कम लागत, कम समय में फुल चार्ज होगा यह 3-व्हीलर

fastest charging EVs

ईवी स्टार्टअप एक्सपोनेंट एनर्जी और अल्टिग्रीन प्रोपल्शन लैब्स ने घोषणा की है कि दोनों मिलकर सबसे तेज़ चार्ज होने वाला एक इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर लॉन्च करने जा रहे हैं, जिससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दुनिया बदल सकती है।

दो साल से थोड़ा ज्यादा समय की बात है। बेंगलुरु की एक इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) कंपनी, अल्टिग्रीन प्रोपल्शन लैब्स के संस्थापक डॉ. अमिताभ सरन ने एक्सपोनेंट एनर्जी के सीईओ अरुण विनायक के सामने एक चुनौती रखी। चुनौती थी एक ऐसी बैटरी बनाने की, जो 15 मिनट या उससे कम समय में चार्ज हो सके और वे एक फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल बना सकें।

18 महीने की मेहनत के बाद, एक्सपोनेंट एनर्जी के अरुण और उनकी टीम ने ई^पैक और ई^पंप नाम का एक बैटरी पैक और चार्जिंग स्टेशन बनाकर तैयार किया, जो किफायती लिथियम-आयन सेल का उपयोग करते हुए हर तरह के कमर्शिअल गाड़ियों के लिए 15 मिनट के भीतर 0 से 100 प्रतिशत रैपिड चार्ज कर सकता है।

द बेटर इंडिया से बात करते हुए अमिताभ ने बताया कि शुरूआत में उन्हें लगा नहीं था कि ऐसा हो पाएगा। वह बताते हैं, “नियमित लिथियम-आयन सेल्स का इस्तेमाल करते हुए, एक्सपोनेंट एनर्जी ने एक संपूर्ण एनर्जी स्टैक बनाया, जिसका इस्तेमाल करते हुए गाड़ी को 15 मिनट में तेज़ी से चार्ज किया जा सकता है।”

इस फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल में किन चीज़ों का रखा गया है ध्यान?

3 अगस्त 2022 को अल्टिग्रीन प्रोपल्शन लैब्स और एक्सपोनेंट एनर्जी ने घोषणा की है कि वे मिलकर दुनिया में सबसे तेज़ चार्जिंग इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर लेकर आ रहे हैं, जो 15 मिनट के भीतर 0 से 100 प्रतिशत तक तेज़ी से चार्ज होता है।

अल्टीग्रीन neEV HD में 8.19 kWh e^pack है और यह एक्सपोनेंट द्वारा बनाई गई अपनी बैटरी है। यह वाहन 80-85 किमी की सिटी ड्राइव रेंज देता है और एक्सपोनेंट के ई^पंप नेटवर्क पर 15 मिनट में चार्ज हो जाता है।

यह ई^पंप द्वारा ई^पैक (15x इंड्स्ट्री स्टैंडर्ड) को 600A करंट डिलीवर करके हासिल किया जाता है। तेजी से चार्ज होने के साथ ही सुरक्षा, लंबी बैटरी लाइफ और 50 डिग्री सेल्सियस पर भी अच्छा प्रदर्शन देने जैसे चीज़ों को भी ध्यान में रखा गया है। एक्सपोनेंट एनर्जी का दावा है कि तेज़ी से चार्ज होने वाली बैटरी अल्टीजीन के वर्तमान में मौजूद लॉन्ग रेंज वर्जन की तुलना में 30 प्रतिशत छोटी है।

इसके अलावा ग्राहकों को किसी भी तरह का समझौता नहीं करना पड़ता है और वे आसानी से इन वाहनों का दिन भर इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैसे और क्यों किया दो स्टार्टअप ने साथ आने का फैसला?

