कुशीनगर, उत्तरप्रदेश के रहने वाले अक्षय श्रीवास्तव पेशे से एक केमिकल इंजीनियर हैं। किसान परिवार से होने की वजह से उन्हें हमेशा से ही खेती से लगाव रहा।वह अपने पिता को खेती से जुड़ीं ढेरों समस्याओं के लिए परेशान होते हुए देखते थे। जैसे सिंचाई के लिए पानी की दिक्कत, महंगे होते खाद की समस्या और फसल की गुणवत्ता का दिन-प्रतिदिन खराब होना।
केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने इस समस्या पर काम करने का मन बना लिया था।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए अक्षय ने बताया कि सबसे ज़्यादा चिंता किसानों को खाद के खर्च की होती है। समय से खाद नहीं डालने से सही उत्पादन नहीं मिल पाता।उन्होंने महंगे केमिकल वाले फ़र्टिलाइज़र की जगह माइक्रोब्स का इस्तेमाल करके बायो-खाद बनाने पर रिसर्च शुरू की।
साल 2017 में जब उन्होंने पहला प्रयोग किया तब उन्होंने देखा कि पोषक तत्वों वाली खाद फसल के लिए फायदेमंद है लेकिन तेज धूप में पोषक तत्वों वाले सारे जीवाणु ख़त्म हो रहे हैं और यह खाद काम नहीं कर रही है। इसके बाद उन्होंने जैविक तरीके से नैनो पार्टिकल तैयार किया जो तेज धूप में भी खाद के जीवाणु को बचाता है।
इसके साथ ही सिंचाई का खर्च कम करने के लिए उन्होंने पराली के इस्तेमाल से Absorbent Granule तैयार किया। यह पानी को खाद के साथ रोककर रखता है। इस तरह डेढ़ साल पहले उन्होंने अपने बायो-फ़र्टिलाइज़र का फाइनल प्रोडक्ट किसानों को इस्तेमाल करने के लिए दिया।
किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही यह इंजीनियर की खाद!
अक्षय बताते हैं कि एक बीघा में केमिकल फ़र्टिलाइज़र डालने के लिए किसान 6000 से 6500 रुपये खर्च करता है। वहीं इस फ़र्टिलाइज़र से पूरा खर्च 3000 से 4000 रुपये के बीच में आ गया। इससे न सिर्फ खाद की लागत कम हुई है बल्कि 33% सिंचाई की जरूरत भी घट गई है। वहीं उत्पादन भी इससे 15 से 35% बढ़ा है।
अक्षय अपने इन बेहतरीन प्रोडक्ट्स को अपने स्टार्टअप LCB फ़र्टिलाइज़र (Navyakosh) के तहत बेच रहे हैं। वह गांव में ही एक छोटा सा यूनिट बनाकर काम कर रहे हैं।
उनकी सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महज एक साल के अंदर ही देशभर में 25000 किसानों ने उनका बनाया बायो-फ़र्टिलाइज़र ख़रीदा है।
आप भी इस बायोफ़र्टिलाइज़र को खरीदना चाहते हैं या इससे जुड़ी कोई और जानकारी चाहते हैं तो lcbfertilizers.com पर संपर्क कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- पराली से बनाया थर्मोकोल, किसानों को दिलाया एक्स्ट्रा आय