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चंडीगढ़: घर से शुरू किया स्ट्रॉबेरी बिजनेस, 1100 ग्राहकों तक पहुंचाते हैं ताजा स्ट्रॉबेरी

Strawberry Farming

कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान, बहुत से लोगों ने कई नये हुनर सीखे। किसी ने पेंटिंग सीखी तो किसी ने गार्डनिंग। साथ ही, बहुत से लोगों ने तो अपना व्यवसाय भी शुरू किया। आज हम आपको ऐसे ही भाई-बहन की एक जोड़ी से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) से, लॉकडाउन में इसके व्यवसाय की एक छोटी सी शुरुआत की। इस साल अच्छे नतीजे मिलने पर, उन्होंने अपना ब्रांड भी शुरू कर दिया है। हम बात कर रहे हैं, चंडीगढ़ में रहने वाली वृत्ति नरूला और उनके भाई पार्थ नरूला की। 

वृत्ति और पार्थ ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर, घर से ही स्ट्रॉबेरी और इसके व्यंजनों का व्यवसाय शुरू किया है। उन्होंने अपनी ब्रांड का नाम फ्रेशविल रखा है, जिसके जरिए वह चंडीगढ़ शहर में ग्राहकों को ताजा स्ट्रॉबेरी और इससे बने पांच व्यंजन जैसे जैम, शुगर-फ्री जैम, क्रश, स्लश और जिंजर एल उपलब्ध करा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि 26 वर्षीया वृत्ति ज्वेलरी डिज़ाइनर हैं और 21 वर्षीय पार्थ अभी कॉलेज में हैं। अपनी पढाई और काम के साथ-साथ, दोनों भाई-बहन इस व्यवसाय को भी चला रहे हैं। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए वृत्ति ने बताया, “हमारे पूरे परिवार को स्ट्रॉबेरी बहुत पसंद हैं। हमारी कोशिश हमेशा अच्छी, स्वादिष्ट और जैविक ताजा स्ट्रॉबेरी खरीदने की होती है। लेकिन, बाजार में ताजा स्ट्रॉबेरी मिलना बहुत मुश्किल है। इसलिए, हमने तय किया कि क्यों न खुद स्ट्रॉबेरी उगायी जाए! न्यू चंडीगढ़ में हमारी कुछ जमीन है और वहीं पर हमने स्ट्रॉबेरी की जैविक खेती शुरू की।” 

उनके खेत की ताजा स्ट्रॉबेरी

लॉकडाउन में हुई शुरुआत: 

नवंबर 2019 में उन्होंने लगभग आधा एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी लगाई। जिनकी उपज, उन्हें मार्च 2020 से मिलनी शुरू हुई। उन्होंने सोचा था कि अपने परिवार के लिए स्ट्रॉबेरी रखने के साथ-साथ, वह अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के यहाँ भी ताजा स्ट्रॉबेरी पहुंचाएंगी। लेकिन मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा हो गई। उन्होंने बताया, “जब हमारी स्ट्रॉबेरी की उपज आने लगी, तब लॉकडाउन शुरू हो गया। ऐसे में, पहली एक-दो उपज में से हमारी काफी स्ट्रॉबेरी खराब भी हो गयी थीं। हमें लगा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो बहुत ज्यादा नुकसान होगा। इसलिए, हमने चंडीगढ़ में ही लोगों को ताजा स्ट्रॉबेरी खिलाने के बारे में विचार किया।” 

वृत्ति और पार्थ ने कई व्हाट्सऐप ग्रुप में, अपनी स्ट्रॉबेरी के बारे में लोगों को बताया और जैसे-जैसे उन्हें ऑर्डर मिलने लगे, वे खुद घर-घर जाकर स्ट्रॉबेरी डिलीवर करने लगे। लेकिन, फिर भी उपज काफी ज्यादा थी और उनकी स्ट्रॉबेरी बच जाया करती थीं। तब, उन्होंने इसकी प्रोसेसिंग करने पर विचार किया। वृत्ति कहती हैं कि इस काम में सबसे अहम भूमिका उनकी माँ, मीनू नरूला ने निभाई। क्योंकि, वह ही स्ट्रॉबेरी के सभी व्यंजनों की रेसिपी तैयार करती हैं। 

स्ट्रॉबेरी जैम

50 वर्षीय मीनू कहती हैं, “मुझे हमेशा से कई तरह की डिश बनाने का शौक रहा है। लेकिन, इस तरह व्यवसाय के लिए चीज़ें बनाने का ख्याल कभी नहीं आया। अब, जब मेरे इस शौक को व्यवसाय का रूप मिला है तो बहुत खुशी होती है। लोग जब हमारे जैम, क्रश और स्लश की तारीफ करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि हर एक महिला को अपने हुनर को निखारने और आगे ले जाने की कोशिश करनी चाहिए।” 

वृत्ति और पार्थ कहते हैं कि पिछले साल उनसे 400 ग्राहक जुड़ गए थे और उन्हें अच्छा मुनाफा भी मिला था। इसलिए, उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया। 