Altigreen’s electric three-wheelers can carry heavy loads
Altigreen’s electric three-wheelers

एक्सपोनेंट एनर्जी के सह-संस्थापक और सीईओ अरुण कहते हैं कि पूरे भारत भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियां तभी बड़े पैमाने पर चलेंगी, जब ये फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल होंगे और ये लंबे समय तक चल सकेंगे। वह कहते हैं, “हमारा ई^पैक और ई^पंप 15 मिनट की रैपिड चार्जिंग और 3,000 साइकिल लाइफ वारंटी (एक नया उद्योग मानक) के साथ इसे संभव बनाता है।”

वह आगे कहते हैं कि उन्होंने मौजूदा मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम का फायदा उठाया है, जो बड़े पैमाने पर एलएफपी (लिथियम फेरो-फॉस्फेट) और एनएमसी (निकल मैंगनीज कोबाल्ट) सेल्स का उत्पादन करता है और बहुत तेज़ी से बढ़ता है।

अमिताभ का दावा है कि अगर आप आज दिल्ली में एक सीएनजी पंप पर जाते हैं, तो आपके वाहन को गैस से भरने में लगभग 45 मिनट लगते हैं। कुछ समय पहले तक, Altigreen के पास देश में सबसे तेज़ चार्जिंग (तीन घंटे में) वाला इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर था और अब, Altigreen दुनिया में सबसे तेज़ चार्जिंग वाला इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

दो कंपनी के बीच साझेदारी के बारे में विस्तार से बताते हुए, अरुण कहते हैं, “Altigreen के इंजीनियरिंग दृष्टिकोण को देखते हुए हमें लगा कि हम एकसाथ काम कर सकते हैं। हमें एहसास हुआ कि वह हमारे लिए सबसे अच्छे पार्टनर हो सकते हैं। एक्सपोनेंट और अल्टिग्रीन दोनों के इंजीनियरों को न केवल एक कॉन्सेप्ट को समझने के लिए, बल्कि इतने कम समय में इसे सड़क पर उतारने के लिए बहुत बहुत बधाई।”

“हमने साथ देखीं विफलताएं और सफलताएं”

अल्टिग्रीन पहला ओईएम था, जिसे अरुण एक्सपोनेंट एनर्जी शुरू करने से पहले ही मिले थे। वह उन कुछ ओईएम में से एक हैं, जिन्होंने अपना पूरा स्टैक इन-हाउस बनाया है।

अरूण कहते हैं, “यह ई-मोबिलिटी क्षेत्र में उन कंपनियों की तरह नहीं है, जो विक्रेताओं से कंपोनेंट की सोर्सिंग करते हैं और ट्रेडिंग दृष्टिकोण अपनाते हैं। बल्कि Altigreen ने भारत में फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने के लिए कई वर्षों से कड़ी मेहनत की है। वह अपने तकनीकी स्टैक और वाहनों के हर पार्ट को नियंत्रित करते हैं। यह वाहन के अनुभव, लोडिंग क्षमता, सॉफ्टवेयर विश्वसनीयता, प्रतिक्रिया या उनके स्वतंत्र निलंबन में दिखाता है। यह हमारे लिए बहुत स्पष्ट था कि यह सबसे अच्छे तिपहिया वाहनों में से एक है। वास्तव में, जब ड्राइव अनुभव की बात आती है, तो यह डीजल वाहनों से बेहतर होता है।”

वह आगे बताते हैं, “हमने यहां एक्सपोनेंट में जो बनाया है वह ऐसा नहीं है, जिसे आप खरीद लें और एक साथ रख दें। दोनों टीमों को मिलकर काम करना होगा। आगे बढ़ना, ब्लो-अप, विफलताएं आदि हो सकती हैं। पिछले कई महीनों में हमने विफलताएं देखीं और यह हमारे लिए काफी अच्छा रहा, क्योंकि हमने अपने प्रोडक्ट को और अच्छी तरह देखा और परखा। आज, हमें लगता है कि यह प्रोडक्ट लॉन्च के लिए तैयार है।”

फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल के लॉन्च से पहले जानी और समझी ग्राहकों की राय

Altigreen 2012-13 से EV तकनीक का निर्माण कर रही है। उन्हें पहले ही एहसास हो गया था कि जब तक भारत के लिए यह तकनीक नहीं बनाई जाती, तब तक वे डीजल से चलने वाले वाहनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं होंगे। कमर्शिअल कार्गो क्षेत्र में, डीजल नंबर एक ईंधन है, जिसका उपयोग किया जा रहा है, इसके बाद सीएनजी है।

