बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाने या अच्छे एकेडमिक रिकॉर्ड न होने से आपका करियर खराब हो जाएगा, ऐसा बिल्कुल नहीं है और इसे साबित किया है गुजरात कैडर की IAS अधिकारी अंजू शर्मा ने। 1991 बैच की IAS ऑफिसर अंजू शर्मा 10वीं क्लास की प्री बोर्ड परीक्षा में केमिस्ट्री में फेल हो गई थीं और फिर 12वीं में इकोनॉमिक्स के पेपर में भी।
लेकिन इन असफलताओं से अंजू ने हार नहीं मानी और इस पूरे सफर में उनकी माँ ने उनका काफी साथ दिया। उन्होंने अंजू को यह बात समझाई कि कमी उनमें नहीं, उनकी प्लानिंग में है। अंजू ने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इस बात को गांठ बांध ली। 12वीं पास करने के बाद, उन्होंने जयपुर से बीएससी की और कॉलेज में गोल्डमेडिस्ट रहीं।
अंजू शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया, “10वीं और 12वीं में फेल होने के बाद, मुझे एक अहम सीख भी मिली। प्री बोर्ड परीक्षा के दौरान बहुत सारे चैप्टर कवर करने थे। परीक्षा से ठीक पहले की रात मुझे घबराहट होने लगी, क्योंकि तैयारी अच्छी नहीं थी।”
अंजू शर्मा ने कब शुरू की UPSC की तैयारी?
दो बार फेल होने के बाद भी अंजू निराश नहीं हुईं, बल्कि उन्होंने सीख ली कि परीक्षा से ठीक पहले की तैयारी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। परीक्षाओं की तैयारी पहले से ही शुरू कर देनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई के साथ ही UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी।
उन्होंने महज़ 22 साल की उम्र और अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। अंजू का कहना है कि UPSC की परीक्षा हो या बोर्ड की, सिर्फ एक परीक्षा ही तो है। एक बार की असफलता से निराश होने के बजाय, उससे सीख लिजिए। आपके पास कई मौके होते हैं, सफलता हासिल करने के लिए, बस कोशिश करते रहें।
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