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23 साल के युवक ने शुरू किया ऑनलाइन कोचिंग स्टार्टअप, हर महीने कमा रहे 5 लाख रुपए

Online Coaching Classes

भारतीय डाक के बारे में कौन नहीं जानता है? देश के छोटे-बड़े सभी शहरों में भारतीय डाकखाने मौजूद हैं। अगर देखा जाए तो देश को एक धागे में बांधने का काम करती है भारतीय डाक। क्योंकि जहां आज तक सड़कें भी नहीं पहुंची हैं, वहां भी भारतीय डाक पहुंच रही है। इस कारण हर साल बड़े पैमाने पर भारतीय डाक में नौकरियां भी निकलती हैं। इनमें न सिर्फ नए प्रतिभागी बल्कि पहले से छोटे पदों पर काम कर रहे डाक कर्मचारी भी पदोन्नति के लिए भाग ले सकते हैं। डाक विभाग में परीक्षाएं देकर अपना पद और आमदनी बढ़ाना बहुत ही अच्छा तरीका है। 

लेकिन समस्या यह है कि बहुत ही कम लोगों को इस बारे में जानकारी होती है। समय से सही जानकारी न मिलने के कारण हर साल बहुत से डाक कर्मी परीक्षा देने से छूट जाते हैं और जो परीक्षा देना चाहते हैं, उन्हें तैयारी के लिए सही साधन नहीं मिल पाते हैं। डाक कर्मियों की इन परेशानियों को समझते हुए असम के एक 23 साल के लड़के ने अपना ऑनलाइन कोचिंग सेंटर शुरू किया है, वह भी सिर्फ पोस्टल सर्विसेज के लिए। इसका नाम है ई-पोस्टल नेटवर्क जिसके जरिए मात्र एक साल में लगभग 5000 डाक कर्मचारियों को पढ़ाया गया है। 

यह कहानी है सिलचर में रहने वाले राजन नाथ की। विज्ञान विषय में ग्रैजुएशन करने वाले राजन एक मध्यम-वर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता भारतीय सेना में सैनिक थे। पिता की ख्वाहिश यही थी कि उनका बेटा किसी अच्छी सरकारी नौकरी में जाए। इसलिए स्कूल के समय से ही राजन ने विभिन्न स्तरों पर होने वाली सरकारी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। बीएससी के दूसरे साल में उन्होंने भारतीय डाक में पोस्टल असिस्टेंट की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली थी। लेकिन उन्हें पोस्टिंग बहुत दूर मिली। इसलिए कुछ दिन नौकरी करने के बाद, राजन ने जॉब छोड़ दी और अपनी पढ़ाई पूरी करने पर ध्यान दिया। 

शुरू किया यूट्यूब चैनल 

Rajan Nath

द बेटर इंडिया से बात करते हुए राजन ने बताया, “जब मैंने नौकरी छोड़ी तो मुझे अहसास हुआ कि भारतीय डाक में निकलने वाले पदों के बारे में और खासकर कि इसमें होने वाली पदोन्नति के बारे में कम ही जानकारी उपलब्ध है। इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न मैं लोगों को सीधे-सरल शब्दों में यह जानकारी उपलब्ध कराऊं। इसके लिए मैंने अपना एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। 2017 में मेरे पास रेडमी कंपनी का एक स्मार्टफोन था, जिसे मैंने 7000 रुपए में खरीदा था। उसी में मैंने यूट्यूब चैनल की शुरुआत की।”

राजन ने इंटरनेट का भरपूर प्रयोग किया और साथ ही, अपनी स्किल्स को बढ़ाया ताकि वे इस फ़ोन पर ही वीडियो बना सकें। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने चैनल पर वीडियो पोस्ट करना शुरू किया। “इससे पहले लोगों को भारतीय डाक से संबंधित सभी जानकारी एक जगह नहीं मिलती थी। इसलिए मेरे चैनल को अच्छी प्रतिक्रिया मिली। देखते ही देखते चैनल के सब्सक्राइबर बढ़ने लगे। लोग मुझे मैसेज भी करते थे कि मेरा चैनल उनके लिए बहुत मददगार है क्योंकि उन्हें सभी तरह की पोस्टल सर्विसेज की जानकारी यहां मिल रही है,” राजन ने कहा। 

राजन ने ग्रैजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और तब तक यूट्यूब से भी उन्हें अच्छी कमाई होने लगी थी। राजन कहते हैं कि साल 2019 तक भारत के अलग-अलग कोनों से लगभग एक लाख डाक कर्मचारी उनसे जुड़ चुके थे। कई बार उन्हें बहुत से डाक कर्मियों ने मैसेज करके पूछा कि क्या वह उन्हें स्टडी मटीरियल भी दे सकते हैं? या फिर कोई कोचिंग क्लास बता सकते हैं, जहां वे अपनी नौकरी के साथ-साथ बेहतर पद की परीक्षा की तैयारी कर सकें? और तब राजन को लगा कि वह इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। 

“मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और मैंने भारतीय डाक की भी परीक्षा दी थी। इसलिए मुझे जानकारी थी कि क्या सिलेबस है और कैसे तैयारी कर सकते हैं? मैंने कई महीनों तक दिन -रात जागकर अलग-अलग परीक्षाओं के लिए नोट्स बनाएं और स्टडी मटीरियल तैयार किया। सभी नोट्स हाथ से लिखे गए हैं और इनका पीडीएएफ तैयार किया। साल 2020 की शुरुआत में मैंने अपना स्टार्टअप, ‘E Postal Network’ शुरू किया। जिसके जरिए मैंने न सिर्फ स्टडी मटीरीयल उपलब्ध कराया बल्कि ऑनलाइन कोचिंग क्लास भी शुरू की,” वह बताते हैं। 

