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कोई सिपाही तो कोई वन अधिकारी! भारत की इन 4 बेटियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स में रचा इतिहास

Indian Women lawn bawl team in commonwealth games 2022

नयनमोनी सैकिया, पिंकी, लवली चौबे और रूपा रानी तिर्की की चौकड़ी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लॉन बॉल्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।

“धोनी को तो हर कोई जानता है, हम चाहते हैं लोग हमें भी जानें!” रांची की 4 लड़कियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 में इतिहास रचने से पहले कहा था! और आज कौन नहीं जानता इन्हें!! लॉन बॉल का नाम इस कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से पहले आपने शायद ही सुना हो, लेकिन आज के दिन हर किसी की जुबां पर भारतीय लॉन बॉल टीम का ही नाम है और हो भी क्यों न! भारत की ‘महिला शक्ति’ ने पहली बार देश के लिए इस खेल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।

भारत की चार सदस्यीय टीम ने लॉन बॉल के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से परास्त कर, फाइनल्स में अपनी जगह बनाई थी। इसके बाद भारतीय लॉन बॉल महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ्रीका को फाइनल्स में हराकर, बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया।

कौन हैं इतिहास रचने वाली भारतीय लॉन बॉल टीम की ‘फैब-4’?

अब आप यह ज़रूर जानना चाहेंगे कि आखिर भारत के लिए लॉन बॉल में इतिहास रचने वाली बेहतरीन-4 कौन हैं? आइए, आपको बताते हैं। ये हैं- लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकंड), नयनमोनी सैकिया (थर्ड) व रूपा रानी तिर्की (स्किप)। इन खिलाड़ियों ने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया। खेल के लिए खुद को बदला। पूरी जिम्मेदारी निभाई और फिर भारतवासियों को लॉन बॉल में भी गौरवान्वित किया।

पुलिस कांस्टेबल लवली ने चोट के बाद एथलेटिक्स छोड़ लॉन बॉल अपनाया

Indian lawn bawl team
Indian lawn bawl team

लॉन बॉल में भारतीय टीम का नेतृत्व लवली के हाथों में है। लवली, झारखंड पुलिस में एक कांस्टेबल हैं। वह एक लॉन्ग जंपर भी थीं और पूर्वी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थीं। बहुत ज्यादा ट्रेनिंग के चलते उनके कूल्हों में चोट आ गई। लवली इस चोट से निराश थीं।

लेकिन बिहार के तत्कालीन क्रिकेट अंपायर मधुकांत पाठक ने उन्हें निराशा से निकाला और लॉन बॉल खेलने को प्रेरित किया। लवली का कहना है, ‘मैं एथलेटिक्स छोड़ने के बाद 2008 में लॉन बाल में आ गई थी। मैंने एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में ईनाम के तौर पर 70,000 रुपये भी जीते। मुझे लगा मैं इसे जारी रख सकती हूं।”

क्रिकेट को अलविदा कह भारतीय लॉन बॉल टीम का हिस्सा बनीं पिंकी

पिंकी, एक राज्य क्रिकेट खिलाड़ी और दिल्ली विश्वविद्यालय की टीम की कप्तान थीं। उन्होंने पहली बार लॉन बॉल के बारे में तब सुना, जब उनके स्कूल (दिल्ली पब्लिक स्कूल) को साल 2010 में लॉन बॉल के लिए प्रैक्टिस स्थल के रूप में चुना गया। इसके बाद उन्हें इस खेल ने इतना आकर्षित किया कि उन्होंने क्रिकेट की तरफ मुड़कर नहीं देखा।

आज पिंकी उन खिलाड़ियों में हैं, जिनकी तरफ देश उम्मीद भरी नज़रों से देख रहा है।

वेट लिफ्टिंग के दौरान चोट लगी, तो नयनमोनी ने लॉन बॉल से नाता जोड़ा

नयनमोनी, असम के तेंगाबारी गांव से हैं और असम में ही वन अधिकारी यानी फारेस्ट ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं। वह पहले वेट लिफ्टिंग करती थीं। लेकिन इसकी वजह से जब उनके पैर में चोट लग गई, तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो गई। इसके बाद उनका वेट लिफ्टिंग करियर में आगे बढ़ बाना मुश्किल था।

ऐसे में खेलों के प्रति समर्पित नयनमोनी ने 2007 में लॉन बॉल को चुना।

Indian Lawn bawl team in Commonwealth games 2022: Lovely, followed by Pinki, Nayanmoni and Rupa
Indian Lawn bawl team: Lovely, followed by Pinki, Nayanmoni and Rupa

कबड्डी छोड़ लॉन बॉल में आईं खेल अधिकारी रूपा रानी तिर्की

रांची की रहनेवाली रूपा की दिलचस्पी कबड्डी में थी। वह वर्तमान में रामगढ़, झारखंड में जिला खेल अधिकारी हैं। रांची के आरके आनंद बाउल्स ग्रीन स्टेडियम में लवली के साथ ट्रेनिंग के दौरान, उनकी रुचि लॉन बॉल में पैदा हुई और उन्होंने आगे के लिए इस को चुना।

वह साल 2010 से लेकर अभी तक हर एक कॉमनवेल्थ में इस खेल का हिस्सा रही हैं।

भारतीय लॉन बॉल टीम की मैनेजर अंजू लूथरा के पांव ज़मीन पर नहीं…

कॉमनवेल्थ खेलों में महिला लॉन बॉल टीम की कामयाबी पर टीम मैनेजर अंजू लूथरा बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, “मैं खिलाड़ियों की माँ की तरह हूं। मैं 2009 से उनसे जुड़ी हूं। यह एक लंबी यात्रा है। वे मेरी बेटियों, मेरे परिवार की तरह हैं। पदक हासिल करना हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि जब हम भारत वापस जाते हैं, तो महासंघ हमेशा कहता है कि तुमने क्या किया? हम साबित करना चाहते थे कि हम किसी अन्य खेल के खिलाड़ियों से कम नहीं हैं और हमने यह कर भी दिखाया।’

लॉन बॉल क्या है?

कई लोगों को अभी तक लॉन बॉल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं। इस खेल में एक गेंद का प्रयोग किया जाता है, जो रबड़, लकड़ी या प्लास्टिक से बनी होती है। इस गेंद का वजन 1.59 किलोग्राम तक हो सकता है। यह खेल बड़े खुले मैदान में खेला जाता है।

जहां बॉल फेंकी जाती है। गेंद को रोल कराते हुए खिलाड़ी उसे आगे धकेलते हैं। इस बॉल को जैक तक पहुंचाना होता है। लॉन बॉल में जैक का दूसरा नाम लक्ष्य भी होता है। अंक इसी आधार पर मिलते हैं। जहां से गेंद रोल करने की शुरुआत होती है, वहां से इस जैक की दूरी 23 मीटर होती है।

लॉन बॉल कहां और कितने तरीके से खेला जाता है?

लॉन बॉल को लगभग आउटडोर में ही खेला जाता है, लेकिन कुछ-कुछ जगहों पर इंडोर में भी खेला जाता है। इस खेल के लिए सतह या तो प्राकृतिक घास या फिर कृत्रिम घास हो सकती है। लॉन बॉल कुल चार तरह से खेला जाता है, जिसके अलग-अलग नाम होते हैं।

इस खेल में सिंगल, डबल, तीन खिलाड़ियों की टीम या फिर चार खिलाड़ियों की टीम होती है। अन्य खेलों की तरह ही इस खेल में भी महिला और पुरुष दोनों की अलग-अलग टीमें होती हैं।

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