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Grow Amla: जानिए गमले में आंवला लगाने, और देखभाल करने के आसान टिप्स

आंवला (amla plant) एक ऐसा फल है, जिसके बहुत-से लाभ हैं। इसमें उपलब्ध विटामिन और अन्य पोषक तत्व इसे न सिर्फ त्वचा व बालों के लिए उपयोगी बनाते हैं, बल्कि कई तरह की औषधियां बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। आंवले को आप अचार, जूस, पाउडर और कैंडी आदि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

भारत में आंवले की खेती बड़े पैमाने पर होती है। साथ ही, इसके औषधीय गुणों को देखते हुए, बहुत से लोग इसे अपने घर में लगाना पसंद करते हैं। हालाँकि, आंवले का पेड़ काफी बढ़ता है। इससे लोगों को यह लगता है कि, इसे किसी बड़ी और खुली जगह में ही लगाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। आंवले को पनपने के लिए खुली जगह चाहिए, लेकिन वह खुली जगह आपके घर की बालकनी या छत भी हो सकती है। आप अपने घर की छत पर गमले में आंवले का पेड़ लगा सकते हैं। 

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला में इंदिरापुरम इलाके की रहने वाली संगीता श्रीवास्तव, पिछले कई सालों से छत पर बागवानी कर रही हैं। उनके गार्डन में आंवले के भी पेड़ हैं। वह कहतीं हैं, “आंवला इतना गुणकारी है कि, हर घर में इसका पेड़ होना चाहिए। भले ही, आंवले के पेड़ पर फल आने में काफी समय लगता है। लेकिन आप सब्र करें, और यह पेड़ लगाएं। क्योंकि, आपके सब्र का फल बहुत मीठा होगा।”

संगीता ने बताया कि, कैसे आप अपने घर पर आंवले का पौधा लगा सकते हैं, और कैसे इसकी देखभाल करनी चाहिए। 

संगीता श्रीवास्तव

कटिंग से लगाना है बेहतर तरीका:

अक्सर लोग असमंजस में रहते हैं कि, वे बीज से पौधा लगाएं या कटिंग से। संगीता कहतीं हैं कि, आंवले का पौधा अगर बीज से लगाया जाए तो, इसे पनपने तथा बड़ा होने में काफी वक़्त लगता है। इसलिए, इसे कटिंग से लगाना ही एक बेहतर तरीका है। लेकिन कटिंग भी आपको ग्राफ्टिंग वाली करनी चाहिए। अगर आपको ग्राफ्टिंग का अनुभव नहीं है तो, आप अपने आस-पास किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से इस बारे में सलाह लें। इसके अलावा, आप नर्सरी से भी ग्राफ्टिंग से तैयार आंवले का पौधा लाकर लगा सकते हैं। 

कैसी मिट्टी चाहिए:

संगीता आगे कहतीं हैं कि, आंवले के पौधे के लिए खेत की मिट्टी या काली मिट्टी सबसे ज़्यादा उपयुक्त होती है। इस मिट्टी में रेत/बालू की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए। आंवले के पौधे के लिए, अच्छा पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए आप, 50% खेत की मिट्टी, 20% गोबर की खाद, 20% वर्मीकंपोस्ट या घर की बनाई खाद, और 10% अन्य पोषक तत्व जैसे एनपीके (NPK) या नीमखली आदि मिला सकते हैं। 

आंवले के पौधे को लगाने के लिए, मिट्टी का गमला सबसे अच्छा विकल्प है। आप बड़ा और गहरा गमला लें, ताकि जब पौधा बढ़ने लगे, तो इसकी जड़ों को फैलने के लिए अच्छी जगह मिले। साथ ही, बीच-बीच में आप पौधे के चारों ओर की मिट्टी को खुरपी से ऊपर-नीचे कर पाएं। 

Grow Amla at Home (Rep Image)

इस गमले में पॉटिंग मिक्स भरके, आंवले के पौधे को लगाएं। जिस दिन पौधा लगाएं, उस दिन उसमें अच्छे से पानी दें। इसके बाद, नियमित रूप से देखते रहें कि, मिट्टी सूख तो नहीं रही है। अगर आपको मिट्टी में ऊँगली डालने पर लगे कि, इसमें बिल्कुल भी नमी नहीं है तो इसमें फिर से पानी दें। 

कौन-सा मौसम है उपयुक्त:

वैसे तो पेड़-पौधों को लगाने के लिए बारिश का मौसम सबसे अच्छा रहता है। संगीता कहतीं हैं, “मैंने आंवले का पौधा, मार्च के अंत और अप्रैल की शुरुआत में लगाया था। यह मौसम काफी अच्छा रहता है, क्योंकि इस समय न तो बहुत सर्दी होती है, और न ही बहुत ज़्यादा गर्मी। इस मौसम में आप पौधा लगाएं। लेकिन जब मई-जून की कड़ी गर्मी में इस पौधे को हल्की छांव में रखें, और नियमित रूप से पानी देते रहें। इसके बाद, जुलाई में बारिश के मौसम में यह बहुत अच्छे से विकसित होगा।” 

आंवले के पौधे को खुली जगह, और अच्छी धूप की जरुरत होती है। लेकिन जब गर्मियां अपने चरम पर होतीं हैं, तब आप अपने पौधे को छांव में रखें, या फिर उसमें पानी देने का पूरा ध्यान रखें। 

नियमित रूप से देते रहें खाद:

संगीता आगे कहतीं हैं कि, आंवले के पौधे को आप जितना खाद, और पोषण देंगे, उतना ही अच्छे से यह बढ़ेगा। खाद देने का एक अच्छा तरीका यह है कि, आप गोबर को (अगर गोबर न मिल पाए, तो आप उपले खरीद सकते हैं) पानी में मिलाएं। इस घोल को 2-3 दिन तक रखा रहने दें, और बीच-बीच में किसी चीज़ से हिलाते रहें। पौधे में पानी देते समय आप इस घोल को पानी में मिलाकर पौधे में दे सकते हैं। यह बहुत ही अच्छे खाद का काम करता है। 

इसके अलावा, हर हफ्ते आप वर्मीकम्पोस्ट, या घर में जैविक कचरे से बनी खाद भी गमले में डालते रहें। 

घर पर बनाएं कीट प्रतिरोधक:

आंवले के पौधे में कीड़े लगने की संभावना रहती है। इसलिए, आप शुरू से ही सावधानी बरतें। आप नीम की पत्तियों का घोल बनाएं, और इसमें थोड़ी सी मात्रा में हल्दी मिला लें। इस घोल का आप नियमित रूप से पौधे पर स्प्रे करते रहें। इससे आपका पौधा किसी भी प्रकार के कीड़ों से बचा रहेगा। 

संगीता कहतीं हैं, “आंवले की सही देखभाल की जाए, तो यह काफी अच्छे से पनपता है। इसमें फल आने में लगभग 5 साल का समय लग जाता है। लेकिन इसके औषधीय गुणों को देखते हुए, इतना इंतज़ार करने में कोई हर्ज भी नहीं है। एक और ख़ास बात यह है कि, जब भी आंवला लगाएं तो जोड़ी में लगाएं। इससे पौधों पर फल आने की सम्भावना बढ़ जाती है। अगर आप सिर्फ एक पेड़ लगाते हैं, तो उसमें पॉलिनेशन (परागण) की संभावना कम होती है। इसलिए, हमेशा दो पौधे साथ में ही लगाएं।”

आप संगीता श्रीवास्तव के यूट्यूब चैनल पर जाने के लिए यहाँ क्लिक कर सकते हैं!

संपादन – प्रीति महावर

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