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9-5 जॉब व शहरी जीवन छोड़ लवप्रीत और प्रीती ने शुरू की खेती, पहाड़ पर जी रहे सस्टेनेबल लाइफ

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शहर छोड़ पहाड़ो में बसाया अपना आशियाना | Sustainable Living | The Better India

हममें से कई लोगों का सपना पहाड़ों पर जाकर बसने और एक अलग ज़िंदगी बिताने का होता है। प्रीती और लवप्रीत ने भी कुछ ऐसा ही सपना देखा था और इसे सच भी किया। 2012 में इस कपल ने शहरी जीवन को छोड़ने का फ़ैसला किया। दोनों ने अपनी 9-5 जॉब छोड़ दी और उत्तराखंड के रामगढ़ आ गए, जहां आज वे एक सस्टेनेबल लाइफ जी रहे हैं।

इस कहानी की शुरुआत साल 2006 में हुई थी, जब लवप्रीत और प्रीती शिमला घूमने गए थे। वे वहां के माहौल और सुंदरता में पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गए। घर लौटने के तुरंत बाद वे पहाड़ पर फिर से जाने और छुट्टियां बिताने का इंतज़ार करने लगे। उत्तराखंड में वे जिस जगह जाते, बस वहीं के होकर रह जाते थे। दोनों का वहां से वापस लौटने का मन ही नहीं होता था। 

हमेशा से जीना चाहते थे सस्टेनेबल लाइफ

लवप्रीत कहते हैं, “मैं अपनी 9-5 कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ना चाहता था। मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा था और इतना ज़्यादा बिज़ी रहता था कि आस-पास की चीज़ें देखने और ज़िंदगी ढंग से जीने के लिए भी मेरे पास समय नहीं था।  इसके अलावा, मैं शुद्ध हवा, खाना और पानी के साथ स्वस्थ वातावरण और प्रकृति के क़रीब रहना चाहता था। रोज़-रोज़ की भागदौड़ वाली ज़िंदगी से मैं थक चुका था और सस्टेनेबल लाइफ जीना चाहता था।”

इसलिए 2008 में लवप्रीत ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फ्रीलांसिंग का काम करने लगे, ताकि ट्रैवल कर सकें और सस्टेनेबल लाइफ जी सकें। एक ट्रिप के दौरान उन्होंने उत्तराखंड में एक घर किराए पर लिया और गुरुग्राम से यहां समय-समय पर आते-जाते रहने का फ़ैसला किया।

प्रीति और बच्चे छुट्टियों में उत्तराखंड के इस घर में रहने जाते थे। लेकिन कुछ समय के बाद प्रीति ने भी वहीं बसने और सस्टेनेबल लाइफ (Sustainable Life) जीने का मन बना लिया। साल 2012 में इस कपल ने उत्तराखंड के रामगढ़ में एक ज़मीन ख़रीदी और अपना घर बनाया।

यूट्यूब के ज़रिए दिखाते हैं अपनी सस्टेनेबल लाइफ

आज ये दोनों मिलकर ‘पंजाबी ट्रेकर’ नाम का एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जिसमें वह एक ‘नॉर्मल जीवन’ को पीछे छोड़ पहाड़ों पर रहने का अनुभव और वहां की सस्टेनेबल लाइफ (Sustainable Life) के बारे में सब कुछ शेयर करते हैं। 

वहां मनोरंजन के साधन कम हैं और वाईफाई भी काफ़ी लिमिटेड होता है, इसलिए उन्होंने खुद को बिज़ी रखने के लिए खेती करना शुरू कर दिया। वे अपना समय अब ताज़े फल और सब्जियां उगाने और रोज़ी-रोटी के लिए उन्हें बेचने में गुज़ारते हैं। उनका कहना है कि इससे उनकी सेहत और ज़िंदगी जीने का तरीक़ा, दोनों अच्छे हो गए हैं। अब वे एक सस्टेनेबल लाइफ जी रहे हैं।

प्रीति कहती हैं, “ये पहाड़ ही हमारा जिम हैं” और अब वे ज़्यादा एनर्जेटिक रहते हैं। वहीं लवप्रीत का कहना है, “हम हर दिन एक अलग ही सुकून महसूस करते हैं।”

पहाड़ पर रहने और सस्टेनेबल लाइफ बिताने से उनके जीवन में कई बदलाव और खुशियां आई हैं।

संपादन – भावना श्रीवास्तव

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