निर्माताओं ने अपनी तकनीकों को साबित किया और यह सुनिश्चित किया है कि उनके वाहन अब भारतीय सड़कों का सामना कर सकते हैं, चाहे वह गड्ढे हों, जल-जमाव, पथरीली सड़कें हों या उच्च तापमान या फिर ओवरलोडिंग, गैर-पेशेवर ड्राइविंग आदि ही क्यों न हों।

याद करते हुए अमिताभ कहते हैं, “हम समझ गए थे कि जब तक हम समान ईवी बनाने में सक्षम नहीं होते हैं, तब तक ग्राहकों को इस ओर स्विच करने के लिए कहना और फिर उन्हें वाहन के साथ समझौता करना पड़े वह अच्छा नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने सबसे पहले टेक स्टैक का निर्माण किया, जिसका मतलब है मोटर्स, पूरा ड्राइवट्रेन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंट्रोलर, बैटरी, बीएमएस, गियरबॉक्स, सॉफ्टवेयर स्टैक, डिस्प्ले और वायर हार्नेस सहित डैशबोर्ड। टेक स्टैक के निर्माण के बाद, हमने एक दोपहिया, एक तिपहिया और एक चार पहिया वाहन बनाया। हमने इन सभी वाहनों को ऑटो एक्सपो में प्रदर्शित किया और ग्राहकों को यह तय करने दिया कि वे इनमें से किस पर दांव लगाने को तैयार हैं।”

सभी ने अपने इलेक्ट्रिक कार्गो थ्री-व्हीलर को चुना, क्योंकि इसके पास सिंगल चार्ज पर सबसे लंबी रेंज (थ्री-व्हीलर इलेक्ट्रिक व्हीकल श्रेणी में) और सबसे बड़ी वॉल्यूमेट्रिक क्षमता है।

क्या है इस फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल की खासियत?

अमिताभ का दावा है कि, उनका थ्री-व्हीलर एक सामान्य छोटे चारपहिया कमर्शिअल वाहन का लगभग 90 प्रतिशत बड़ा भार वहन कर सकता है। साथ ही, वह कहते हैं कि यह भारतीय सड़कों पर सबसे तेज़ गति से चलने वाला तिपहिया वाहन है और इसका ग्राउंड क्लीयरेंस भी सबसे अच्छा है।

उनका कहना है कि इसे भारतीय सड़कों, भारतीय टेक्नोलोजी और इनोवेशन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था, जिसके कारण आज Altigreen के पास 26 वैश्विक पेटेंट हैं। वह कहते हैं, “हम रात-रात भर चलने वाले ऑपरेटर नहीं हैं और किसी अन्य विक्रेता से मोटर या गियरबॉक्स की सोर्सिंग करने वालों में से भी नहीं हैं।”

तिपहिया वाहन अपनी तेज़ी के कारण विशेष रूप से उभरते बाजारों में बहुत महत्वपूर्ण वाहन हैं। इसे बड़ी आसानी से संकरी सड़कों पर चलाया जा सकता है और साथ ही बहुत की कम लागत में भारी भार ढोने के काम भी लाया जा सकता है। 

अमिताभ का दावा है, “अगर आप एक बेहतरीन छोटा चारपहिया कमर्शिअल वाहन लेने पर विचार कर रहे हैं, जिसका उपयोग काम करने की जगह या घर पर सामान पहुंचाने के लिए किया जाए, तो इसे चलाने के लिए लगभग 7 से 8 रुपये प्रति किमी का खर्च आता है। वहीं अल्टिग्रीन थ्री-व्हीलर के संचालन में लगभग 90 पैसे प्रति किमी का खर्च आता है, जिसमें चार्ज करने और बैटरी बदलने की लागत शामिल है।”

“अभी तो यह बस शुरुआत है”

