हम में से ज़्यादातर लोग चाय के शौक़ीन हैं, लेकिन आप एक अच्छी चाय के लिए किस हद तक जा सकते हैं? आलप्पुष़ा (केरला) के रहनेवाले, फैज़ल यूसुफ़ की चाय के प्रति दिवानगी ऐसी है कि उन्होंने अपना टी बिज़नेस ही शुरू कर दिया।
वह कहते हैं कि इंग्लैंड में फ़ूड एंड बेवरेजेज़ इंडस्ट्री में काम करते हुए भी, उन्हें कभी भारत की मसाला चाय जैसी अच्छी चाय पीने को नहीं मिलती थी। इसलिए चाय के शौक़ीन फैज़ल ने इस इंडस्ट्री में होने का फ़ायदा उठाया और अलग-अलग प्रोडक्ट्स के साथ प्रयोग करके अपनी रेसिपीज़ बनानी शुरू कर दीं। देखते ही देखते उनका यह शौक़ छोटे बिज़नेस में बदल गया और वह इंग्लैंड के छोटे-मोटे मार्केट्स में टी स्टॉल लगाने लगे। धीरे-धीरे उनके इस टी बिज़नेस को लोगों से तारीफ़ें भी मिलने लगीं।
टी बिज़नेस के लिए सबसे अच्छा है भारत
हमेशा से अपना एक बिज़नेस शुरू करने की चाह रखने वाले 36 साल के फैज़ल को इस बात का एहसास था कि चाय बनाना उनकी खूबी है। वह कहते हैं, “मैं 2018 में अपने देश भारत वापस आ गया, क्योंकि भारत ही एक ऐसी जगह है, जहाँ लगभग सभी चाय के शौक़ीन हैं। इंग्लैंड में मैंने कई पॉप अप स्टॉल्स देखे हैं, उनसे प्रेरणा लेकर मैंने उसी साल अपना टी बिज़नेस, ‘द चाय वाला’ की शुरुआत की और लोगों को फ्रेश और बेहतरीन चाय पिलाना शुरू किया।”
यह एक सफल बिज़नेस की शुरुआत थी, जो अब अपनी पैरेंट कंपनी Nomadic Tastebuds Private Limited के नाम से जाना जाता है। वह आगे कहते हैं, “आज केरल और कर्नाटक में हमारे 50 से ज़्यादा आउटलेट्स हैं और जल्द ही चेन्नई, हैदराबाद और मध्य पूर्वी देशों में भी खुलने वाले हैं।”
कहाँ से हुई इस टी बिज़नेस की शुरुआत?
12वीं क्लास में पढ़ाई छोड़ देने वाले फैज़ल बताते हैं, “मुझे पढ़ने-लिखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मैं बहुत कम उम्र का था, तभी मेरे पिता का निधन हो गया था। फिर मैं आलप्पुष़ा के एक अनाथ आश्रम में पला-बढ़ा।” हालांकि, फैज़ल इन सभी घटनाओं को ज़िंदगी का अनुभव मानते हैं और कहते हैं कि ज़िंदगी आपको वे चीज़ें सिखाती है, जो किसी क़िताब से नहीं सीखी जा सकती।
हाई स्कूल के बाद वह अपने मोहल्ले और आस-पास के इलाकों में अख़बार बांटने का काम किया करते थे। इस दौरान अचानक उनके बॉस की मृत्यु हो गई; तब उन्होंने समाचार एजेंसी को संभाल लिया और कुछ महीनों तक उसे चलाया। लेकिन इस बिज़नेस में उन्हें आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं दिखा, इसलिए उन्होंने यह काम छोड़ दिया।
12वीं छोड़ने के बाद, फैज़ल ने कुछ मार्केटिंग जॉब्स कीं, जिनमें वह देश-विदेश जाया करते थे। ऐसी ही एक ट्रिप के लिए जब वह इंग्लैंड गए, तब उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई और उन्होंने वहाँ सेटल होने का फैसला कर लिया।
फैज़ल याद करते हुए कहते हैं, “मैंने लगभग 10 सालों तक फ़ूड एंड बेवरेजेज़ इंडस्ट्री में काम किया। चार सालों की रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट्स के बाद ‘द चाय वाला’ की शुरुआत की। मेरे कई दोस्तों और परिवारवालों ने कहा कि यह आईडिया अच्छा नहीं है, क्योंकि हर जगह पहले से ही बहुत सी चाय की दुकानें खुली हुई हैं और मैं, जो चाय बनाना भी नहीं जानता, इस बिज़नेस में क्या करूँगा? लेकिन मुझे अपने फैसले पर विश्वास था, इसलिए मैंने किसी की नहीं सुनी।”
दूसरे स्टॉल्स से कैसे अलग है यह टी बिज़नेस?
