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IT इंजीनियर ने बनाई एक ऐसी टाउनशिप जहां सीमेंट के नहीं, बनेंगे सिर्फ मिट्टी के घर

Eco-friendly township
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46 वर्षीय राघव राव,  विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) के रहनेवाले हैं। उनके पिता एक किसान थे। लेकिन पढ़ाई के बाद साल 1999 में वह आईटी में नौकरी करने के लिए बेंगलुरु आकर बस गए थे। इतने साल बेंगलुरु में रहते हुए उन्हें हमेशा ही गांव के सादी जीवनशैली की कमी खलती थी। राघव को प्रकृति से जुड़कर रहना और पेड़-पौधों के बीच समय बिताना काफी पंसद भी था। 

लेकिन समय के साथ गांव और सादा जीवन दोनों ही पीछे रह गया। राघव को खेती से भी काफी लगाव था। लेकिन नौकरी से जुड़ने के बाद, चाह कर भी वह ज्यादा समय अपने गांव में नहीं बिता पाते थे। द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहते हैं, “मेरे परिवारवाले जानते थे कि मुझे खेती से कितना लगाव है, लेकिन  सालों से बेंगलुरु में रहने के बाद हमें यह शहर भी काफी पसंद आ गया था। इसलिए मैंने बेंगलुरु के पास ही अपने लिए एक ईको-फ्रेंडली फार्म हाउस बनाने का  सोचा।”

शुरुआत में सिर्फ अपने लिए एक मिट्टी का घर बनाने और खेती से जुड़ने का फैसला करने के बाद, राघव को लगने लगा कि एक इंसान अकेला रहकर सस्टेनेबल जीवन को नहीं अपना सकता। अपने बचपन को याद करते हुए उन्हें हमेशा लगता था कि कैसे गांव के लोग अपनी ज़रूरत के लिए गांव के अंदर मिलने वाली चीजों पर ही निर्भर रहते थे। 

NSR Green Wood An Eco-Friendly Township

उस दौर में वह अपने भोजन से लेकर पानी तक के लिए गांव में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते थे और इसी सोच ने उन्हें एक ऐसी कम्युनिटी बनाने के लिए प्रेरित किया, जहाँ उनके जैसे और कई लोग एक साथ मिलकर रह सकें। 

वह कहते हैं, “मैं अपने गांव में भी वापस जा सकता था, लेकिन सालों बेंगलुरु में रहने के बाद मुझे यहां का मौसम काफी अच्छा लगता था और यहां हम कई लोगों को जानने भी लगे थे। इसलिए,  मैंने 2013 में बेंगलुरु के पास एक छोटे से गांव बेल्लावी में करीबन 10 एकड़ ज़मीन खरीदी, जिसके लिए मैंने अपनी जमा पूंजी तो लगाई ही साथ ही थोड़ी आर्थिक मदद मेरे परिवारवालों ने भी की थी।”

नौकरी छोड़कर बनाई ईको-फ्रेंडली टाउनशिप

साल 2013 में राघव एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करते थे और ऐसे समय में नौकरी छोड़ने का फैसला आसान नहीं था।  इसलिए उन्होंने साल 2013 से 2015 के दौरान, नौकरी के साथ-साथ अपने इस ईको-फ्रेंडली टाउनशिप पर काम करना शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के लिए कई तरह के प्रयास किए।  

राघव कहते हैं, “मैंने कभी भी अपने इस टाउनशिप के लिए नगरपालिका के पानी कनेक्शन के लिए अप्लाई नहीं किया। मैं इसे हमेशा से एक सस्टेनेबल जगह बनाना चाहता था, इसलिए मैंने कई जगहों पर जाकर बारिश का पानी बचाने की तकनीकों के बारे में रिसर्च करना शुरू किया। हम यहां रेन वॉटर से लेकर ग्रे वॉटर तक सब अच्छे से इस्तेमाल करते हैं।”

इसके बाद उन्होंने खुद मिट्टी के घर बनाना शुरू किया। उन्होंने अपने परिवार के लिए यहां दो मिट्टी के घर बनाए। इन  घरों का नाम उन्होंने ‘पंचतत्व’ रखा है। इसे बनाने में मिट्टी के साथ-साथ चूने का इस्तेमाल किया गया है। राघव ने इस मिट्टी के घर को बनाने के लिए मिट्टी के घर बनाने की कई वर्कशॉप में भी भाग लिया।  

