“मेरे पिता, प्रह्लादराव एनपीआर, केंद्रीय डाक विभाग (कोलार डिवीजन) में काम करते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण वह सामान्य से अधिक घंटों तक काम कर रहे थे। जाहिर है, हम सभी घर पर उन्हें लेकर थोड़े चिंतित रहते थे। हालांकि उन्होंने हमें यह बताया था कि वह इन दिनों राहत और सुरक्षा के लिए सरकारी फंड को समय पर लोगों तक पहुंचाने के काम में जुटे हुए हैं।“
-चंदना राव
चंदना राव बेंगलुरु में एडोबी की एंगेजमेंट एंट कॉम्स सपोर्ट में कार्यरत हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में लिखा था, “मैंने बचपन से ही अपने पिता को बिना किसी शिकायत के अपने विभाग के लिए ईमानदारी से काम करते देखा है। डैड, आप इस तारीफ के हकदार हैं और आप इस कोविड-19 महामारी में एक हीरो के रूप में काम कर रहे हैं। आप जैसे लोग प्रशासन के मजबूत स्तंभ हैं और हम सभी जानते हैं कि आपने आम लोगों की कितनी मदद की है। हमें आप पर बहुत गर्व है अप्पा। आपकी उपलब्धि के लिए बधाई।”
डाक विभाग द्वारा चंदना के पिता को एक पत्र मिला जिसमें उनके काम और प्रतिबद्धता की सराहना की गई थी। इसके बाद चंदना ने फेसबुक पर अपने पिता के लिए यह पोस्ट लिखा।
प्रह्लाद राव एक पोस्टमास्टर हैं जो कर्नाटक के कोलार जिले में मीलों दूर जाकर लोगों में इलेक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर (ईएमओ) वितरित कर रहे हैं।
54 साल पुरानी यह ब्रांच ऑफिस 427 लोगों तक 4 लाख रुपये से अधिक के इलेक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर (ईएमओ) पहुंचाने के मामले में डिवीजन में 349 ब्रांच ऑफिसों में दूसरे स्थान पर रही।
प्रह्लादराव की सेवाओं के लिए प्रशंसा पत्र
चंदना ने द बेटर इंडिया को बताया, “सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों के लिए धन की मंजूरी दी है और यह मेरे पिता जैसे लोगों का कर्तव्य है कि वे जल्द से जल्द धन का वितरण करें। इस तरह से वह उन परिवारों की मदद कर रहे हैं जिनकी आजीविका इस महामारी के कारण प्रभावित हुई है। अप्पा ने ऐसे कठिन समय में भी अपने काम के प्रति समर्पण से हमें फिर से गौरवान्वित किया है।”
चंदना और उनका पूरा परिवार अपने पिता की इस उपलब्धि पर बहुत खुश तो है लेकिन साथ ही उनके स्वास्थ्य को लेकर काफ़ी चिंतित भी है। प्रह्लादराव लोगों की सेवा करने के लिए अपनी तरफ़ से हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
प्रह्लादराव ने द बेटर इंडिया को बताया, “इस महामारी के कारण लोगों का जीवन थम गया है और उनकी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है। मैं अपने देश के लिए जितना योगदान दे सकता हूं उतना कर रहा हूं। हमेशा मेरा साथ देने के लिए मैं अपनी टीम और मेरे काम की सराहना करने के लिए सरकार के प्रति आभारी हूं।”
उन्होंने बताया कि उनकी टीम मास्क और सैनिटाइजर बॉटल से लैस है। प्रह्लादराव बहुत सावधानीपूर्वक डिलीवरी करते हैं और सोशल डिस्टेंस बनाए रखते हैं। अपने विनम्र स्वभाव के कारण वह अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। डिलीवरी के दौरान वह अतिरिक्त समय लगाकर लोगों को महामारी के दौरान अपने घरों के अंदर रहने के लिए जागरुक भी करते हैं।
काम और प्रतिबद्धता के तीन दशक
प्रह्लादराव ने 37 साल पहले पोस्टमैन के रूप में काम की शुरुआत की और धीरे-धीरे डाक सेवा विभाग के माध्यम से अपना काम करने लगे। अब वह साइकिल की बजाय मोटरसाइकिल से डिलीवरी करते हैं। हालांकि एक वरिष्ठ कर्मचारी होने के नाते उन्हें इस लॉकडाउन के दौरान ऑफिस में रहना चाहिए, लेकिन उन्हें पार्सल पहुंचाना बहुत पसंद है।
वह कहते हैं कि, “चाहे वह जॉब ऑफरिंग लेटर, कोर्ट नोटिस, दवाएं या किसी भी तरह का पार्सल हो, पैकेज मिलने पर लोगों के चेहरे पर जो खुशी और मुस्कान दिखती है वही मेरी नौकरी का सबसे अच्छा हिस्सा है। उन्हें खुश देखकर मेरा दिन बन जाता है। मैं रिटायर होने के दिन तक इसी तरह लोगों के चेहरे पर ख़ुशी देखना चाहता हूं।”
प्रह्लादराव की समय की पाबंदी, काम के प्रति लगन और लोगों के प्रति मदद की भावना आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जिस पर चंदना और उनके परिवार को गर्व है।
“मुझे ऐसा एक भी दिन याद नहीं है जब डैड ने काम से छुट्टी ली हो। मैंने उन्हें लोगों की मदद के लिए घर से निकलते हुए हमेशा देखा है, भारी बारिश में भी और भीषण गर्मी में भी। जब कभी पेंशन देर से आता है तो वह अपनी जेब से बुजुर्गों को पैसे दे देते हैं। ”
चंदना कहती हैं कि जिस तरह की विरासत, सम्मान और प्रतिष्ठा उन्हें उनकी सेवाओं के बदले मिली है, वह किसी दिन मैं भी हासिल करना चाहती हूं।
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कोरोना वायरस किसी व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, लेकिन प्रह्लादराव जैसे सरकारी अधिकारी लोगों के बीच जाने का जोखिम उठा रहे हैं और बहुत लोगों को इसके बारे में जानकारी भी दे रहे हैं। अपनी सुरक्षा से ज्यादा अपने काम को प्राथमिकता देने के लिए इन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तारीफ के दो मीठे बोल ही काफी हैं।