शुरू किया खुद का ब्रांड: 

लोगों से मिली प्रतिक्रिया को देखते हुए, उन्होंने इस बार चार एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी लगाई है। वे बताते हैं कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश से स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगवाए हैं और वे जैविक तरीकों से स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। शुरुआत उन्होंने सिर्फ दो किस्मों से की थी लेकिन, इस बार उन्होंने छह किस्म की स्ट्रॉबेरी लगाई हैं। नवंबर 2020 में उन्होंने स्ट्रॉबेरी लगाई और फरवरी 2021 में उन्हें इनकी उपज मिलनी शुरू हो गयी। 

उन्होंने कहा, “लेकिन इस बार हमने सब कुछ सलीके से किया है। सबसे पहले हमने अपना ब्रांड रजिस्ट्रेशन कराया और FSSAI सर्टिफिकेट लिया। साथ ही, इंस्टाग्राम पर अपना पेज बनाया ताकि लोग हमें वहाँ पर संपर्क कर सकें। इसके अलावा, डिलीवरी के लिए हमने अलग लोग रखें हैं ताकि समय पर ग्राहकों को सामान पहुँचाया जा सके।” 

वृत्ति और पार्थ की कोशिश रहती है कि जिस दिन खेत से स्ट्रॉबेरी की उपज आए, उसी दिन ये सारी उपज ग्राहकों को डिलीवर हो जाए। उनका उद्देश्य ग्राहकों को एकदम ताजा स्ट्रॉबेरी खिलाना है। उनका कहना है कि खेत से स्ट्रॉबेरी टूटने के लगभग पांच-सात घंटों के भीतर ही ये ग्राहकों तक पहुँचा दी जाती हैं। फिलहाल, उन्हें हर दिन 80 से 100 ऑर्डर मिल रहे हैं। वैसे तो, उनका काम अभी सिर्फ चंडीगढ़ में है लेकिन, उन्हें दूसरे शहरों से भी लोग संपर्क करते रहते हैं। 

उनके खेत में लगी स्ट्रॉबेरी

पंचकूला में रहने वाली 45 वर्षीया आरती बजाज पेशे से डाइटिशियन हैं और नियमित तौर पर फ्रेशविल से स्ट्रॉबेरी और अन्य उत्पाद खरीद रही हैं। वह कहती हैं, “स्ट्रॉबेरी में विटामिन-सी की अच्छी मात्रा होती है और यह इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है। पिछले साल, जब वृत्ति और पार्थ ने अपना काम शुरू किया, मैं तब से ही अपने परिवार के लिए उनसे स्ट्रॉबेरी ले रही हूँ। सबसे अच्छी बात यह है कि उनकी स्ट्रॉबेरी ऑर्गेनिक हैं और मैंने उनके खेत का भी दौरा किया है। जिस तरह से वे लोग काम कर रहे हैं, उसे देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। क्योंकि उनके इस काम से, कई महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है।” 

वहीं, चंडीगढ़ में रहने वाली 73 वर्षीया किरण समर सिंह कहती हैं, “लॉकडाउन में जब हम कहीं बाहर नहीं जा सकते थे तब भी वृत्ति और पार्थ ने नियमित डिलीवरी की। उनकी स्ट्रॉबेरी ऑर्गेनिक हैं और उनके पास इसकी कई वैरायटी भी हैं। इसलिए न सिर्फ हम बल्कि हमारी बिल्डिंग में रहने वाले बहुत से लोग, उनसे स्ट्रॉबेरी और जैम, क्रश आदि खरीदते हैं। सबसे अच्छी बात है कि उनके पास शुगर-फ्री जैम है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। उनकी डिलीवरी भी समय पर होती है और जिस दिन वे खेत से स्ट्रॉबेरी तोड़ते हैं, उसी दिन हमें ताजा स्ट्रॉबेरी मिल जाती हैं। हमारी बिल्डिंग में कुछ फ्रेंच लोग भी रहते हैं, वे भी उनसे लगातार स्ट्रॉबेरी ऑर्डर करके मंगवाते हैं।” 

उनके सभी व्यंजन

फिलहाल, वे चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में ऑर्डर डिलीवर करते हैं और लगभग 1100 ग्राहक उनसे जुड़े हुए हैं। वृत्ति कहती हैं कि पिछले सीजन की तरह, इस बार भी उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। पिछले सीजन में उनकी कमाई एक लाख रुपए से ज्यादा रही थी और इस बार उन्हें ज्यादा मुनाफे की उम्मीद है। अंत में, वे बस यही कहते हैं कि आपको जो भी मौका मिले, उसे अपने लिए बेहतर बनाने की कोशिश करें। अगर आपके पास कोई आईडिया है तो उस पर तुरंत काम करें। क्योंकि, अगर आप सिर्फ सोचते रहेंगे तो आगे नहीं बढ़ पाएंगे। 

अगर आप ‘फ्रेशविल’ के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो उनका इंस्टाग्राम पेज देख सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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