जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सलाद सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। चाहे घर हो या होटल, सलाद की प्लेट सजी हो और उसमें खीरा न हो, ये तो संभव ही नहीं है। गर्मी के सीजन में तो इसकी मांग और भी बढ़ जाती है। फिटनेस के प्रति जागरूक लोगों के लिए तो खीरा कभी-कभी उनके एक वक्त का पूरा खाना ही होता है। क्योंकि, यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही पोषण से भरपूर भी। खीरे में कई पोषक तत्व होते हैं, जो उसे सेहत के लिए जरूरी बना देते हैं। इसे मिनरल, विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट्स का उर्जा-स्त्रोत कहा जाता है। इसमें पानी की अधिकता के साथ-साथ विटामिन ‘सी’ तथा ‘के’, कॉपर, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैंगनीज और सबसे महत्वपूर्ण सिलिका जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
सबसे अच्छी बात है कि खीरा उगाना भी बहुत आसान होता है। आप इसे अपने घर की थोड़ी-सी जगह में भी उगा सकते हैं। अगर आपके छत पर जगह नहीं है तो आप बालकनी में ही, किसी गमले में दूसरे पौधों के साथ इसके बीज लगा सकते हैं। क्योंकि, खीरे बेल पर लगते हैं।
लखनऊ में रहने वाले अंकित बाजपेई बताते हैं कि खीरे को आप साल में दो बार लगा सकते हैं। पहला, सर्दियों के अंत में और दूसरा, मॉनसून शुरू होने से पहले। अगर आपके इलाके का तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच है तो आप खीरे के बीज लगा सकते हैं। आप चाहें तो बाजार से लाए खीरे के बीज निकालकर भी इनसे नये पौधे उगा सकते हैं।
क्या–क्या चाहिए:
- खीरे के बीज
- गमला या ग्रो बैग या प्लास्टिक की बड़ी बोतल
- मिट्टी
- खाद
कैसे लगाएं:
पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए मिट्टी, रेत और खाद को बराबर मात्रा में मिलाएं। पॉटिंग मिक्स गमलों में भरकर, इसमें पानी का छिड़काव करें। मिट्टी को गीला करके, इसमें खीरे के बीज लगा दें। अब फिर से, इसमें पानी दें और इसे छाँव वाली जगह पर रख दें। लगभग एक हफ्ते में बीज अंकुरित हो जायेंगे। अब आप गमलों को धूप में रखें।
नियमित तौर पर जरूरत के हिसाब से पानी देते रहें। साथ ही, लगभग एक महीने के बाद से, आप पौधों में जैविक खाद भी डालना शुरू करें। इसके लिए आप गोबर की खाद, नीमखली, सरसों की खली या तरल खाद बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं। 35 से 40 दिनों में खीरे की बेल में फूल आने लगेंगे। बेल में जब फूल आने लगें तब आप खाद देने का अंतराल बढ़ा सकते हैं।
60 से 70 दिनों में बेल पर लगे खीरे कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। बस, आप नियमित तौर पर इनकी देखभाल करते रहें।
पूरा वीडियो यहाँ देख सकते हैं!
कैसे करें 3जी कटिंग:
अगर आपके खीरे की बेल में फूल आने लगें लेकिन, फल न बन रहा हो तो इसके लिए आप 3जी कटिंग कर सकते हैं। अब सवाल आता है कि 3G कटिंग है क्या?
अंकित कहते हैं कि जब खीरे की बेल बढ़ने लगती है तो उस पर दो तरह के फूल आते हैं, जिन्हें हम नर तथा मादा कहते हैं। सबसे पहले, बेल के मुख्य तने पर नर फूल आते हैं और जब तक इस बेल से और कोई शाखाएं नहीं निकलतीं तो मादा फूल नहीं आ सकते। अगर दोनों तरह के फूल नहीं आयेंगे तो खीरे नहीं उगेंगे।
इसलिए, सबसे पहले जब बेल पाँच-छह फीट की हो जाए तो इसे ऊपरी सिरे से जरा सा काट देना चाहिए। कुछ दिनों बाद, जहाँ से आपने बेल को काटा है, वहाँ से दो अलग-अलग शाखाओं में बेल बढ़ने लगती है। इसे 2G कटिंग कहते हैं। जब ये दोनों शाखाएं थोड़ी लंबी हो जाएं तो इन्हें भी ऊपरी सिरे से काट देना चाहिए। फिर, इनमें से नई शाखाएं निकलने लगती हैं।
तीसरे चरण में जो ये नई शाखाएं निकलती हैं, इस प्रक्रिया को 3G यानी कि ‘थर्ड जनरेशन कटिंग’ कहते हैं। इस तीसरी जनरेशन (पीढ़ी) की शाखाओं पर काफी ज्यादा मादा फूल आते हैं। आप चाहें तो अपने हाथ से नर फूलों से परागकण लेकर, मादा फूलों पर डाल सकते हैं। इससे आपको खीरे का ज्यादा उत्पादन मिलता है।
आप पूरा वीडियो यहाँ देख सकते हैं!
तो देर किस बात की है, आज ही लगाएं खीरा और जून के महीने में पाएं ताजा सलाद।
हैपी गार्डनिंग!
संपादन- जी एन झा
यह भी पढ़ें: गमले में कटहल और अंगूर? इनसे जानिए कैसे संभव है
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।