सोचा। 2 एकड़ की संपत्ति के आर्किटेक्ट होने के अलावा, अद्वैत ने कारपेंटर का भी काम किया। एक पेशेवर के साथ मिलकर उन्होंने फार्मस्टे के फर्नीचर बनाए हैं।
इसे बनाने में किन चीज़ों का हुआ इस्तेमाल
नींव के पत्थर, इस्तेमाल किए गए ईंट, मिट्टी से लेकर इंटिरियर तक, इस यूटोपिया फार्म स्टे को हर पहलू से पर्यावरण के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है। फार्मस्टे में इस्तेमाल की गई समाग्री के बारे में बात करते हुए अद्वैत कहते हैं, “हमारे पास बेसाल्टिक रॉक फाउंडेशन है और हमने फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल किया है। हमने बहुत कम सीमेंट का उपयोग किया है और गाय के गोबर का इस्तेमाल करते हुए प्लास्टर किया गया है।”
फ्लाई ऐश ईंटें ऊपरी मिट्टी को नष्ट नहीं करतीं और बांधने के लिए कम सीमेंट और पानी की ज़रूरत होती है। सीमेंट की ईंटों की तुलना में, उनके टूटने की संभावना भी कम होती है और यहां वेस्ट भी कम होता है। ये ईंटें कम गर्मी को अवशोषित करती हैं, जिसकी वजह से कमरे ठंडे रहते हैं।
यहां एसी की ज़रूरत नहीं पड़ती। फार्म के कमरे के लिए बहुत ही कम मात्रा में जहरीले लेटेक्स-ऑयल पेंट्स का इस्तेमाल किया गया है। कमरों को मुख्य रूप से गाय के गोबर और मिट्टी के मिश्रण का लेप लगाया गया है, जो एक पुरानी, टिकाऊ तकनीक है। इसके अलावा, इमारत में सिरेमिक टाइलों की जगह केवल मिट्टी की टाइल का इस्तेमाल किया गया है।
बोरियों में लिपटे खाली बिसलेरी की बोतलों को लैंपशेड के रूप में लगाया गया है। इस फार्मस्टे में पुराने और रीसाइकल्ड चीजें, जैसे- खिड़कियां (झरोखा) आदि लगाई गई हैं, जिन्हें अद्वैत ने पिछले 30 वर्षों में अपनी कई यात्राओं के दौरान जमा किया था। उन्होंने राजस्थान, कोचीन, महाराष्ट्र आदि से कई सामान लिए हैं। वह कहते हैं, “हम पूरे देश से बहुत सी चीजें इकट्ठा कर रहे हैं, जिन्हें हम अपने डिजाइनों में शामिल कर सकते हैं।”
यूटोपिया फार्म स्टे में उगी सब्जियों से मेहमानों के लिए बनता है खाना
इस फार्म स्टे के ग्रे वॉटर का उपयोग खेतों में किया जाता है और यह फार्म स्टे, सौर ऊर्जा से चलता है। अद्वैत कहते हैं, ” यहां सब कुछ जितना संभव हो सका, उतना पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है और हम इसे उसी तरह रखना चाहते हैं।”
खेत में ही कई तरह की सब्जियां और फल उगाए जाते हैं, जैसे- प्याज, लहसुन, केला, नारियल, आम, सहजन, पालक आदि और यहां आने वाले मेहमानों को इन्हीं से बना खाना खिलाया जाता है। अभी खेत के एक हिस्से में सूरजमुखी लगे हैं, जो मुख्य रूप से पक्षियों को आकर्षित करने के लिए लगाए गए थे।
आज, पक्षियों की 42 से अधिक प्रजातियां इस फार्मस्टे के चारों ओर घूमती हैं। इसके अलावा, खेतों में लगाए गए सूरजमुखी से करीब 100 लीटर तेल मिलता है। उत्तरा कहती हैं, “मैं इसे खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करूंगी, क्योंकि मैं ही फार्म स्टे में खाना बनाती हूं। हम कोल्ड-प्रेस्ड सूरजमुखी तेल भी बेचेंगे।”
अद्वैत और उत्तरा लंबे समय से पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं। पर्यावरण की रक्षा में दोनों ने कई अहम योगदान दिए हैं, जिसमें गोदावरी की सफाई के लिए जनहित याचिका दायर करने से लेकर नासिक के आस-पास पेड़ों को कटने से बचाना शामिल है।
उत्तरा कहती हैं, ”हम करीब 3,000 पेड़ों को काटे जाने से बचाने में कामयाब रहे, क्योंकि वे सड़कों को चौड़ा करने के लिए बेतरतीब ढंग से पेड़ों को काट रहे थे।”
इस यूटोपिया फार्म स्टे में रुकने के क्या हैं चार्जेज़?
