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IIT के दो छात्रों ने बनाई ऐसी साइकिल, जिसे ट्रॉली बैग बनाकर कहीं भी ले जा सकते हैं आप

foldable cycle
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आजकल कई लोग घर से ऑफिस जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई बार इसे ऑफिस में पार्क करना या फिर दिन भर काम करने के बाद, साइकिल चलाकर घर वापस आना उनके लिए मुश्किल काम बन जाता है। वहीं, अगर आपका ऑफिस थोड़ा दूर है, तो सुबह साइकिल चलाकर ऑफिस जाना भी काफी थकान भरा होता है। ऐसे में हैदराबाद के काचबो डिज़ाइन के फाउंडर्स निशित पारीख और राजकुमार केवट की बनाई फोल्डेबल साइकिल बड़े काम की चीज़ साबित हो सकती है। 

दो साल पहले आईआईटी मुंबई के इन दो दोस्तों ने इस साइकिल के प्रोटोटाइप को बनाया था और तब से उन्हें कई लोगों की अच्छी-अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलने लगीं।  द बेटर इंडिया से बात करते हुए निशित कहते हैं, “हम जब अपनी साइकिल लेकर निकलते थे, तो यह लोगों को एक समान्य साइकिल जैसी ही लगती थी, लेकिन जब हम इसे फोल्ड करते थे, तो लोग दंग रह जाते थे। कई लोगों को लगता कि हमने इस साइकिल को विदेश से मंगवाया है।” 

Nishith And Rajkumar

हालांकि, उस दौरान जब लोग उनसे इस साइकिल के बारे में पूछते, तो वे यह कहकर टाल दिया करते थे कि उन्हें यह साइकिल किसी ने तोहफे में दी है। जबकि सच्चाई तो यह है कि यह साइकिल पूरी तरह से मेड इन इंडिया हैं। 

क्या खूबियां बनाती हैं इस साइकिल को खास 

यूं तो बाजार में कई फोल्डेबल साइकिल पहले से मौजूद हैं, लेकिन निशित ने बताया कि हाल में मिलने वाली सभी साइकिल साइज में छोटी हैं, जिसे चलाने पर आपको टॉय साइकिल चलाने जैसा अनुभव मिलता था। इसलिए साइकिलिंग के शौक़ीन लोग इसे ज्यादा पसंद नहीं करते थे। जबकि यह साइकिल बड़ी व्हील के साथ आती है और फोल्ड होने पर अपने साइज़ से लगभग आधी हो जाती है। इसलिए आप इसे आराम से अपने सोफे के बगल में या ऑफिस के किसी कोने में रख सकते हैं। 

निशित कहते हैं कि इस फोल्ड की हुए साइकिल को देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि खुलने के बाद, यह इतनी बड़ी साइकिल बन जाएगी।  

यह साइकिल तीन तरह से ऑपरेट की जा सकती है।  पहला पेडल मोड, दूसरा हाइब्रिड मोड, जिसमें मोटर और पैडल दोनों का उपयोग किया जा सकता है।  वहीं, तीसरा है फुल मोटर मोड, जिसमें यह साइकिल एक बाइक में बदल जाती है। 

इस साइकिल में लगी बैटरी आराम से रिमूव भी हो सकती है। इसलिए अगर कोई पूरी तरह से मात्र साइकिल का मज़ा लेना चाहे, तो आप आराम से बैटरी निकालकर मात्र साइकिलिंग का मज़ा ले सकते हैं। यानी यह एक साइकिल ही एक्सरसाइज़ से लेकर शहरी लोगों के लिए बढ़िया यात्रा का साधन बन सकती है। 

फोल्ड होने के बाद, यह साइकिल एक ट्रॉली बैग बन जाती है, इसलिए कोई अपने हॉलिडे पर भी इसे आराम से ले जा सकता है। निशित ने बताया, “हमें कई लोग ऐसे मिले, जो हर जगह साइकिल से जाना ही पसंद करते हैं। उन सभी लोगों ने हमारी साइकिल की काफी तारीफ भी की।”

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बाइक डिजाइनिंग का काम करते थे ये दो दोस्त

IIT मुंबई में पढ़ाई के दौरान ही इन दोनों ने अपना खुद का कुछ काम करने का फैसला कर लिया था। हालांकि,  2017 में पढ़ाई खत्म करने के बाद कुछ समय के लिए उन्होंने जॉब भी की, लेकिन बाद में उन्होंने खुद के स्टार्टअप पर काम करना शुरू कर दिया। 

राजकुमार ने ट्रांसपोर्टेशन डिज़ाइन में मास्टर्स किया है और वह एक बेहतरीन ऑटोमोबाइल इंजीनियर भी हैं। जबकि निशित ने  मेकैनिकल इंजीनियरिंग की है। निशित ने बताया कि राजकुमार इस फोल्डेबल साइकिल के मुख्य डिज़ाइनर हैं और  फोल्डेबल साइकिल को बनाने का आईडिया भी उनका ही था।  

उन्होंने काचबो डिज़ाइन के नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी, जो एक डिज़ाइन एजेंसी है। उन्होंने हीरो साइकिल जैसी देश की बड़ी साइकिल कंपनी सहित कई EV कंपनियों के साथ भी काम किया। 

Foldable Cycle

इसके बाद, उन्होंने तीन साल पहले खुद का एक प्रोडक्ट डिज़ाइन करने के बारे में सोचा और तभी इस फोल्डेबल साइकिल का अविष्कार हुआ। निशित और राजकुमार हॉर्नबैक मोबिलिटी के ब्रांड नाम के साथ इस साइकिल को बेच रहे हैं।   

निशित बड़ी ख़ुशी के साथ बताते हैं कि बिना किसी मार्केटिंग के हमें हजारों की संख्या में ऑर्डर्स मिले हैं। कई लोग विदेश से भी हमसे जुड़ना चाहते हैं। 

इस साइकिल को पूरी तरह से हैदराबाद में ही बनाया जाएगा और सितम्बर के महीने तक यह साइकिल बाजार में मिलने लगेगी। निशित और राजकुमार अपनी वेबसाइट पर भी काम कर रहे हैं।  कीमत की बात करें, तो यह साइकिल बाजार में मिलने वाली फोल्डेबल साइकिल से करीबन आधी कीमत पर उपलब्ध होगी।   आप इस बेहतरीन साइकिल के बारे में ज्यादा जानने के लिए उन्हें यहां पर सम्पर्क कर सकते हैं।  

संपादनः अर्चना दुबे

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