Site icon The Better India – Hindi

पटाखे : पंछी : मिस श्रीवास्तव की लाइटिंग


फड़ फड़ फड़ फड़

दो दिन हैं अभी दीवाली को
साफ़ आसमान
गुलाबी ठण्डक
कोई पटाखा नहीं
लेकिन मन अभी से
दीवाली की शोरीली रात
का पंछी हुआ है
न पिए चैन
न बिन पिए

 

फड़ फड़

 

देर तक गूँजती
महानगर के शोर में
अंदरूनी सन्नाटे की भाँय भाँय
धाँय सी, पड़ोस से आती हँसी
साल भर अकेले रहने के मज़े ले लो
त्यौहार पूरी क़ीमत वसूल लेते हैं

 

फड़ फड़
फड़ फड़

 

बाप का अस्थमा
माँ के अनरसे
बिखर तो नहीं गए होंगे इस बार..
हैं? पड़ोस में ये लाल साड़ी में कौन पधारी है
बिल्कुल समीक्षा की तरह दिखती है
वही तो नहीं?
ये बीस की है, वो
चालीस के करीब होगी
लेकिन फिर भी झाँकता है
दरवाज़े की चौखट पर जा बैठा पंछी

 

फड़ फड़

 

ये कभी समझ नहीं आया
मिसेज़ श्रीवास्तव ने
मिस्टर से शादी क्यों की?
न अमीर है ऐसा कोई
न दिखने में संजीव कुमार

 

फड़ फड़
आज चमकीले नीले में है.
मुंबई का असर,
मोगरे का गजरा
जँच रहा है
फड़

 

फड़ फड़ फड़
फड़ फड़

 

चौखट से थोड़ा और आगे खिसकता है पंछी
आज किसी को फ़ोन लगा
अपनी जान जलाने से अच्छा है
मिस श्रीवास्तव ही
लाइट्स लगाने के लिए बुला लें

 

फड़ फड़
फड़ फड़ फड़ फड़ फड़ फड़
फड़ फड़ फड़ फड़ फड़ फड़
फड़ फड़ फड़ फड़
फड़ फड़ फड़ फड़
फड़

 

गिर जा लाइट
गिर जा लाइट.. फड़!

 

आज की शनिवार की चाय महानगरों में अकेले रहने वाले दिलजलों के नाम, चियर्स!!
और ये वीडियो, शायद दिल बहल जाए :


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

Exit mobile version