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मुंबई के डब्बेवालो ने गरीब और भूखे लोगों के लिए एक नेक पहल की शुरूआत की है। मुंबई के किसी भी शादी- पार्टी या समारोह के बचे हुए खाने को गरीब और जरुरतमंद की थाली तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है मुंबई के डब्बावाला संगठन ने।
क्या आपको किसी समारोह, शादी या पार्टी में बचे हुए खाने की बर्बादी पर अफसोस होता है? आप चाहते है कि रोजाना बड़े-छोटे पार्टियों में बचा हुआ खाना बर्बाद न हो? या फिर आप चाहते है कि इन पार्टियों में बचे हुए खाने की बर्बादी को रोककर उसे जरूरतमंद, भूखे लोगों की थाली तक पहुंचाया जाए ताकि उनकी भूख मिट सके?
अगर हां! तो बिना देर किए जुड़िए मुंबई के डिब्बावालों की अनूठी पहल रोटी बैंक से और कॉल करिए उनके हेल्पलाइन नंबर 919867221310 और 918652760542 पर!
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अगर आपके अपने घर, ऑफिस, पड़ोसी, मोहल्ले, दोस्तों, रिश्तेदारों के यहां किसी पार्टी में खाना बचता है तो सिर्फ एक कॉल पर मुंबई के डब्बावाले बचे हुए खाने को ले जाकर जरुरतमंदो की थाली में परोसेंगे।
डब्बावाला संगठन ने टीबीआई को बताया कि रोजाना शादी, पार्टी और अन्य समारोह में खाना बर्बाद होते हुए देखकर उन्हें बहुत तकलीफ होती थी, वहीं दूसरी तरफ मुंबई में लाखों जरुरतमंदों को एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती है, इसी विषमता को कम करने के उद्देश्य से डब्बावाला संगठन ने रोटी बैंक को एक मिशन के रुप में शुरू किया है।
मुंबई के 'जीवन डब्बे वहातुक मंडल' के रोटी बैंक पहल के तहत शादियों और पार्टियों में बचने और बर्बाद होने वाले खाने को गरीब, भूखे, असहाय और जरुरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है। रोटी बैंक की इस टीम में करीब 400 डब्बेवाले काम कर रहे है।
डब्बावालों की इस पहल में करीब 30 से ज्यादा कैटरर और वेडिंग प्लानर जुड़ चुके है, जो रोजाना शहर के अलग-अलग जगहों पर शादी-पार्टी में बचे खाने की जानकारी डब्बावालों को उनकी हेल्पलाईन नंबर पर देते हैं।
इसके बाद फौरी तौर पर नजदीकी डब्बावाले को सूचित किया जाता है, जो खाने को समारोहस्थल से ले जाकर नजदीकी जरुरतमंद लोगों में बांट देता है ।
मुंबई के डब्बावाले समय के बहुत पाबंद है और यही वजह है कि यह पहल लोगों के बीच खासी लोकप्रिय हो रही है और लगातार लोग जुड़ रहे है।
मुंबई डब्बावाला संगठन के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने द बेटर इंडिया को बताया कि -
"इस मुहिम को शुरू किए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है, लेकिन हमें 100-150 कॉल रोजाना आने शुरू हो गए है। हमारा प्रयास यही है कि अन्न बर्बाद न हो, वो जरूरतमंद तक पहुंचे।"
सुभाष बताते है कि मुंबई के अलावा जबलपुर, नागपुर, अमरावती, हैदराबाद, पुणे जैसे शहरों से भी लोग उन्हे फोन कर रहे हैं, कि उनके शहर में भी वो सेवा दें पर डब्बावाला हर शहर में ये सेवा नहीं दे सकता है।
"हमारी भी सीमा है लेकिन हम टेक्नोलॉजी के माध्यम से लोगों तक पहुंचेगें।"
सुभाष बताते है कि कई शहरों से लोगों ने फोन किया है कि वे अपने शहर में बचे हुए खाने को गरीबों कर पहुंचाने का काम कर सकते है और जल्द ही वे रोटी बैंक की वेबसाईट बनाकर अलग-अलग शहरों के उन लोगों का नाम भी सार्वजनिक कर देंगे ताकि उन शहर के लोग भी उन नंबरों पर कॉल करके बचे हुए खाने को बर्बाद होने से बचा सके। लोगों के एक कॉल पर सुबह , दोपहर हो या रात डब्बावाले हाजिर रहते है, जरुरतमंदों तक खाना पहुंचाने कि लिए। ये डब्बावाला संगठन के लिए एक मिशन है।
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सुभाष का कहना है -
"जितने ज्यादा लोग हमारी इस पहल से जुड़ेंगे हम उतने ज्यादा लोगों की थाली में एक वक्त का खाना परोस सकेंगे, साथ ही अन्न के अपमान को भी रोकेंगे।"
मुंबई का डब्बावाला संगठन पिछले 125 साल से दोपहर के खाने का डब्बा लोगों को पहुंचाते आया है, पूरे मुंबई में 2 लाख से ज्यादा लोगों को टिफिन डब्बेवाले ही पहुंचाते है।
Flickr: Steve Evans/Flickr
टीबीआई से बात करते हुए मुंबई निवासी जोसेफ बताते है कि -
"मेरे घर में पार्टी थी, काफी खाना बच गया था, मैने देर रात डब्बेवाले को फोन किया, डब्बावाला की टीम आकर खाना ले गई और मुझे खाना बांटते हुए तस्वीर भी उन्होने भेजा है। ये एक अच्छी पहल है और मैं अपने दोस्तों को भी इससे जोड रहा हूँ, ताकि ज्यादा लोग इस नेक काम से जुड़े।"
यदि आप कोई पार्टी या समारोह करने जा रहे है, तो बाकी इंतजामों के साथ साथ डब्बावालों को फोन करना ना भूलें क्यूंकि खुशियां बांटने से बढ़ती है। और इस तरह आप गरीब और जरुरतमंद लोगो को भी अपनी खुशियों में भागीदार बना सकते है।
तो जुड़िए मुंबई के डब्बेवालों की इस मुहिम से और पहुंचाइए नए साल में किसी गरीब की थाली में खाने के साथ-साथ खुशियां भी।