दुनिया भर के सामने भारत एक बार फिर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने में सफल हुआ है। ओलंपिक्स के लिए क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों से लेकर, सिरीशा के स्पेस में जाने तक की गौरवपूर्ण खबरों के बाद, अब इस बार यह कमाल IIT कानपुर ने किया है।
हाल ही में, अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी की ओर से ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें IIT कानपुर द्वारा बनाए गए ड्रोन, ‘विभ्रम’ को तीन कैटेगरी में खिताब मिले हैं। इस प्रतियोगिता में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, चीन, इज़राइल, इंग्लैंड, फ्रांस, समेत कई अन्य देशों के बीच विभ्रम ने शानदार प्रदर्शन किया।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रो. अभिषेक, निदेशक प्रो. अभय करंदीकर समेत पूरी फैकेल्टी ने टीम को बधाई दी। विभ्रम को पीएचडी रिसर्चर रामकृष्णा और स्टूडेंट चिराग जैन (M. Tech) ने प्रो. अभिषेक के निर्देशन में तैयार किया है।
सस्ती लागत, कम वजन और सरल डिजाइन के लिए मिला इनाम
इस प्रतियोगिता में जीत के लिए जो मानक तय किए गए थे, विभ्रम उस पर खरा उतरा। तय पैरामीटर के अनुसार ड्रोन को पांच किलो वजन लेकर एक घंटे तक उड़ना था। IIT कानपुर के छात्रों ने इस ड्रोन की उड़ान का एक घंटे का वीडियो बनाकर भेज था। विभ्रम को सस्ती लागत, सबसे कम वजन और सबसे सरल डिजाइन के लिए अवार्ड दिए गए।
दरअसल, फरवरी 2021 में इस मुकाबले के फेज तीन में यह टॉप थ्री में रहा था। इस बार चौथे फेज की प्रतियोगिता थी, जिसमें यह सबसे बेहतर साबित हुआ।
विभ्रम की खासियत
विभ्रम, देश की सेना और उनकी ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ये कई खूबियों वाला ड्रोन है:
- प्राप्त जानकारी के अनुसार यह ड्रोन पेट्रोल से उड़ता है। यह दिखने में किसी हेलिकॉप्टर जैसा है।
- यह ड्रोन मेडिकल किट पहुंचाने और रेस्क्यू टीम की मदद करने में सक्षम है। यह तेज गति में उड़ान भरने के साथ, अधिक ऊंचाई पर जा सकता है।
- IIT कानपुर के स्टार्टअप EndureAir की मदद से बनाया गया ‘विभ्रम’ अचानक लैंडिंग करने में भी माहिर है।
- यह लाइट वेट हेलीकाप्टर, पांच किलो तक का वज़न लेकर, 50 किमी की दूरी तय कर सकता है।
- यह करीब 14,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
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संपादन – मानबी कटोच
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