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हरियाली का अनोखा मिशन चला रहे हैं प्रदीप, रिटायरमेंट के बाद लगाए 60 हजार पौधे

Pradeep rath Plantation mission

साल 2017 में जब प्रदीप कुमार रथ,  Deputy Chief Labour Commissioner के पद से रिटायर हुए तब से उन्होंने हरियाली फ़ैलाने और पौधे लगाने को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। पर्यावरण के प्रति अपने फर्ज को समझते हुए उन्होंने खुद के खर्च पर पौधे लगाना शुरू किया। महज पांच साल में उन्होंने भुवनेश्वर ओडिशा के कई गावों में 60 हजार से ज़्यादा पौधे लगा दिए हैं। 

अपने मिशन को सफल बनाने के लिए वो सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं और बच्चों को भी जागरूक कर रहे हैं। उनकी मदद के ज़रिए ही वो इतना बदलाव लाने में सफल भी हुए।

द बेटर इंडिया से बात करते हुए प्रदीप ने बताया कि वह चाहते थे कि पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी सही तरीके से की जाए। इसलिए उन्होंने अलग-अलग संस्थानों विशेषकर स्कूल, कॉलेजों में पौधे लगाने से अपने काम की शुरुआत की थी। 

रिटायरमेंट के बाद शुरू किया पौधे उगाने का काम 

काम के सिलसिले में प्रदीप हमेशा अलग-अलग शहरों में रहे। रिटायर होने के बाद जब वो ओडिशा वापस आए तो यहां के कम होते जंगल और साइक्लोन से बर्बाद होती हरियाली को देख उन्हें बेहद चिंता हुई। 

तब उन्होंने पेंशन के पैसों से कुछ पौधे खरीदे और निकल पड़े इसे लगाने। प्रदीप चाहते थे कि शहरों की जगह गांवों में पौधे लगाएं जाएं क्योंकि वहां पौधे लगाने की भरपूर जगह होने के बावजूद  हरियाली घटती जा रही थी। 

उन्हें पता था कि अकेले इतने बड़े मिशन को चलाना मुश्किल है इसलिए उन्होंने अपने दूसरे रिटायर साथियों की मदद लेना शुरू किया। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ‘परिवेश संरक्षण अभियान’ नाम की एक संस्था भी बनाई। 

वे सभी साथ मिलकर स्कूल और कॉलेजों में पौधे तो लगाते लेकिन छुट्टियों में उनकी देखभाल ठीक से नहीं हो पा रही थी। इसके बाद उन्होंने महिलाओं को जोड़ना शुरू किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के प्रति ऐसी जागरूकता फैलाई कि आज करीबन 4000 बच्चे और महिलाएं उनसे जुड़कर काम कर रहे हैं। 

ये सभी अपने-अपने इलाके में लगे पौधों के रक्षक हैं। यानी जिस काम को प्रदीप ने खुद की जिम्मेदारी समझकर शुरू किया था, आज वह एक सामुदायिक मिशन बन चुका है। 

अगर प्रदीप की तरह और लोग भी प्रयास करें, तो वह दिन दूर नहीं जब सभी हमारी धरती हरी – भरी फिर मुस्कुरा उठेगी।  

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