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मात्र 12वीं पास हैं, पर कटहल से बनाए ऐसे-ऐसे उत्पाद कि कमाई हो गयी लाखों में

कटहल को न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक अलग पहचान मिल रही है। इसका मुख्य कारण है इसका औषधीय गुण। डायबिटीज जैसी बिमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए कटहल बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इसलिए ही आज बहुत से लोग कटहल को प्रोसेस करके इससे तरह-तरह के उत्पाद बना रहे हैं। इन्हीं में एक नाम शामिल होता है केरल की फ़्रेंसी जोशीमोन का। केरल के त्रिशूर में करलम पंचायत (Karalam) में स्थित उनकी प्रोसेसिंग यूनिट, ‘मिन्नुस फ्रेश फ़ूड प्रोडक्ट्स‘ (Minnus Fresh Food Products) के जरिए वह कटहल के अलग-अलग उत्पाद जैसे कटहल गेहूं आटा, कटहल हेल्दी मिक्स, कटहल के चिप्स और जेली के साथ-साथ अंकुरित गेहूं पाउडर, अंकुरित रागी पाउडर, मिर्च पाउडर, हल्दी, धनिया पाउडर, चावल पाउडर जैसे 10 से ज्यादा खाद्य उत्पाद लोगों तक पहुंचा रही हैं। 

मात्र 12वीं तक पढ़ी फ़्रेंसी ने अपने सफर के बारे में बताया, “कुछ साल पहले हमें पता चला कि मेरे पिताजी को कैंसर है और इसके बाद चीजें एकदम बदल गयी। हम उनके लिए एकदम स्वस्थ और जैविक खाद्य उत्पाद बाजार में तलाशने लगे। जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हों और साथ ही, इम्युनिटी भी बढ़ाएं। लेकिन बाजार में इस तरह के ज्यादा विकल्प उपलब्ध नहीं थे। तब हमें अहसास हुआ कि अगर हम इस क्षेत्र में कुछ सकते हैं? उसी दौरान की गयी रिसर्च से पता चला कि कटहल स्वास्थ्य के लिए कितना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।” 

हालांकि, उन्होंने अपने पिता को कैंसर के कारण खो दिया लेकिन साथ ही, दूसरे लोगों को स्वस्थ और जैविक खाद्य उत्पाद देने का फैसला किया। काफी रिसर्च करने के बाद, लगभग चार साल पहले उन्होंने घर से ही अपने काम की शुरुआत की और जब ग्राहकों की प्रतिक्रिया अच्छी मिलने लगी तो उन्होंने अपने व्यवसाय का स्तर बढ़ाने का फैसला किया। 2019 में उन्होंने अपनी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की, जिसका उद्घाटन राज्य के कृषि मंत्री, वी. एस. सुनील कुमार ने किया था। अपनी यूनिट सेट-अप करने के लिए उन्हें केरल कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र, अलेप्पी से भी काफी मदद मिली है। 

प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन

कृषि विज्ञान केंद्र, अलेप्पी में कार्यरत जिस्सी जॉर्ज बताती हैं कि केंद्र द्वारा कटहल की प्रोसेसिंग को लेकर काम किया जा रहा है। कटहल को प्रोसेस करके इसके अलग-अलग उत्पाद कैसे बनाए जा सकते हैं, इस विषय पर अलग-अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम किए जाते हैं। साथ ही, प्रोसेसिंग में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

बनाते हैं अलग-अलग उत्पाद: 

वह आगे बताती हैं कि अपने सभी उत्पादों के लिए वह कच्चा माल जैसे कटहल, गेहूं, चावल और अन्य मसाले स्थानीय किसानों से ही खरीदती हैं। सबसे पहले कच्चे माल को अच्छे से साफ किया जाता है और इसके बाद, प्रोसेसिंग यूनिट में सभी खाद्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। उनकी यूनिट में सभी कामों के लिए अलग-अलग मशीन हैं जैसे रोस्टर, ड्रायर, ट्रे, पल्वेराइजर, ब्लेंडर और पल्पर आदि। निवेश के बारे में वह कहती हैं कि यूनिट सेटअप करने में उनके पति और परिवार ने सहयोग किया है। उन्हें अभी तक कोई लोन लेने की जरूरत नहीं पड़ी है। 