राघव कहते हैं, “जिस इलाके में हमारी ज़मीन है, वहां कई लाल ईटों की फैक्ट्रीज़ भी हैं। लाल ईंटों की फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में टूटी हुई ईंटें कचरे में फेंक दी जाती थीं, इसलिए हमने अपने घर में इन ईंटों को रीसायकल करके इस्तेमाल करने का सोचा।”

इस तरह रीसायकल्ड चीजों और प्राकृतिक संसाधनों से उन्होंने अपना घर बनाया, जिसमें मिट्टी का प्लास्टर ही लगा हुआ है। उन्होंने बिजली के लिए सोलर पावर का इस्तेमाल किया और घर में एक किचन गार्डन भी बनाया। 

Common Area

चूंकि यह टाउनशिप एक गांव के पास है, इसलिए राशन और ज़रूरी सामान के लिए उन्हें ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता। शुरुआत में यह एक वीकेंड होम था, लेकिन साल 2015 में राघव ने नौकरी छोड़कर यहां हमेशा के लिए रहने का फैसला किया।

राघव कहते हैं कि बिना मार्केटिंग में पैसा खर्च किए उनका घर जल्द ही आस-पास के इलाके में मशहूर हो गया। कई लोग उनसे उनके प्रोजेक्ट के बारे में पूछते और यहां रहने की इच्छा जताते थे। 

इस टाउनशिप में सभी घर हैं मिट्टी के घर

राघव कहते हैं कि वह एक राघव नहीं कई और राघव बनाना चाहते थे, ताकि गांव की संस्कृति को फिर से ज़िन्दा किया सके। इसी सोच के साथ उन्होंने कुछ लोगों को यहां प्लॉट बेचना शुरू किया।  फिलहाल,  वह ‘NSR ग्रीन वुड’ नाम से इस टाउनशिप को चला रहे हैं और इसके तहत वह नेचुरल, सस्टेनेबल और तीन आर के सिद्धांत पर एक ईको-फ्रेंडली कम्युनिटी बनाने का काम कर रहे हैं।  

Mud And Stone House

राघव एक ऐसी कम्युनिटी बनाना चाहते थे, जहां लोग कृत्रिम साधनों से ज्यादा प्रकृति पर निर्भर हों। इसलिए बेहद ज़रूरी था कि लोगों की सोच एक जैसी हो। यहां रहने का फैसला करने से पहले लोग यहां आकर राघव के साथ रहते हैं। यहां राघव ने करीबन 500 फलों के पेड़ और औषधीय पौधे लगाए हैं।  साथ ही, यहां एक कॉमन एरिया भी बना है जैसा कि हर एक गांव में होता है। इस 10 एकड़ जगह में खेती भी की जाती है, जिसमें यहां रहनेवाले सभी लोग भाग लेते हैं। खेती के लिए ड्रिप सिस्टम का उपयोग किया जाता है। वहीं, पेड़ों में ग्रे वॉटर इस्तेमाल होता है।  

टाउनशिप के कॉमन एरिया के लिए यहां 25 किलोवाट का सोलर प्लांट लगा है। इसके अलावा, हर एक घर में निजी उपयोग के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं।  

Members Of NSR Township

साल 2015 से अब तक इस ईको-फ्रेंडली टाउनशिप में करीबन 15 लोगों ने घर बनाएं हैं और ये सारे ही घर मिट्टी और पत्थर से बनाए गए हैं। सभी मिट्टी के घर में एक किचन गार्डन बना है। 

राघव कहते हैं कि यहां कुल 90 मिट्टी के घर बन सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि यहां वे लोग ही रहें,  जिन्हे गांव के जीवन और सस्टेनेबल जीवनशैली पर भरोसा हो। फ़िलहाल यहां रह रहे लोगों में कई लोग सीनियर सिटीजन हैं, तो कई ऐसे युवा भी हैं, जिन्हें प्रकृति के पास रहने में दिलचस्पी है। आप राघव के इस बेहतरीन ईको-फ्रेंडली टाउनशिप के बारे में ज्यादा जानने के लिए उन्हें यहां संपर्क कर सकते हैं।  

संपादनः अर्चना दुबे

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