अहमदाबाद की सड़कों ने दुर्घटनाओं से बचने का कलात्मक रास्ता खोज निकाला है। श्रेय जाता है यहाँ की सौम्या पांड्या ठाकुर और शकुंतला ठाकुर को। इस माँ-बेटी की जोड़ी ने बड़ी ही कुशलता से ज़ेबरा क्रासिंग को 3D में पेंट कर, एक नया रूप दिया है। यहाँ के अधिकारीयों ने इनके इस कार्य की सराहना करते हुए इस प्रयोग की सफ़लता पर मुहर लगा दी है।
सौम्या के अनुसार, " 3डी स्ट्रीट आर्ट भारत के लिए बिलकुल नया है। लोगो के भीतर एक जिज्ञासा और उत्सुकता पैदा करने के कारण यह अहमदाबाद में सफल हो पाया है। "
अधिकारीयों की सहमति से उन जगहों के ज़ेबरा क्रासिंग को पेंट किया गया जो इस शहर के सबसे अधिक दुर्घटना संभावित क्षेत्र थे।
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source - indiatimes.com
बाहर के देशो से प्रेरणा ले कर, ज़ेबरा क्रासिंग को समतल ज़मीन पर कुछ ऐसे पेंट किया गया कि चालको को वह उभरा हुआ प्रतीत हो। इस से वे खुद ही अपनी गति धीमी कर लेते हैं जिस से दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। यह पूछने पर कि इस से चालको का ध्यान बाँटने की सभावना बन सकती है, वे बताती है, " इसे बस हल्का सा उभरे होने का रूप दिया गया है जिससे अचानक से ब्रेक लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।"
वे आगे बताती है, " अधिकारियों ने इसके प्रभाव का परीक्षण किया है और इसे सफल घोषित कर दिया गया है। अब यह डिज़ाइन कॉपीराइट के लिए भी उपलब्ध है।"
सौम्या चित्रकला के साथ बचपन से जुड़ी हुई हैं। प्रकृति के प्रति इनका लगाव इनके द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनियों में स्पष्ट नज़र आता है। वे साल 2000 से 'saumya's wet brush $234P' नामक संस्थान चला रही हैं और कई बच्चो और बुजुर्गों को कला से जोड़ रही है।
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