वह एक ऐसी लड़ाई लड़ रही हैं जिसके बारे में आमतौर पर ज्यादा बात नहीं की जाती है। वह उनके हक़ की लड़ाई लड़ रही हैं जो खुद कुछ भी नहीं बोल सकते। वह मोर्चा संभाल रही है उनके लिए जिन्हें हमेशा उपेक्षा ही मिलती है।
यह कहानी राष्ट्रीय खेलों में झारखंड की ओर से शूटिंग में भाग ले चुकी सोमदूती दत्ता की है, जो रांची में कुत्तों के अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हैं। वह रोजाना सैकड़ों कुत्तों को भोजन देती हैं साथ ही उनके स्वास्थ्य जांच भी करवाती हैं।
कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज से आर्टिफिशयल लिंब फिटींग एप्लिकेशन में मास्टर्स कर चुकी सोमदूती आर्टिफिशियल लिंब फिटिंग विशेषज्ञ हैं और जरुरतमंदों को निशुल्क सेवा भी देती हैं।
बचपन से पालतू जानवरों से लगाव रखने वाली सोमदूती अपने रोज के कामों से समय निकालकर रोजाना करीब 3-4 घंटे सड़क पर कुत्तों की देखभाल में बिताती हैं। इन बेजुबानों की परेशानियों को समझने वाली यह युवा अपनी एवं अपने पति की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन कार्यों में खर्च करती हैं।
सोमदूती दत्ता ने द बेटर इंडिया को बताया, “मैं कुत्तों को चावल और डॉग फूड मिलाकर देती हूँ। हर महीने करीब 400 किलोग्राम चावल एवं दर्जनों पैकेट डॉग फीड के जरिए हम यह काम करते हैं। साल 2010 में मैं जब अपने पति के साथ कोलकाता से रांची पहुंची तो मुझे लगा कि यहां लोगोंमें पालतू पशुओं खासकर कुत्तों के अधिकार एवं उनके भोजन से जुड़े विषयों पर जागरुकता की भारी कमी थी। हमने वो दिन भी देखा जब बाहर के कुत्ते को खाना खिलाना शुरू किया तो स्थानीय लोगों की धमकियां मिलने लगी। पर हम दोनों डटे रहे।”
चलाया जागरूकता कार्यक्रम
सड़क किनारे घूमने वाले बेजुबानों पर होने वाली क्रूरता से दुखी सोमदूती ने जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि जानवरों के साथ हिंसक व्यवहार करने वाला समाज सभ्य हो ही नहीं सकता। वह बताती हैं कि हमें अपने बच्चों को बचपन से ही ऐसे संस्कार देने चाहिए ताकि इन बेजुबानों के लिए भी एक अच्छा माहौल तैयार किया जा सके।
चिलचिलाती गर्म दोपहर में जब देश लॉकडाउन के चलते कई तरह की परेशानियों को झेल रहा है, ऐसे वक्त में सोमदूती करीब 150 कुतों को रोजाना सड़क किनारे खाना खिलाकर इंसानियत की नींव को मजबूती दे रही हैं। हौसलों का दौर यहीं नहीं रुका, वह अपने खर्च पर बीमार और जख्मी कुत्तों का इलाज भी करवाती हैं। रोजाना जब इन कुत्तों को खिलाने सोमदूती घर से डॉग फूड लेकर निकलती हैं तो अपने साथ दर्जनों तरबूज भी रखती है और भूखे गाय एवं अन्य जानवरों को वो तरबूज खिलाती हैं।
सोमदूती बताती हैं, “लॉकडाउन सुनकर मैं तो डर गई थी कि क्या होगा इन बेजुबानों का। मैं पहले जहां 60 से 70 कुत्तों को रोजाना खाना खिलाती थी आज करीब 150 कुत्तों को खिला रही हूँ। मुश्किल घड़ी में इन बेजुबानों का भी ख्याल रखना होगा, ये भी हमारे मित्र हैं जो हमारे भरोसे ही रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जी ने अपील की थी कि आप घर के बाहर कुछ खाना जानवरों के लिए रखें, इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मैंने कई घरों के बाहर लोगों को बर्तन में खाना रखते देखा है, जिससे आस-पास के जानवरों को जिंदगी मिल रही है। हम सब को मिलकर इनके लिए कार्य करना होगा तब इनकी स्थिति में सुधार होगा।”
एनिमल राइट एटिविस्ट के तौर पर सफल रोमांचक यात्रा का सारा श्रेय सोमदूती अपने पति देबराज दास को देती हैं। उन्होंने कहा कि वह जो भी करती हैं, पति का पूरा समर्थन मिलता है। सोमदूती बताती हैं, “आज भी मेरी कमाई के अलावा मेरे पति की कमाई का एक बड़ा हिस्सा जानवरों के भोजन पर खर्च होता है। 2018 में मेरे पति आईपीएस के लिए चुने गए थे। अपनी व्यस्तता के बावजूद वह मेरा पूरा साथ देते हैं।”
स्वच्छंद विचारधारा की धनी सोमदूती के पति और आईपीएस अधिकारी देबराज दास वर्तमान में हैदराबाद में ट्रेनिंग कर रहे हैं। प्रशिक्षु आईपीएस देबराज दास ने बताया , “सोमदूती का पशुओं के प्रति खास लगाव है। इसी लगाव की वजह से वह ये सब कर पा रही हैं। मैं स्वयं भी रैली एवं जागरुकता करने में पहले उनकी मदद करता था। इस तरह के काम में हम दोनों को संतुष्टि मिलती है। मुझे उम्मीद है कि हम आने वाले दिनों में नैतिक सहयोग के अलावा इन जानवरों को कानूनी सहयोग भी दिला पाएंगे।”
होप एंड एनीमल ट्रस्ट रांची के मुख्य वेटनेरियन डॉ० अजय, सोमदूती की प्रशंसा करते हुए बताते हैं कि उनके जैसे युवा अगर बेजुबानों के लिए आगे आएंगे तो बदलाव दिखने लगेगा।
अजय कहते हैं, “सोमदूती स्थानीय स्तर पर पिछले 10 सालों से एनिमल राइट्स एवं भटके हुए कुत्तों की स्थिति में बदलाव के लिए काम कर रही हैं। अब तक वह अपने खर्च पर सैकड़ों कुत्तों का टीकाकरण, एबीसी(एनीमल बर्थ कंट्रोल) प्रोग्राम एवं स्टरलाइज ऑपरेशन करा चुकी हैं। वह अक्सर स्ट्रे डॉग्स को लेकर इलाज के लिए मेरे पास आती हैं।”
इंटरनेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में पदक लाने की ख्वाहिश रखने वाली सोमदूती रोजाना 10 मीटर शूटिंग की प्रैक्टिस भी करती हैं। इसके अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों के करीब 50 से ज्यादा स्कूलों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर बच्चों को जागरुक करती हैं और एक अच्छी फिटनेस ट्रेनर होने के नाते ग्रामीण बच्चियों को आत्मरक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण भी देती हैं।
सोमदूती रांची की एक बाइकर गैंग की सदस्य भी रह चुकी हैं और बाल विवाह के रोकथाम के लिए भी काम कर रही हैं। जीवन के अलग अलग मोर्चे पर हमेशा कुछ न कुछ करने वाली सोमदूती के जज्बे को द बेटर इंडिया सलाम करता है।
संपादन – पार्थ निगम
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