साल भर में पढ़ाया 5000 डाक कर्मचारियों को

E Postal Network

राजन कहते हैं कि उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया के जरिए मार्केटिंग की। उन्होंने बताया कि उनका स्टार्टअप डाक विभाग के ग्रुप सी कर्मचारियों को LDCE (Limited Departmental Competitive Exams) की तैयारी कराता है ताकि उन्हें बड़ी पोस्ट मिल सके। उनके पहले ही बैच के लिए 300 लोगों ने एनरोल किया और जब परीक्षा के नतीजे आये तो बहुत से लोगों ने परीक्षा पास की थी। इसके बाद, राजन का आत्मविश्वास और बढ़ गया और उन्होंने एक के बाद एक बैच को पढ़ाना शुरू किया। 

पिछले एक साल में उन्होंने लगभग 5000 कर्मचारियों को ऑनलाइन पढ़ाया है और वह भी अकेले। उनका दावा है कि इनमें 70% लोग परीक्षाओं में सफल रहे हैं। अब तक भी राजन अपने स्टार्टअप को अकेले ही संभाल रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने तीन पार्ट-टाइम शिक्षकों को रखा है जो ऑनलाइन पढ़ा सकें। लेकिन इसके अलावा, स्टार्टअप की मार्केटिंग, ऑपरेशन और स्टडी मटीरियल आदि पर वह खुद ही काम करते हैं। राजन ने बताया कि उन्होंने पोस्ट के हिसाब से 30 से 90 दिन की कोचिंग कोर्स डिज़ाइन किए हैं। 

सबसे दिलचस्प बात यह है कि उनके सभी कोचिंग कोर्सेज की फीस 1000 रुपए से 1600 रुपए तक है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग हमसे जुड़ें। इसलिए मैंने फीस को किफायती रखा है ताकि कोई फीस के कारण तैयारी से न चूक जाए। इसके अलावा, हम प्रतिभागियों के समय के हिसाब से ही कोचिंग टाइम रखते हैं क्योंकि ये सभी डाक कर्मचारी हैं और उन्हें नौकरी के साथ तैयारी करनी होती है। पढ़ाने के अलावा, हम उनके साथ पहले साल के प्रश्न पत्र भी डिसकस करते हैं। उनके लिए मॉक टेस्ट भी डिज़ाइन किए गए हैं ताकि वे प्रैक्टिस कर सकें।”

जीरो इन्वेस्टमेंट से लाखों की कमाई:

मध्य प्रदेश के अंकित कुमार कहते हैं कि राजन के लगातार मार्गदर्शन और स्टडी मटीरियल के कारण ही आज वह ग्रामीण डाक सेवक से पोस्टल असिस्टेंट बन पाए हैं। वहीं, नागालैंड के राहुल पॉल भी ग्रामीण डाक सेवक से मल्टी-टास्किंग स्टाफ का पद पाने का श्रेय ई-पोस्टल नेटवर्क को ही देते हैं। देश के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से डाक कर्मचारी राजन की ऑनलाइन कोचिंग क्लास या उनके यूट्यूब चैनल से जुड़े हुए हैं।

राजन कहते हैं, “एक बार मुझे किसी का मैसेज आया और इसे पढ़कर मुझे बहुत संतोष हुआ। मैसेज में उन सज्जन ने लिखा था कि उन्होंने अपने एक दोस्त को मेरी कोचिंग क्लास से जोड़ा था। जो पिछले कई सालों से GDS के पद पर काम कर रहा था और आज हमारी कोचिंग क्लास से पढ़कर, 49 साल की उम्र में उन्हें अपना पहला प्रोमोशन बतौर पोस्टमैन मिला है।”

राजन बताते हैं कि उन्होंने अपना स्टार्टअप जीरो इन्वेस्टमेंट से शुरू किया था। उन्होंने समय और मेहनत पूरी लगाई। लेकिन पूंजी एकदम ना के बराबर इन्वेस्ट की। लेकिन आज उनका टर्नओवर लाखों में है। हर महीने वह अपनी कोचिंग क्लास, स्टडी मटीरियल और यूट्यूब चैनल से लगभग चार लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए अब उन्होंने ‘इंडियन आर्मी पोस्टल’ के लिए भी क्लासेस शुरू की हैं। “मैं एक-एक करके केंद्रीय स्तर पर काम करने वाले विभागों की परीक्षाओं की कोचिंग कराना चाहता हूं। डाक विभाग के बाद, मेरी कोशिश रेलवे विभाग की परीक्षाओं की कोचिंग शुरू करने की है,” उन्होंने कहा। 

अंत में सभी युवाओं के लिए सिर्फ यही संदेश देते हैं कि अगर आपको खुद पर भरोसा है तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। आपका काम सिर्फ मेहनत करना होना चाहिए। बेशक, राजन नाथ की कहानी आज के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है। अगर आप कोचिंग से संबंधित कोई जानकारी चाहते हैं तो राजन को 086385 87698 पर व्हाट्सऐप कर सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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