फ़्रेंसी की यूनिट का मुख्य उत्पाद कटहल है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कटहल से ब्लड शुगर लेवल कम होता है और इसलिए ही यह डायबिटीज के मरीज़ों के लिए बढ़िया है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक कटहल से ग्लाइकोसिलेटड हीमोग्लोबिन, FBG और PPG कम होता है। इसलिए कटहल को नियमित डाइट में लेना कारगर है। उन्होंने बताया, “एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कटहल ब्लड से न सिर्फ शुगर लेवल को कम करता है बल्कि कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में यह लाभदायक है। हमने अपना एक इम्युनिटी बूस्टर प्रोडक्ट भी बनाया हुआ है।”  

Making more than 10 types of products

उनके उत्पाद खासतौर पर बीमार लोगों को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। लेकिन इन्हें और लोग भी अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं क्योंकि ये सभी तरह के लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक हैं। उन्होंने छोटे बच्चों के लिए भी खाद्य उत्पाद तैयार किए हैं जो बचपन से ही बच्चों की इम्युनिटी को सही रखने में सहायक हैं। वह बताती हैं कि उनके  ज्यादातर ग्राहक केरल में हैं और कभी-कभी उन्हें मुंबई से भी ऑर्डर मिलते हैं। 

आसान नहीं थी राह: 

फ़्रेंसी के पति, जोशीमोन पी. ए. कहते हैं कि किसी भी व्यवसाय को खड़ा करने में पैसे के अलावा हुनर और मेहनत की भी जरूरत होती है। फ़्रेंसी के पास हुनर है लेकिन फिर भी उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे पहले तो उनके आसपास के लोगों से उन्हें ज्यादा अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली। क्योंकि उनके रिश्तेदारों और जानने वालों को बिल्कुल भी नहीं लगा था कि वह अपना व्यवसाय चला सकती हैं। उन्हें कई बार बातें भी सुनने को मिलती थीं। लेकिन फ़्रेंसी ने हार नहीं मानी और न ही उनके पति ने उनका साथ छोड़ा। 

एक-एक कदम आगे बढ़ाकर उन्होंने अपनी यूनिट को इतना आगे पहुंचा दिया कि आज वह चार-पांच महिलाओं को रोजगार दे पा रही हैं। उनके साथ काम करने वाली महिलाओं का कहना है कि इस यूनिट में वे सभी सम्मान के साथ काम कर रही हैं और अपने घर-परिवार में आर्थिक सहयोग दे पा रही हैं। फ़्रेंसी कहती हैं कि यूनिट के रजिस्ट्रेशन और अन्य चीजों में भी काफी समय लगा, क्योंकि यह फूड बिज़नेस है।

Working in her processing unit

लेकिन आज उन्हें ख़ुशी है कि उन्होंने हार मानने की बजाय, सभी मुश्किलें झेलकर आगे बढ़ने का फैसला लिया। क्योंकि आज जब ग्राहक उनसे कहते हैं कि उनके हेल्दी मिक्स और इम्युनिटी बूस्टर से उन्हें मदद मिल रही है तो फ़्रेंसी का हौसला और बढ़ जाता है। वह कहती हैं कि उनकी कंपनी को शुरू हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है और कोविड महामारी का भी असर बिज़नेस पर पड़ा है। 

लेकिन फिर भी उन्हें उम्मीद है कि इस साल उनका टर्नओवर 10 लाख रुपए के आंकड़े को पार कर जाएगा। फ़्रेंसी कहती हैं कि फिलहाल, उनका फोकस ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचने पर है। क्योंकि जितने ज्यादा लोगों तक वह पहुंचेंगी, उतने ज्यादा लोगों को अच्छा और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पाद दे पाएंगी। अंत में वह कहती हैं, “महिलाओं को दूसरों की बातों की परवाह किए बिना अपने फैसले लेने चाहिए। कहते हैं कि अगर एक औरत कुछ ठान ले तो फिर उसे भगवान भी नहीं बदल सकते हैं। क्योंकि महिलाओं की इच्छाशक्ति बहुत ज्यादा मजबूत होती है। इसलिए हर एक महिला को अपने हुनर को पहचानकर आगे बढ़ना चाहिए।” 

यदि आप उनके उत्पाद खरीदना चाहते हैं या फिर उनसे संपर्क करना चाहते हैं तो उनका फेसबुक पेज देख सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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