अल्टिग्रीन के संस्थापक ने कहा, “पहली बार जब हमने एक्सपोनेंट एनर्जी के ई-पैक और ई-पंप का उपयोग करके अपने फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल को 0 प्रतिशत बैटरी से 100 प्रतिशत तक चार्ज किया, तो हमने इसे 14.5 मिनट के भीतर किया।”

एक्सपोनेंट ने ई^पैक बनाने के लिए 18 महीनों में हज़ारों चार्जिंग साइकिल (कई लाख किमी के बराबर) के लिए डेटा इकट्ठा किया है। Altigreen के साथ छह महीने के संयुक्त विकास और ऑन-रोड टेस्ट के बाद वह बाजार में आने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

अरूण कहते हैं, “एक्सपोनेंट में, हमारी भूमिका ऊर्जा की समस्या को हल करना है। हमने एक एनर्जी स्टैक बनाया है, जो किसी भी वोल्टेज प्लेटफॉर्म पर किसी भी बैटरी सेल के लिए काम कर सकता है और वाहन का अभी पता नहीं है। कार्गो वाहन तो अभी शुरुआत है। हम जल्द ही यात्री वाहनों, चार पहिया वाहनों आदि की ओर बढ़ेंगे। आगे जाने के लिए और भी बाज़ार हैं। हम खुद को ऊर्जा पक्ष में भूमिका निभाते हुए देखते हैं और तिपहिया वाहन पहला बाज़ार है, जिसमें हमने प्रवेश किया है।”

इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सॉफ्टवेयर एक बड़ा अंतर है। मोटर, बैटरी, सेंसर, तापमान, सेल तापमान आदि से प्राप्त डेटा के आधार पर बहुत कुछ किया जा सकता है।

बाहर से लेने के बजाय, खुद बनाया गियरबॉक्स

वाहन की दक्षता में सुधार के लिए उस डेटा का उपयोग करने के बारे में बोलते हुए अमिताभ कहते हैं, “अल्टिग्रीन द्वारा निर्मित मोटर के साथ बैटरी का अच्छा मेल है। ऐसे वाहनों में, सॉफ्टवेयर बड़ा अंतर बन जाता है। यहीं पर Altigreen बहुत सारे अच्छे काम करता है। आप बैटरी से कुशलता से ऊर्जा कैसे निकालते हैं? यह सब मोटर और सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता है।”

जहां तक मोटर्स का सवाल है, Altigreen ने 2013 में मैग्नेट से दूर जाने का एक सचेत निर्णय लिया। अमिताभ कहते हैं, “हमने एक एसी-इंडक्शन मोटर बनाया। इस मशीन की खूबी यह है कि यह भारत में उपलब्ध स्टील और तांबे का उपयोग करती है और मैग्नेटाइज्ड मोटर जैसी दक्षता दे सकती है। एक चुंबकीय मोटर के लिए 94 प्रतिशत दक्षता के बजाय, हम 92 प्रतिशत वितरित करते हैं।”

वह आगे कहते हैं, “हम मोटर दक्षता की ओर थोड़ा और आगे बढ़ रहे हैं। ज्यादातर समय, जब आप अपनी कार चलाते हैं, तो आप देखेंगे कि यह आपके डैशबोर्ड पर 5,000 आरपीएम के निशान को पार करने के बाद, रेड जोन में प्रवेश करती है। दुनिया में बहुत कम कमर्शिअल रूप से इस्तेमाल किए जा रहे गियरबॉक्स हैं, जो 10,000 आरपीएम पर चलते हैं। इसलिए, हमें अपने स्वयं के गियर भी विकसित करने पड़े।”

“हमारा पूरा फोकस इसपर कि कैसे कम कर सकते हैं कीमत”

Left: Dr Amitabh Saran, founder of Altigreen Propulsion Labs; Right: Exponent Energy co-founders Arun Vinayak and Sanjay Byalal

अल्टीग्रीन और एक्सपोनेंट दोनों साथ काम कर रहे हैं, ताकि अक्टूबर 2022 से ग्राहकों तक neEV HD पहुंच सके। तब तक, एक्सपोनेंट, अल्टीग्रीन के साथ मिलकर टेस्ट करना जारी रखेगा, जिसके बाद ग्राहक हैंडओवर शुरू हो जाएगा। वे पायलट के तौर पर 2,000 वाहनों को सड़क पर तैनात करेंगे।