इस फार्मस्टे में रुकने का किराया प्रति रात 5,000 रुपये से लेकर 7,000 रुपये तक है। यहां उत्तरा और अद्वैत कई तरह की एक्टिविटीज़ कराते हैं, जिसमें योग वर्कशॉप और मिट्टी मोल्डिंग कक्षाएं शामिल हैं।
इसके अलावा अद्वैत, कारपेंटिंग वर्कशॉप और मानसून ट्रेक व हाइक, नासिक शहर की सैर और वहां के सुंदर आर्किटेक्चर दिखाने जैसी एक्टिविटीज़ भी कराई जाती हैं।
यहां आने वाले मेहमान इन सारी एक्टिविटीज का भरपूर लुत्फ उठाते हैं। उत्तरा हंसते हुए कहती हैं, बड़े शहरों के छोटे बच्चे ने कभी पौधों पर सब्जियां उगते हुए नहीं देखा है, इसलिए हम उन्हें थोड़ी बागवानी सिखाते हैं।”
उनके एक 72 वर्षीय, गेस्ट दौड़ना चाहते थे। वह एक अल्ट्रा-मैराथनर थे, जो कभी नासा में वैज्ञानिक भी थे। एक दूसरे गेस्ट सर्न, स्विटजरलैंड में इलेक्ट्रोमैग्नेट पर काम कर रहे थे।
यहां, वही लोग आते हैं, जिन्हें 5 स्टार कल्चर नहीं पसंद
अद्वैत कहते हैं कि दुनिया भर से आए इन मेहमानों से बात करना बहुत ही शानदार है। कॉमन एरिया में शाम को मिलने वाले लोगों का एक अच्छा ग्रुप होता है। हालांकि, अद्वैत और उत्तरा यहां इस यूटोपिया फार्म स्टे पर नहीं रहते हैं, लेकिन अक्सर वे यहां आते रहते हैं।
वे अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और हर दिन नई चीजें सीखते हैं। उत्तरा कहती हैं, “जो लोग फार्म स्टे या होमस्टे में रहते हैं, वे ऐसे लोग हैं जिन्हें 5-स्टार कल्चर पसंद नहीं है।”
ज्यादातर मेहमान अब इस कपल के लिए परिवार की तरह हैं। यहां से जाने के बाद भी वे उनके संपर्क में रहते हैं। अद्वैत और उत्तरा के विकास और नवाचार की यात्रा लगातार जारी है। वे अब ग्रामीणों को अपने मॉडल की नकल करने और उन्हें इस बारे में सिखाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनकी आय बेहतर हो सके।
स्थान: नासिक, महाराष्ट्र
बेड एंड बाथ: चार कॉटेज सुइट, सभी में दो बेडरूम और दो बाथरूम हैं।
आकार: 2 एकड़
निर्माण में लगा समय: सात महीने
यूटोपिया फार्मस्टे के बारे में और अधिक जानने के लिए उनकी वेबसाइट पर विज़िट कर सकते हैं।
मूल लेखः आरुषी अग्रवाल
संपादनः अर्चना दुबे
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