‘द चाय वाला’ का हर स्टॉल ब्लैक एंड व्हाइट रंग का रखा गया है और हर स्टॉल पर आपको कम से कम 50 तरह की चाय, कॉफी, जूस और स्नैक्स मिलेंगे। फैज़ल गर्व से बताते हैं, “द चाय वाला के मशहूर होने के बाद, अब केरल में कई इसी तरह दिखने वाली चाय की दुकानें खुल गई हैं। इससे यह पता चलता है कि हमने एक ट्रेंड बना दिया है।”
इंडियन मसाला चाय यहाँ के मेन्यू का स्टार आइटम है, जिसमें देशभर के किसानों से डायरेक्ट लाए गए 12 मसाले पड़ते हैं। वह आगे कहते हैं, “हमारा हाउस ब्लेन्ड, असम और नीलगिरि माउंटेन रेंज की बेहतरीन ब्लैक टी को मिलाकर बनता है, जिसका इस्तेमाल लगभग हमारी सारी तरह की चाय में किया जाता है।”
आपको इस स्टॉल पर पुदीना, तुलसी, पान, केसर, कड़क, द चाय वाला ब्लेन्ड और आइस्ड मसाला चाय लाटे, जैसी कई तरीक़े की चाय मिलती हैं। 15 रुपये से शुरू होकर 80 रुपये तक की चाय यहाँ मिलती हैं। फैज़ल की चाय के ब्लेन्ड्स स्टाल में अलग से भी बेचे जाते हैं।
देश-विदेश में फैलेगा फैज़ल का टी बिज़नेस
शुरुआत में यहां फ्रेंचाइज़ मॉडल से काम होता था, जिससे उनका बिज़नेस तो बहुत बढ़ा, लेकिन फैज़ल ने देखा कि उनमें से बहुत सारे, द चाय वाला के स्टाइल से काम ना करके अपने ही तरीक़े अपना रहे हैं। फिर उन्होंने एक मॉनिटरिंग टीम बनाई। अब फ्रेंचाइज़ स्टॉल्स कुछ नियमों के साथ चल रहे हैं। फैसल बताते हैं, “हम अभी टियर 1 शहरों पर फ़ोकस कर रहे हैं। मैनेजमेंट को और बेहतर बनाने के लिए हम अपने हेडक्वाटर को बेंगलुरु शिफ्ट कर रहे हैं। जल्द ही देश-विदेश में हम अपने 1000 स्टॉल्स शुरू करने पर काम कर रहे हैं।”
टी बिज़नेस बनेगा हाई टेक
यूके से लौटने के बाद, पहले फैज़ल ने ऑनलाइन चाय का बिज़नेस करने के बारे में सोचा था। लेकिन इसके लिए उन्हें ज़्यादा इन्वेस्टमेंट की ज़रुरत पड़ती, जो उस वक़्त उनके पास नहीं थी। फिर अपने पॉप-अप स्टॉल्स की शुरुआत करके उन्होंने अपनी क्वालिटी के ज़रिए, लोगों को चाय पीने का एक अलग अनुभव देने का फैसला किया।
फैज़ल कहते हैं, “9 से 5 की जॉब करना हर किसी की पहली पसंद होती है, क्योंकि यह सेफ़ है। लेकिन अगर आप प्रोफेशनली और फाईनेंशियली ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो अपना बिज़नेस शुरू करना चाहिए। आपका आईडिया भले ही छोटा हो, लेकिन सोच बड़ी होनी चाहिए। किसने सोचा होगा कि केरल का एक 12वीं ड्रॉपआउट, चाय बेचकर विदेशों तक पहुंच जाएगा?”
फैज़ल मानते हैं कि जब आप कुछ करने का दिल से जज़्बा रखते हैं, तो पैसे कमाना आपकी प्राथमिकता नहीं रह जाती। अगर आप पूरी तरह अपने गोल पर फ़ोकस करें, तो बिज़नेस और कमाई, दोनों खुद ही बढ़ने लगते हैं।
फैज़ल अब कंटेनर स्टॉल्स, कीओस्क्स और कैफ़ेज़ के ज़रिए टियर 1 और टियर 2 शहरों में अपने ब्रांड को बढ़ाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। वह कहते हैं, “कुछ सालों में मेरे स्टॉल्स पर आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस रोबोट्स आपका ऑर्डर लेते और आपको पिछली चाय की प्रेफरेंस के हिसाब से सजेशन देते मिलें, तो यह हैरानी की बात नहीं होगी। यह चाय के लिए मेरा प्यार नहीं, तो क्या है!”
मूल लेख: Anagha R Manoj
संपादन: अर्चना दुबे
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