अमिताभ कहते हैं, “हम इसका उपयोग यह समझने के लिए करेंगे कि लोग आगे भी इन वाहनों का उपयोग कैसे करने जा रहे हैं, उनकी कमाई की क्षमता कैसी है, वे कितना चार्ज करते हैं, कितनी बार चार्ज करते हैं, आदि। इन मापदंडों के आधार पर हम इसकी एक कीमत तय करेंगे।”

अरूण कहते हैं, “अभी हमारा ध्यान इस बात पर है कि हम चार्जिंग को अधिक कुशल और सस्ता कैसे बना सकते हैं? तेज़ चार्जिंग के साथ, प्रक्रिया सस्ती हो जाती है। आज, अगर आप अपने ईवी को सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर ले जाते हैं, तो आपको प्रति यूनिट बिजली 20-24 रुपये का भुगतान करना होगा, क्योंकि आप तीन या चार घंटे (सार्वजनिक पार्किंग स्थान) के लिए भुगतान कर रहे हैं। 

वहीं 15 मिनट की फुल चार्जिंग के साथ, चार्जर की लागत थोड़ी बढ़ जाती है, लेकिन प्रवाह क्षमता में तेजी से वृद्धि होती है। इससे चार्जिंग की कीमत कम हो जाती है, यानी आपके द्वारा चुकाए जा रहे प्रति यूनिट रुपये, जो सीधे तौर पर रुपये/किमी लागत को कम करने में तब्दील हो जाती है।

क्या हैं इस फास्ट चार्जिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए फंडिंग प्लान?

अरूण ने कहा, “हम सबसे पहले हर शहर में 2,000 वाहनों और 100 चार्जिंग स्टेशन की योजना बना रहे हैं। अल्टिग्रीन और हम, पहले बेंगलुरु पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, क्योंकि वह घरेलू मैदान है। इस लक्ष्य को पूरा करने के बाद, जैसे-जैसे हम विकसित होंगे, हम दूसरे शहरों की ओर जाएंगे। इस वित्तीय वर्ष में, हमारा लक्ष्य है कि बेंगलुरु में 100 ई^पंप स्थापित होने चाहिए।

सिक्स्थ सेंस वेंचर्स, रिलायंस न्यू एनर्जी, एक्सपोनेंटिया कैपिटल आदि के नेतृत्व में 300 करोड़ रुपये के नए निवेश के साथ, अल्टिग्रीन एक मजबूत अखिल भारतीय वितरण नेटवर्क विकसित करते हुए अपनी आरएंडडी और उत्पादन क्षमताओं को आक्रामक रूप से बढ़ा रहा है, ताकि वे सबसे अच्छा विकल्प प्रदान कर सकें। इसका उपयोग पूरे भारत में एक्सपोनेंट की 15 मिनट की रैपिड चार्जिंग के लाभों की पेशकश करने के लिए किया जाएगा।

अपने हालिया फंडरेजिंग, जिसमें हीरो मोटोकॉर्प के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. पवन मुंजाल का फैमिली ऑफिस शामिल है, एक्सपोनेंट एनर्जी अपने ई-पैक उत्पादन में तेजी ला रही है और अपने पहले चरण में पूरे बेंगलुरु में 100 ई ^ पंप स्थापित कर रही है। अल्टिग्रीन के सहयोग से अन्य शहर भी इसका पालन करेंगे।

अब तक, एक्सपोनेंट एनर्जी ने प्रमुख निवेशकों से 6 मिलियन अमरीकी डालर जुटाए हैं, जिसमें मदरसन ग्रुप के साथ YourNest VC, 3one4 Capital, AdvantEdge VC, और एंजेल निवेशक राजेश याबाजी, ब्लैकबक के सह-संस्थापक और सीईओ, लेट्सट्रांसपोर्ट के सह-संस्थापक और सीईओ पुष्कर सिंह शामिल हैं।

संपादनः अर्चना दुबे

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