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फुल-टाइम नौकरी के साथ, बिरयानी बेचकर 45 हज़ार हर महीने कमा रहे ये इंजीनियर

Side business with job

दिल्ली में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान अक्सर हम सभी दोस्त बैठकर मोमोज का ठेला लगाने का प्लान बनाया करते थे। हालांकि यह प्लान बस प्लान ही रह गया लेकिन आज हम आपको ऐसे दो दोस्तों की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिनके पास अच्छी-खासी नौकरियां हैं लेकिन फिर भी वे बिरयानी का ठेला चला रहे हैं। 

ओडिशा के मलकानगिरी में कलेक्टर ऑफिस के पास गली में एक अनोखा फ़ूड कार्ट है, जिसका नाम है- ‘इंजीनियर्स ठेला’। यह ठेला मार्च 2021 से ग्राहकों को स्वादिष्ट बिरयानी और चिकन टिक्का खिला रहा है। हालांकि, इस ठेले को किसी शेफ ने नहीं बल्कि कॉर्पोरट कंपनियों में काम करने वाले सुमित सामल और प्रियम बेबर्ता ने शुरू किया है। ये दोनों पेशे से इंजीनियर हैं और अपनी-अपनी नौकरी भी कर रहे हैं। 

द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि आखिर क्यों उन्होंने अपना फ़ूड बिज़नेस शुरू किया और यह कैसे चल रहा है। 

शुरू किया ‘इंजीनियर्स ठेला’

सुमित और प्रियम बचपन के दोस्त हैं और कोविड-19 के कारण पिछले कुछ समय से घर से ही काम कर रहे हैं। ऐसे में, ऑफिस खत्म होने के बाद, अक्सर शाम में दोनों दोस्त बिरयानी खाने निकल जाते थे। लेकिन अगर सड़क किनारे लगे स्ट्रीट फ़ूड के ठेलों की स्थिति पर करीब से ध्यान दिया जाए तो स्वच्छता का सवाल उठता ही है। प्रियम बताते हैं, “सबको स्ट्रीट फ़ूड पसंद होता है और फिर कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके लिए ये ठेले वाले ही खाने का सहारा होते हैं। एक बार ऐसे ही एक ठेले पर हम खा रहे थे जो एक सीवेज ड्रेन के पास था। उनका मीट भी सही नहीं लग रहा था और इस कारण हम सोच में पड़ गए कि हर दिन इतने लोगों द्वारा खाये जाने वाले इस खाने की क्वालिटी सही है क्या?” 

यहीं से सुमित और प्रियम को अपना फ़ूड बिज़नेस शुरू करने की प्रेरणा मिली। वे दोनों एक ऐसा फूड ठेला तैयार करना चाहते थे जहां खाना तो स्वादिष्ट मिले ही साथ ही सफाई पर भी सबसे अधिक ध्यान रखा जाए। उनका आईडिया अच्छा खाना बनाने का था, जो सभी तबकों से आने वाले लोग खा पाएं। हालांकि, दोनों में कोई भी खाना बनाने में एक्सपर्ट नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने घर पर अपनी माँ से बिरयानी बनाना सीखा। 

“साथ ही, हम दोनों ने अलग-अलग विषयों पर रिसर्च की कि कैसे सामग्री मिलती है और कैसे आप मेन्यू बनाते हैं। आखिरकार हमने एक फिक्स रेसिपीज का एक छोटा सा मेन्यू बना लिया,” उन्होंने कहा। 

अगला कदम था, ऐसे किसी इंसान को हायर करना, जो इन रेसिपीज को बना सके और उसके काम करने के लिए एक जगह ढूंढ़ना। सुमित और प्रियम ने शुरुआत में अपने बिज़नेस के लिए 50 हजार का निवेश किया। उन्होंने दो कुक हायर किए और एक छोटा सा कमरा किराये पर लिया, जहां हर दिन व्यंजन तैयार किए जा सकें। 

हर महीने कमा रहे हैं 45 हजार रुपए 

सुमित कहते हैं, “आईडिया ऐसा खाना बनाने का था जो घर के बने हुए खाने जैसा हो। इसलिए हम सभी चीजों का अच्छे से निरीक्षण करते हैं कि किस तरह खाना बनाया जा रहा है ताकि गुणवत्ता बरक़रार रहे। यहां तक कि बाजार से रॉ मटीरियल भी हम दोनों खुद लेकर आते हैं।”  

दोनों ने दोस्तों ने मार्च 2021 में ‘इंजीनियर्स ठेला’ की शुरुआत की। हर शाम अपने ऑफिस के काम के बाद, दोनों हर दिन अपना ठेला लगाते हैं और लोगों को स्वादिष्ट व्यंजन खिला रहे हैं। उनके व्यंजनों के स्वाद और गुणवत्ता के कारण ही, कुछ ही दिनों में उनका ठेला अच्छा चलने लगा। 

उनकी चिकन बिरयानी की एक प्लेट 120 रुपए की है और हाफ प्लेट 70 रुपए की। लोगों के बीच अपनी जगह बना चुका ‘इंजीनियर्स ठेला’ हर दिन 100 से ज्यादा प्लेट बिरयानी बेच रहा है और साथ ही, उनके चिकन टिक्का की भी अच्छी मांग है। “हमारी हर दिन की लागत लगभग 1000 रुपए है और इससे हम हर दिन 8000 रुपए तक कमाते हैं। इसमें से अन्य सभी लागत निकालने के बाद हम हर महीने लगभग 45000 रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं,” प्रियम ने कहा। 

फिलहाल, कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए वे डिलीवरी मॉडल पर काम कर रहे हैं। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही उनका ठेला एक बार फिर रोडसाइड दिखने लगेगा। 

अगर आप उनके इलाके के आसपास रहते हैं तो 7978147252 पर कॉल करके उनसे बिरयानी या चिकन टिक्का ऑर्डर कर सकते हैं। 

मूल लेख: रिया गुप्ता 

संपादन- जी एन झा

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