राजकुमार राव कैसे बने हिंदी सिनेमा के राजकुमार

कभी थिएटर करने के लिए हर दिन 70 किलोमीटर साइकिल चलाई तो कभी 22 दिनों तक सिर्फ गाजर खाकर रहे, एक्टिंग को लेकर हमेशा से जूनूनी रहे राजकुमार राव के अभिनय का जादू एक बार फिर फिल्म श्रीकांत में नजर आ रहा है।

राजकुमार राव कैसे बने हिंदी सिनेमा के राजकुमार

किरदार में जान डालने के लिए 22 दिनों तक सिर्फ 1 गाजर खाकर रहे थे अभिनेता राजकुमार राव। एक्टिंग के लिए राजकुमार राव हमेशा से जुनूनी रहे हैं,कॉलेज के दिनों में वह थिएटर करने 70 किमी साइकिल चलाकर फरीदाबाद से दिल्ली आते थे।

दिल्ली से थिएटर और FTII से पढ़ाई के बाद राजकुमार राव साल 2008 में मुंबई आ गए। मायानगरी की राह आसान नहीं थी राजकुमार को शुरू में काफी रिजेक्शन मिले स्ट्रगल के कई दिन वह कभी भूखे रहे तो कभी पैसे नहीं होने पर किसी दोस्त के घर जाकर खाया। कई छोटे-मोटे रोल्स करते हुए संघर्ष जारी रहा साल 2010 में रामगोपाल वर्मा की फिल्म रन में पहला ब्रेक मिला LSD, गैंग्स ऑफ वासेपुर से उन्हें पहचान मिली। जबरदस्त अभिनय और ट्रैप्ड, शाहिद, अलीपुर जैसी लीक से हटकर फिल्मों ने हिंदी सिनेमा में उन्हें अलग मुकाम पर पहुंचा दिया।

राजकुमार राव के अभिनय का जादू एक बार उनकी फिल्म श्रीकांत में देखने को मिल रहा है।

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कभी थिएटर करने के लिए हर दिन 70 किलोमीटर साइकिल चलाई तो कभी 22 दिनों तक सिर्फ गाजर खाकर रहे, एक्टिंग को लेकर हमेशा से जूनूनी रहे राजकुमार राव के अभिनय का जादू एक बार फिर फिल्म श्रीकांत में नजर आ रहा है।<br />
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